सारँगढ़-बिलाईगढ़। भटगांव के वैष्णव हॉस्पिटल में जोगेसरा निवासी उवाराम बंजारे की इलाज के दौरान कैसे रहस्यमयी मृत्यु हो जाती है? मौत कहां और कैसे हुआ और क्यों हुआ ये हॉस्पिटल की उन चारदीवारी में दबकर रह गई है? जिसका बाहर आना बेहद जरूरी है। हॉस्पिटल में मौत होना यह लाजमी बात है लेकिन अगर लापरवाही से किसी की जान चली जाए तो इसे लाजमी नही कहा जा सकता? ऐसा ही मामला सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में घटित हुआ जिसकी जानकारी मीडिया में तब आई जब मृतक के परिजनों द्वारा सरसींवा थाना में जा लिखित शिकायत किया। जिसमें साफ तौर पर परिजनों ने वैष्णव हॉस्पिटल में घोर लापरवाही के कारण मौत की वजह बताया गया। उक्त शिकायत में बवासीर व सीने में दर्द जैसे समस्या बताया गया है। हॉस्पिटल जाने से पहले ग्रामीणों से अच्छा खासा बातचीत और चलकर गया था, किंतु 3 दिन बाद उसकी मृत्यु की खबर सुनकर परिवार सदमा में आ गया। मौत वैष्णव हॉस्पिटल में नही बल्कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलाईगढ़ में इलाज के दौरान हुई ऐसा परिजनों को जानकारी हॉस्पिटल कर्मियों ने दिया?और बिना पोस्टमार्टम किये जोगेसरा गाँव लाश लाया गया था। जब परिजनों ने जाना तो होश उड़ गया और आक्रोशित ग्रामीण, परिजनों ने तत्काल पोस्टमार्टम करने के लिये बिलाईगढ़ हॉस्पिटल ले आए ताकि- मौत की वजह जान सके? उन्हे न्याय दिला सके? आखिर क्यों हॉस्पिटल ने बिना पोस्टमार्टम किये परिजनों को मृतक के शरीर सौंप दिए?
बवासीर का इलाज कार्ड आयुष्मान से होता है?
मृतक उवाराम बंजारे के परिजनों ने बताया कि उवाराम को बवासीर की समस्या थी और उसको ऐश कुमारी भारती जो हॉस्पिटल की जनसम्पर्क कार्यकर्ता है।उन्होंने उवाराम को हॉस्पिटल ले कर आई थी, जबकि आयुष्मान कार्ड में बवासीर जैसे बीमारी का इलाज नही होता तो क्यों झूठी बात करके हॉस्पिटल ले गयी? आखिर क्या इलाज किया गया कि उवाराम बंजारे की सांस अटक गई और जीवन लीला समाप्त हो गई।
कैसे पहुँचा उवाराम बंजारे वैष्णव हॉस्पिटल
जोगेसरा निवासी मृतक उवाराम बंजारे को कुछ दिन से बवासीर और सीने में दर्द जैसी समस्या हो रही थी।परिजनों ने मीडिया के टीम को बताया कि गाँव बुटी पाली निवासी ऐश कुमारी भारती द्वारा जो वैष्णव हॉस्पिटल का एजेंट के रूप में काम करती है और उसने जोगेसरा निवासी बंजारे के साथ 3 और अन्य लोगो को वैष्णव हॉस्पिटल इलाज करवाने लेकर चली गयी दो दिनों तक वैष्णव हॉस्पिटल भटगांव में इलाज चला और जैसे ही बंजारे का तबियत ज्यादा खराब होने लगा तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलाईगढ़ रिफर किया गया? क्योंकि उस हास्पिटल का संचालक विकासखंड चिकित्सा अधिकारी है। एक दिन बाद उवारम की मृत्यु हो जाती है। आखिर कैसे इलाज के दौरान मृत्यु हुई ये तो जांच का विषय बन रहा है? असल में मौत कहा हुआ ये भी जांच का विषय बना हुआ है?
होगी कार्यवाही : थाना प्रभारी
सरसींवा थाना प्रभारी टीका राम खटकर ने कहा जब परिजनों ने लिखित शिकायत किया है तो मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दिया गया है। परिजन कोभी आश्वस्थ किया की जांच किया जायेगा दोषी पर पूरी कार्यवाही की जायेगी। भटगांव वैष्णव हॉस्पिटल में जोगेसरा निवासी उवाराम बंजारे की इलाज दौरान कैसे रहस्यमयी मृत्यु हुई? मौत कहा और कैसे हुआ? क्यों हुआ? ये हॉस्पिटल की उन चार दीवारी में बंद है जिसका बाहर आना बेहद जरूरी है। पुलिस कप्तान श्री शर्मा जी इस विषय पर सख्त कार्य वाही कर पीडि़त पक्ष को न्याय दिलाए।
मरीज का भाई रायपुर भेजने की मांग किया
इस घटना में मरीज के भाई जो रायपुर में पुलिस के पद पर कार्यरत है, उन्हे खबर हुआ तो उन्होंने सबसे पहले कहा कि आपके पास सर्व सुविधा है तो उसकी जांच करे? अगर नही है तो उन्हे एम्बुलेंस बैकअप के साथ रायपुर रेफर कर दीजिए? जो भी खर्च आएगा मैं दे दूंगा भाई कहता रहा लेकिन न जाने क्यों उन्हे रायपुर न भेज कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलाईगढ़ रिफर किया गया।आखिर क्या वजह रही होगी कही ऐसा तो नहीं की उवाराम बंजारे की सांसे पहले ही टूट चुकी थी? या फिर उनके बचने की चांस ही नही था? क्योंकि डाक्टर को भगवान का रूप कहा जाता है। जो मरीज की वस्तु स्थिति से पूरी तरह अवगत हो जाते है, कही ऐसा तो नहीं की लापरवाही की पोल ना खुल जाए जिसे बचाने साजिश किया गया? कही ऐसा तो नहीं वैष्णव हॉस्पिटल के खुद डा पुष्पेंद्र वैष्णव है और साथ ही बिलाईगढ़ के बीएमओ है। मामला बिगड़ता देख निजी हॉस्पिटल की लापरवाही को छुपाने सरकारी अस्पताल या सामु. स्वा. केन्द्र की आड़ में ले गए। इस तरह की कई पहलुओं की अगर बारीकी से जांच किया जाए तो दुध का दुध पानी का पानी सामने आ जायेगा।
निजी हॉस्पिटल को बचाने में लगे बीएमओ वैष्णव
जब घटना घटी तो हॉस्पिटल में अफरा तफरी मच गया। लोगो के बीच बाते आई तो मीडिया की टीम ने उनका भी पक्ष जानना चाहा तो क्या कहते है बीएमओ व वैष्णव हॉस्पिटल परिवार, सदस्य व वैष्णव हॉस्पिटल का डॉक्टर पुष्पेंद्र वैष्णव ने मीडिया की टीम को बताया कि मृतक उवाराम बंजारे को इंफेक्शन हुआ था जिसका पूरा इलाज करने की कोशिश किया गया, साथ ही लगातार हॉस्पिटल स्टाफ परिजनों को खबर करने की कोशिश कर रहें थे लेकिन कोई नही आया गंभीर होने की स्थिति में उसको शासकीय हॉस्पिटल रिफर करने की बात कही लेकिन उसको सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलाईगढ़ ले जाया गया और एक दिन बाद इलाज के दौरान उवाराम बंजारे की मृत्यु हो गई। डॉ ने कहा लगातार हॉस्पिटल की डॉ टीम इलाज कर रही थी।वैष्णव हॉस्पिटल में किसी एजेंट होने की बात से साफ मुकर गयें डॉ साहब ने कहा हमारे हॉस्पिटल में कोई पर्टिकुलर एजेंट नही है।
मामले की जांच उच्च स्तरीय होनी चाहिए
यह मामला बहुत गंभीर होते जा रहा है क्योंकि जिन्होंने इलाज किया, जिस हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था ये कोई और नहीं ये डाक्टर भी खुद उसी वैष्णव हॉस्पिटल के डा. है और साथ ही उनके खुद के भाई, पत्नी इस हॉस्पिटल को चलाते है। ऊपर से सरकारी डिपार्टमेंट में खुद पुष्पेंद्र वैष्णव बीएमओ के पद पर बैठे है। इलाज उनके निजी अस्पताल में और मौत की जांच उन्ही से या उन्ही की टीम से जांच करना न्याय संगत नही होगा? वही सूत्र की माने तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक बदलने और सत्यता छुपाने की बात चल रही है? अंदरूनी तौर पर मामले को दबाने आलाधिकारियो तक सेटिंग करने में लगे हुए है? लेकिन जनहित को देखते हुए ऐसे मामलो पर खुद ही उच्चा धिकारियों की स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। या फिर उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।क्योंकि अगर चोर को ही चोरी पकडऩे को कहा जाए तो कहा तक न्याय संगत होगा? ठीक वैसा ही यह मामला है यह भी न्याय संगत नही होगा?
वैष्णव हॉस्पिटल में ऐसा क्या इलाज हुआ उवाराम की मौत हो गई?
