बिलासपुर। अधोसंरचना विकास हेतु दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में अनेक परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इसी प्रकार बिलासपुर-झारसुगुड़ा के बीच तीसरी एवं चौथी रेलवे लाइन परियोजना दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की महत्वपूर्ण परियोजना है यह व्यस्त रेल मार्ग है, जो इस पूरे क्षेत्र को उत्तर एवं दक्षिण भारत से जोड़ती है। परिचालन को और भी सुचारू तथा नई गाडियों के मार्ग प्रशस्त करने के लिए नई लाइनों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इससे आधारभूत संरचना में तथा यात्री सुविधाओं में वृद्धि के साथ यात्री ट्रेनों की समय बद्धता में वृद्धि होगी। इसी क्रम में बिलासपुर से झारसुगुड़ा के बीच 206 किलोमीटर चौथी रेल लाइन का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमे अब तक 150 किलोमीटर से अधिक का रेल लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। इसके अंतर्गत बिलासपुर-झारसुगुड़ा सेक्शन के चक्रधरनगर ब्लॉक कैबिन को चौथी लाइन से जोडऩे का कार्य किया जाएगा। चक्रधरनगर ब्लॉक कैबिन को चौथी रेललाइन में जोडऩे का यहा कार्य दिनांक 21 नवम्बर से 11 दिसम्बर, 2025 तक (विभिन्न तिथियो में) किया जायेगा। रेल यात्रियो को कम से कम असुविधा हो इसलिए ये कार्य किए जा रहे है। रेल विकास से संबधित इस कार्य के लिए इन ट्रेनों का परिचालन अल्पकालिक बाधित रहेगा एवं इस कार्य के पूर्ण होते ही गाडियों की समयबद्धता एवं गति में तेजी आयेगी। इस कार्य के फलस्वरूप कुछ यात्री गाडिय़ों का परिचालन प्रभावित रहेगा। जिसका विवरण इस प्रकार है:-
प्रभावित होने पैसेंजर गाडियां
23 नवम्बर से 03 दिसम्बर, 2025 तक रायगढ़ से रवाना होने वाली गाडी संख्या 68737 रायगढ़-बिलासपुर मेमू, बिलासपुर से चलने वाली 68738 बिलासपुर-रायगढ़ मेमू रद्द रहेगी। रायगढ़ से रवाना होने वाली गाडी संख्या 68735 रायगढ़-बिलासपुर मेमू रद्द रहेगी। वही 22 नवंबर से 02 दिसम्बर, 2025 तक बिलासपुर से चलने वाली 68736 बिलासपुर-रायगढ़ मेमू रद्द रहेगी।
बीच में समाप्त होने वाली गाडियां
01. दिनांक 23 नवम्बर से 03 दिसम्बर, 2025 तक गोंदिया एवं झारसुगुडा से चलने वाली 68861/68862 गोंदिया- झारसुगुडा- गोंदिया पैसेंजर बिलासपुर एवं झारसुगुडा के बीच रद्द रहेगी। रेल प्रशासन यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए खेद व्यक्त करता है तथा सहयोग की आशा करता है।
रायगढ़-कोतरलिया सेक्शन मे ऑटो सिग्नलिंग का कार्य एवं तीसरी रेलवे लाइन का विधुतीकरण कार्य के चलते कुछ यात्री गाडिय़ों का परिचालन प्रभावित



