रायगढ़। सितंबर से भाजपा का सदस्यता अभियान, बूथ से लेकर राष्ट्रीय पदाधिकारियों का होगा चुनावसत्ता पर संगठन की हनक रखने वाली भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता अभियान 1 सितंबर से पूरे देश में शुरू हो जाएगी। भाजपा रायगढ़ की बात करें तो यहां संगठन पर सत्ता ज्यादा हावी दिख रहा है। भाजपा कार्यकर्ता पीड़ा में हैं उन्हें तवज्जों नहीं दिया जा रहा है उनका कार्य नहीं हो रहा। कार्यकर्ता अपनी जमीं खोने लगे हैं उनका उनके क्षेत्र में वजूद खतरे में है।
विदित हो कि किसान और महिला जैसे मुद्दों के कारण 2018 में सत्ता गंवाने वाली भाजपा 2023 में लौटी तो सबसे पहले किसान कल्याण और महतारी वंदन की। प्रदेश स्तर पर तस्वीर अच्छी दिखती है पर बात जब जिला स्तरीय हो तो रायगढ़ में फिलहाल सत्ता का केंद्रीयकरण हो चुका है जबकि संगठन विकेंद्रीयकरण पर भरोसा रखता है। तभी तो संगठन का मंडल अध्यक्ष पार्टी में अच्छी पैठ रखता है और संगठन ने उन्हें वित्तीय अधिकार भी दिए हैं। स्थानीय या बूथ समिति भाजपा की सबसे छोटी इकाई है जिसमें अमूमन एक या आधा मोहल्ला आता है। एक क्षेत्र के कई बूथ समिति मंडल के अंदर आते हैं। मंडल ही फिर जिला कार्यकारिणी तय करते हैं। फिलहाल रायगढ़ जिले में भाजपा के 23 मंडल हैं।
इस क्रम से कार्यकर्ता की अहमियत पता चलती है पर कार्यकर्ताओं ने ही बताया कि जैसे रायगढ़ से दो सांसद, एक विधायक है पर सांसद हैं कहां? भाजपा जिलाध्यक्ष लगातार कार्यक्रमों से नदारद हैं। उनका कार्यकाल लगभग पूर्ण हो चुका है इस मुद्रा में वह दिखते हैं। ऐसे में नए भाजपा अध्यक्ष को लेकर चर्चा आम है कि क्या वह वर्चस्व को चुनौती देने वाला होगा या फिर समगुटीय होगा। क्या सत्ता सुख में विघ्न डाल पार्टी के कार्यों में मसरूफ होगा। रायगढ़ जिले की 4 विधानसभा सीटों में से सिर्फ एक ही सीट जीती भाजपा क्या मंथन करेगी या फिर पुराने बल्लमों की कहानी से नई इबारत लिखेगी।
कुछ ही दिन में भाजपा में स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर की कार्यकारिणी के चुनाव क्रमवार होंगे। तय है रायगढ़ भाजपा की कार्यकारिणी जिलाध्यक्ष समते बदलेगी फिर कौन किस पद पर होगा इसे लेकर कई दिनों से आंतरिक घेराबंदी शुरू हो गई है। 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार के बाद संगठन चुनाव हुए तब से उमेश अग्रवाल भाजपा के जिलाध्यक्ष हैं। करीब 5 साल के इनके कार्यकाल में भाजपा संगठन ने अच्छे से कार्य किया पर अभी कुछ दिन पहले एक मंडल के महामंत्री और उस क्षेत्र के कद्दावर भाजपा नेता मुक्तिनाथ प्रसाद पर जानलेवा हमला हुआ। मुक्तिनाथ खुद भाजपा और उसके आनुषांगिक संगठन से जुड़े कुछ युवा कार्यकर्ताओं को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं पर संगठन में खामोशी है। जबकि भाजपा को सबसे अनुशासित पार्टी माना जाता है यहां नेताओं में आपसी तू-तू मैं-मैं तो आम है पर जानलेवा हमला विरला है।
कुछ कार्यकर्ता यह भी कहने से नहीं चूक रहे है कि इस बार प्रशासनिक अमले द्वारा उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है। उन्हें नीचा दिखाया जा रहा है जन समस्या की बात कोई सुन ही नहीं रहा। सत्ता में भी होकर उन्हें विपक्ष वाली फीलिंग आ रही है। ठीक इसी तरह लैलूंगा के तोलगे में जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन चल रहा था है और वहां दोपहर भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत सोशल मीडिया पर लाइव करते हैं और जिला प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहते हैं कि 11.30 बजे शिविर लगा और 2.30 बजे टीम पिकनिक मनाने लौट गई। ऐसी मनमानी नहीं चलेगा। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर अफसरशाही मनमानी नहीं चलेगी के नाम से मौजूद है।
सीएम की जनसमस्या शिविर में भीड़ इसलिए हो रही है कि स्थानीय स्तर पर आम कार्यकर्ता कुछ नहीं कर पा रहा है। हमसे ऑफिस ऑफिस खेला जा रहा है। आम तो छोडि़ए बड़े नेता भी इस बार कुछ नहीं कर पा रहे हैं जब कलेक्टर जनदर्शन में राशन कार्ड, पेंशन और पीएम आवास दे रहे तो जनप्रतिनिधि होने का क्या अर्थ।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है रायगढ़ जिला भाजपा में अभी सब ठीक नहीं चल रहा है। हताश कार्यकर्ता किसी भी पार्टी के लिए खतरे की घंटी है। वैसे में तब जब कुछ दिनों बाद नगरीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। एक कार्यक्रम में चुनिंदा कार्यकर्ताओं का सम्मान करके सुर्खियां बटोरी जा सकतीं हैं पर उस हताश कार्यकर्ता का मनोबल नहीं उठ सकता। भाजपा के बड़े नेता परिक्रमा बोले बिन बोले कर रहे हैं। भाजपा संगठन इन सारी बातों को चुपचाप देख रहा है क्योंकि संगठन की रीति-नीति पारदर्शी है वह संगठन को ही सर्वोपरि मानती है भले कुछ कारणवश उसे देर हो जाती है पर उसके कार्यकर्ताओं के लिए सबेर जरूर आती है।
सत्ता वापसी के बाद से भाजपा में अंतर्कलह चरम पर
