पुसौर। छ.ग. राज्य सूचना आयोग रायपुर द्वारा प्रकरण पर सुनवाई उपरांत समय पर जानकारी प्रदान नहीं करने के कारण जनसूचना अधिकारी / तत्कालीन प्राचार्य शा.उ.मा.वि. पडिग़ाँव को शास्ति अधिरोपित करते हुए एक लाख रूपये का आर्थिक दंड निर्धारित किया गया है।
ज्ञातव्य हो अपीलार्थी के द्वारा तात्कालीन जन सूचना अधिकारी श्री जी.एम. भोय शा.उ.मा.वि. पडिग़ाँव वि.खं. पुसौर जिला रायगढ़ (छ.ग.) को चार आवेदनों के माध्यम से जानकारी वांछित थी। परन्तु जनसूचना अधिकारी महोदय एवं तात्कालीन प्राचार्य जो वर्तमान में प्राचार्य शा.उ. मा. वि. छिछीरउमरिया वि.खं. पुसौर जिला रायगढ़ (छ.ग.) के द्वारा अपीलार्थी को किसी भी प्रकार की वांछित जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गयी थी जिस पर अपीलार्थी के द्वारा प्रथम अपीलीय अधिकारी को अपील प्रस्तुत की गयी थी। सुनवाई उपरांत प्रथम अपीलीय अधिकारी महोदय द्वारा आदेश पारित नहीं की गई। तद्वपरांत द्वितीय अपील माननीय छ.ग. राज्य सूचना आयोग में प्रस्तुत की गयी थी जिस पर माननीय आयुक्त महोदय ने सुनवाई पर पाया की विषय वस्तु गंभीर है तथा गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए जनसूचना अधिकारी श्री जी. एम. भोय को आयोग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया नोटिस के जवाब प्रस्ततु नहीं करने से विशेष नाराजगी जाहिर करते हुए आयोग ने इसे जनसूचना अधिकारी के लापरवाही की पराकाष्ठा को दर्शित पाया व जनसूचना अधिकारी के द्वारा अधिनियम के प्रति घोर लापरवाही एवं अज्ञानता के लिये पूर्ण जिम्मेदार मानते हुए तात्कालीन जनसूचना अधिकारी जी.एम. भोय वर्तमान प्राचार्य शा.उ.मा.वि. छिछौर उमरिया वि. खं. पुसौर जिला रायगढ़ (छ.ग.) को अधिनियम की धारा 20 (1) के अंतर्गत कुल चार आवेदनों में जानकारी प्रदान नहीं करने से प्रत्येक आवेदनों पर 25-25 हजार कुल चार आवेदनों हेतु एक लाख रूपये की शास्ति अधिरोपित की गई है। जिसे जनसूचना अधिकारी के वेतन से कटौती करते हुए शासन के कोष में जमा करने के आदेश राज्य सूचना आयोग के द्वारा पारित किया गया है।
समय पर जानकारी प्रदान नहीं करने पर जनसूचना अधिकारी/प्राचार्य को एक लाख रूपये का आर्थिक दंड
