लैलूंगा। बांसडांड़ ग्राम पंचायत के लोग आज भी सरकारी योजनाओं का लाभ पाने से वंचित हैं। हालात इस कदर गंभीर हैं कि पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) के तहत मिलने वाले राशन को लेने के लिए लोगों को दूसरे मोहल्लों या यहां तक कि दूसरे गांवों का रुख करना पड़ रहा है। इससे न केवल असुविधा हो रही है, बल्कि राशन लेने के लिए लंबी कतारें लगानी पड़ती हैं, जिसमें भीड़-भाड़ का माहौल बनता है।
पहले भी इस पंचायत में विभिन्न प्रकार के घोटाले सामने आए हैं, जैसे बोर खनन और तालाब गहरीकरण से संबंधित घोटाले। लेकिन इस बार, उन्होंने लोगों के साथ अन्याय की सारी हदें पार कर दी हैं। जनता पहले से ही अव्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार से परेशान थी, और अब प्रशासन की इस लापरवाही ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है।
विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से पता चला है कि गाँव में पीडीएस भवन के निर्माण के लिए सरकार द्वारा 14 लाख की राशि आवंटित की गई थी, परंतु यह परियोजना आज भी अधूरी है। निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है, और इसके साथ ही आवंटित धनराशि भी खत्म हो गई है। सरपंच और सचिव की मनमानी के चलते भवन का कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया, जिससे जनता को राशन वितरण जैसी बुनियादी सेवाओं के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
राशन दुकान की दुर्दशा
पीडीएस भवन के न बनने के कारण अस्थायी राशन दुकान में न तो दरवाजे हैं, न ही कोई रंगाई-पोताई हुई है। दुकान खंडहर जैसी हालत में है, जहां बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। ऐसे माहौल में राशन का वितरण सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। दुकान के अभाव में लोगों को लंबी लाइनों में खड़े रहना पड़ता है और अधिकांश समय लोगों को निराशा ही हाथ लगती है। गांववाले सरपंच और सचिव से बार-बार अनुरोध कर चुके हैं कि पीडीएस भवन का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि राशन वितरण सुचारू रूप से हो सके। लेकिन उनका कहना है कि जब तक भवन का कार्य पूरा नहीं होगा, तब तक स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी। इस अडिय़ल रवैये की वजह से गांववाले बीच में पिस रहे हैं, और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है।
बांसडांड़ पंचायत में सरकारी योजनाओं का नहीं मिल पा रहा लाभ
