एक आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए किया गया दोषमुक्त, सीजेएम का फैसला
जांजगीर-सक्ती। लगभग दस साल पहले धान खरीदी में 19 लाख रूपए की गड़बड़ी व धोखाधड़ी कर गबन के मामले में सक्ती की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गंगा पटेल ने समिति के प्रभारी अध्यक्ष व धान खरीदी प्रभारी को तीन-तीन साल सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है। जबकि, एक आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया।
अभियोजन के अनुसार, वर्ष 2013-2014 में दर्राभांठा सेवा सहकारी समिति के किसानों ने शिकायत की थी कि उनके द्वारा समिति को विक्रय किए गए धान के रकम का भुगतान नहीं हुआ है तथा धान की अफरा-तफरी की जा रही है, जिस पर तत्कालीन खाद्य अधिकारी विमल दुबे, जिला विपणन अधिकारी केपी कर्ष, उप पंजीयक सहकारी संस्था वीके तिवारी द्वारा संयुक्त जांच दल बनाकर सेवा सहकारी समिति दर्राभांठा धान खरीदी केंद्र का निरीक्षण किया गया, जिसमें मौके पर 1955 बोरी धान का तौल किया गया। इन बोरियों में 40 किलोग्राम के स्थान पर 29 किलोग्राम धान मिला। उपस्थित किसानों ने बताया कि समिति को बेचे गए धान का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। जांच दल के द्वारा बारीकी से दस्तावेजों एवं फड़ में मौजूद धान का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें सेवा सहकारी समिति दर्राभांठा के प्रभारी अध्यक्ष रामायण साहू, खरीदी केंद्र प्रभारी देवेंद्र साहू एवं उसके पिता गोपाल साहू द्वारा मिलकर तौल में गड़बड़ी कर 86 किसानों द्वारा लाए गए 3264 बोरी धान को कंप्यूटर में दर्ज नहीं करने और कुल 19 लाख रुपए का गबन व धोखाधड़ी करने की बात सामने आई। इस संबंध में पंचनामा तैयार कर थाना बाराद्वार में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की। एएसआई टीडी कोशले ने मामले की विवेचना की और सहकारी समिति दर्राभांठा के प्रभारी अध्यक्ष रामायण साहू, खरीदी केंद्र प्रभारी देवेंद्र साहू तथा उसके पिता गोपाल साहू की संलिप्तता पाई। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उनके विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। मामले की सुनवाई कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सक्ती गंगा पटेल ने रामायण साहू एवं देवेंद्र साहू को धान खरीदी में गड़बड़ी और गबन के लिए दोषी पाया। उन्हें भादवि की धारा 409 के लिए तीन-तीन वर्ष कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। जबकि, गोपाल साहू को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया। अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अरविंद कुमार जायसवाल ने पैरवी की।
19 लाख रूपये के धान का गबन, समिति अध्यक्ष व केंद्र प्रभारी को तीन साल की कैद
