रायगढ़। कर्मचारियों को 16 माह से वेतन ना दे पाने वाले के आई टी प्रशासन का नया कारनामा सामने आया है। केआईटी का पुराना विवादित हास्टल ढहाकर मोटर स्टैंड बनाने का काम चालू हो गया है, जिसकी अनुमानित लागत 31लाख रु है काम पीडब्लूडी द्वारा किया जा रहा है। गौर करने वाली बात यह है की पैसा सीएसआर मद से स्वीकृत हुआ है। प्रस्ताव निदेशक के आई टी द्वारा दिया गया है। इस खबर के बाद कर्मचारियों और छात्रों में रोष और भी बढ गया है। उनका कहना है की 31 लाख रु से मोटर स्टैंड बनाने का कोई औचित्य नहीं है उसके स्थान पर उक्त राशि से छात्रों के लिए लैब बनाया जाए और वैसे भी पुराने हास्टल भवन को तोड़े जाने के संबंध में गवर्निंग बॉडी से किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है। क्योंकि गत 2 वर्षों से कोई मीटिंग नही हुई है।
कर्मचारियों ने कहा कि इस विवादित हॉस्टल के विवाद समझौते में बच्चों की फीस से 80 लाख का भुगतान किया गया था और आज उसे ढहाने में 31 लाख खर्च कर मोटर स्टैंड बनाया जा रहा है। सुबह जैसे ही हड़ताली कर्मचारी हड़ताल स्थल पर पहुंचे भवन को तोड़ते देख रोश में आ गए और स्थल पर पहुंच कर नारा लगा कर विरोध प्रदर्शन किया हालाकि सरकारी काम को रोका नहीं गया पर तुरंत निदेशक एवम कलेक्टर को पत्र लिख कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए। 16 माह से वेतन ना देकर पैसों का यह दुरुपयोग सच में समझ से परे है।
केआईटी कॉलेज का विवादित हास्टल ढहाने का काम चालू
वेतन लैब के लिए पैसा नही और चले है मोटर स्टैंड बनाने
