जांजगीर-चांपा। केएसके महानदी पावर कंपनी लिमिटेड नरियरा द्वारा पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ पावर मजदूर संघ (एचएमएस) के आंदोलन के दौरान शिक्षा व्यवस्था की मांग पर वैकल्पिक शिक्षा के लिए अकलतरा के सरस्वती शिशु मंदिर और सेंट जेवियर्स स्कूल से टाईअप कर बच्चों को स्कूलों में भर्ती कराया गया था। इस दौरान पहले ही वर्ष बीच-बीच में कई बार बस सेवा बंद होती रही है, जिससे बच्चों की शिक्षा व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ता रहा है और अचानक फिर से शिशु मंदिर अकलतरा के बच्चों की परीक्षा प्रारंभ होते ही बस सेवा बंद करवा दिया गया है, जिससे बच्चे और उनके पालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि केएसके महानदी पावर कंपनी लिमिटेड नरियरा के लगातार इस तरह के कृत्य से परेशान एचएमएस यूनियन ने इसके विरोध में शांतिपूर्ण टूल डाउन कर दिया है, जिससे पावर कंपनी के लगभग सभी कार्य बंद हो गए हैं। वहीं श्रमिक अपना रोज का काम छोड़ चुपचाप रेस्ट शेल्टर में बैठ गए हैं। इधर, एचएमएस के कार्यवाहक अध्यक्ष शेरसिंह राय ने जानकारी दी है कि कारखाना प्रबंधन ने जानबूझ कर पहले हमें परेशान किया और अब बच्चों को भी घसीटने लगे हैं। बच्चों के इस तरह अचानक स्कूल जाने से वंचित होने पर बच्चों और पालकों की मानसिकता पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त श्रमिकों की विभिन्न मांगों पर अभी तक उचित पहल नहीं हो पाया है। एचएमएस के महामंत्री बलराम गोस्वामी ने बताया कि केएसके महानदी प्रबंधन का इतिहास ही शोषण और अपनी जिम्मेदारियों से भागने का रहा है। कंपनी प्रबंधन को स्कूल व अस्पताल प्रोजेक्ट प्रारंभ होने के समय ही बनवाना था, लेकिन इनकी मानसिकता शुरुआत से ही शोषणकारी रही है, इसीलिए उत्पादन के लगभग 10 वर्षो के बाद भी स्कूल व अस्पताल के लिए एक ढेला नहीं रखा गया है। संघ के सचिव मूलचंद नोरगे ने बताया कि प्रबंधन के अधिकारियों में आपस में भी नंबर एक बनने की होड़ लगी है और मजदूर इसके शिकार हो रहे हैं। यहां समस्याओं को अधिकारियों के विभागों में बांट दिया गया है और इस दफ्तर से उस दफ्तर का चक्कर कटवाया जाता है। ऐसे में मजबूरीवश हमें टूल डाउन करना पड़ रहा है, जिसकी संपूर्ण जवाबदेही कारखाना प्रबंधन की है।