रायपुर। राजधानी रायपुर के सीएसपीडीसीएल ट्रांसफॉर्मर गोदाम में भीषण आग लग गई है। साढ़े 3 एकड़ में फैले इस गोदाम का लगभग पूरा हिस्सा आग की चपेट में आ गया है। 9 घंटे बाद भी आग पर पूरी तरह काबू नहीं पाया गया है। देर शाम मुख्यमंत्री साय भी मौके का जायजा लेने पहुंचे।
शॉर्ट सर्किट होने से आग लगने की आशंका है। इसके बाद ट्रांसफॉर्मर पटाखे की तरह फटने लगे। करीब 4 घंटे बाद कड़ी मशक्कत करते हुए सिर्फ कुछ हिस्से की आग पर काबू पाया गया है। दूर-दूर तक आसमान में धुएं का गुबार दिख रहा है। पुलिस ने 3 किलोमीटर के दायरे को खाली कराते हुए रास्ता ब्लॉक कर दिया है। इसके अलावा आसपास के घरों को भी खाली कराया गया। ये ट्रांसफॉर्मर गोदाम गुढिय़ारी थाना के कोटा इलाके में है। अभी भी 30 से 40 फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौजूद है। मौके पर ही पानी के बड़े टैंकरों से फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों में पानी भरा जा रहा है। नगर निगम ने भी कई टैंकर तैनात किए हैं। करीब 1 बजे से लगी आग अब कंट्रोल में नहीं आई है। अब अंधेरा होने के कारण आसपास लाइटें लगाई जा रही है।
150 परिवारों के लिए किया गया भंडारा
इस घटना से किसी भी व्यक्ति को हानि नहीं हुई है। बड़ी मात्रा में ट्रांसफॉर्मर जले हैं। हम रामनगर और आसपास के अन्य इलाकों में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए करीब 150 परिवारों के लिए भंडारा करवा रहे हैं। इसके अलावा हम शासन से जिन्हें भी आर्थिक नुकसान हुआ है उनके लिए मुआवजे देने का भी निवेदन करेंगे।
बस्ती वाले हिस्से में अब भी भीषण आग
गोदाम के एक हिस्से में तो आग पर काबू पा लिया गया है लेकिन दूसरे हिस्से में अब भी तेज आग लगी हुई है। ये वही हिस्सा है जिसके पीछे कोटा इलाके की घनी बस्तियां हैं।
एक हिस्से में आग पर काबू पाया गया
फायर ब्रिगेड ने गोदाम के एक हिस्से में आग पर काबू पा लिया है। इसी हिस्से से अब फायर कंट्रोल टीम अंदर घुसकर आगे की आग को काबू पाने की कोशिश कर रही है। गोदाम के चारों तरफ बस्तियों में फायर ब्रिगेड गाडिय़ों की तैनाती की गई है। 6-7 किलोमीटर चारों तरफ से गोदाम में पानी फेंका जा रहा है। अब तक 40 फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों से करीब 3 लाख 20 हजार लीटर पानी फेंका जा चुका है।
एयरपोर्ट से भी पहुंची फायर ब्रिगेड
रायपुर एयरपोर्ट की फायर ब्रिगेड (मेड इन ऑस्ट्रेलिया) को बुलाया गया है। ये आधुनिक गाड़ी है जिसकी कीमत 5 करोड रुपए है। पानी की क्षमता और बौछार करने की दूरी दूसरी फायर ब्रिगेड से ज्यादा है। इसके अलावा भिलाई स्टील प्लांट की भी फायर टीम मौके पर पहुंची है। रायपुर के कई निजी उद्योगों से भी फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों को बुलाया गया है।
सैकड़ों जवान मौके पर तैनात
पुलिस के सैकड़ों जवान और अफसर मौके पर मौजूद हैं। वहीं हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ भी आग को देखने के लिए जुटी हुई है। ऐसे में लोगों को आग लगने की जगह से दूर भगया गया, क्योंकि आग की भयावहता देख ऐसा लग रहा था कि कभी कोई ट्रांसफार्मर ब्लास्ट होता है तो लोग उसके चपेट में आ सकते हैं।
पानी टंकी की पाइप लाइन को तोड़ा गया
पास की पानी टंकी की सप्लाई पाइप लाइन तोडऩे जेसीबी बुलाई गई। इस पाइप लाइन से आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। साथ घटना स्थल से कुछ दूर भारत माता चौक स्थित बड़ी पानी की टंकी है। 49 लाख लीटर पानी की क्षमता वाले ओवर हैड टैंक के पानी से आग बुझाने का प्रयास जारी है।
आसपास के घरों को कराया खाली
गोदाम के अंदर से पुलिसकर्मियों को बाहर निकाला जा रहा है, फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों को भी गोदाम के बाहर रखा गया है और बाहर से ही आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही आसपास के घरों को भी खाली कराया जा रहा है। ताकि कोई कोई जनहानी न हो।
गोदाम में 1 लाख से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जहां आग लगी है, उस गोदाम में एक लाख से ज्यादा ट्रांसफार्मर रखा हुआ था। जिसमें से करीब 40 फीसदी से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर जलने की सूचना मिल रही है।
मौके पर पहुंचे सीएम साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गुरुवार को रायपुर के सीएसपीडीसीएल ट्रांसफार्मर गोदाम में लगी आग का मुआयना करने पहुंचे। मौके पर मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भगवान की कृपा से कोई जनहानि नहीं हुई। विभाग के अधिकारियों ने भी मुस्तैदी दिखाई। तेल के टैंकरों को खोल दिया गया, जिससे ज्यादा ब्लास्ट नहीं हुआ। जिन लोगों को आर्थिक रूप से क्षति हुई है उसका आकलन किया जा रहा है। आग लगने के कारणों की भी जांच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि ट्रांसफार्मर गोदाम में आग लगने की सूचना मिलते ही अधिकारियों को तुरंत आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए उन्होंने अपने सचिव पी दयानंद को भी घटनास्थल पर भेजा है। ट्रांसफार्मर गोदाम में लगी आग आसपास के क्षेत्र में न फैले और इस हादसे से जनहानि ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।