धरमजयगढ़। जिले में राजस्व विभाग में एक अजीबो गरीब केस सामने आया है। जिसमें दो अलग अलग जाति वर्ग में शामिल दो लोगों ने कोल ब्लॉक में प्रभावित जमीन का आपसी बंटवारा कर लिया। जानकारों और राजस्व रिकार्ड के अनुसार मूल भू स्वामी दूसरी जाति वर्ग में शामिल है और जिसके नाम पर उसकी जमीन का बंटवारा किया गया है वह अलग जाति वर्ग का है। समुदाय विशेष के वरिष्ठ जनों का कहना है कि किसी भी समाज में दो भिन्न जाति वर्ग के लोगों के बीच भूमि का आपसी बंटवारा असंभव है। संभावना है कि कोल ब्लॉक क्षेत्र में सरकारी पट्टे पर प्राप्त जमीन का असंबद्ध व्यक्तियों के बीच बटवारा कर सीधी तरह से घोटाला किया गया है। इस मामले में पहले राजस्व कोर्ट में केस लगाकर कथित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपना नाम शामिल करने का केस दर्ज किया गया। जिसके कुछ दिनों बाद ही भिन्न जाति वर्ग में शामिल दोनों पक्षों के बीच आपसी जमीन बंटवारा कर दिया गया है। इस मामले में मजे की बात यह है कि इस बंटवारे में मूल भू स्वामी के हिस्से में करीब 2 एकड़ भूमि आई है जबकि दूसरे व्यक्ति को करीब 5 एकड़ जमीन मिली है। तो इस तरह मूल भू स्वामी ने उदारता दिखाते हुए अपनी जमीन का करीब 3 गुना हिस्सा अपने उस कथित रिश्तेदार को दे दिया, जिसका नाम कोर्ट के आदेश पर राजस्व रिकॉर्ड में हाल ही में शामिल किया गया था। इस मामले में बंटवारा सिफऱ् एक व्यक्ति के नाम पर किया गया है जबकि उसके परिजनों का नाम शामिल नहीं किया गया। तहसील के हल्का नंबर 33 की एक भूमि का केस दर्ज कर निर्मल और दीपक नामक दो भिन्न जाति वर्ग के व्यक्ति के बीच बंटवारा का आदेश पारित किया गया है।
यह मामला रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ तहसील क्षेत्र का है। जहां पर एसईसीएल कोल ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत आने वाली 7 एकड़ की एक भूमि का दो असंबद्ध व्यक्तियों के बीच कथित नाजायज बटवारा करने का मामला सामने आया है। रिकॉर्ड के अनुसार यह कारनामा बीते साल ही कर लिया गया है। जिसमें दो अलग अलग जाति वर्ग के दो लोगों के बीच कोल ब्लॉक क्षेत्र में प्रभावित भूमि का बंटवारा कर दिया गया है। बता दें कि दोनों अलग अलग उपनाम वाले स्थानीय निवासी भिन्न जाति समूह में शामिल हैं। जिनके बीच किसी भी तरह से कोई निजी रिश्ता नहीं हो सकता है और न ही उनके बीच जमीन का आपसी बंटवारा हो सकता है।
एक पटवारी ने की वकालत, दूसरे ने जताई हैरानी
इस बंटवारा केस के दौरान वहां पदस्थ हल्का पटवारी बाल मुकुंद सारथी ने बंटवारे की वकालत करते हुए कहा कि राजस्व कोर्ट के आदेश पर बंटवारा किया गया है। इसके ठीक उलट हल्के के वर्तमान पटवारी ने इस मामले को लेकर हैरानी जताई है।
कोल ब्लॉक की भूमि का असंबद्ध व्यक्तियों के बीच अवैध बटवारा!
