बिलासपुर। जिले में हुए भीषण ट्रेन हादसे में अब तक 11 यात्रियों की मौत हो चुकी है। मंगलवार तक यह आंकड़ा 8 था। वहीं 20 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हैं, जिनमें कई की हालत नाजुक बनी हुई है। मृतकों में बिलासपुर के लोग ज्यादा हैं। हादसा मंगलवार को उस समय हुआ, जब गेवरा मेमू लोकल ट्रेन बिलासपुर स्टेशन के आउटर पर अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रही थी। इसी दौरान सामने मालगाड़ी खड़ी थी और दोनों ट्रेनों में टक्कर हो गई। घायल यात्रियों का इलाज रेलवे अस्पताल, सिम्स और अपोलो अस्पताल में चल रहा है। हादसे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन शुरुआती जानकारी के अनुसार ऑटो सिग्नल फेल होने की आशंका जताई जा रही है। रेलवे ने कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) से हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा कि हादसा किन कारणों से हुआ।
11 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
हादसे के बाद करीब 11 घंटे तक रेलवे, जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी रही। इस दौरान एक-एक कर बोगी में फंसे मृतकों और घायल यात्रियों को बाहर निकाला। इस दौरान रेलवे के सुरक्षा और टेक्निकल विभाग की टीम रेलवे ट्रैक को सुधारने में लगे रहे। शाम करीब सात बजे से ही रेलवे ने एक ट्रैक पर परिचालन शुरू कर दिया था। जबकि, मिडिल लाइन को भी देर रात चालू कर लिया गया। करीब 10 घंटे बाद रात 2.30 बजे तीन शवों को बाहर निकाला गया। इनमें एक शव की पहचान सक्ती जिले के जैजैपुर के ग्राम बहेराडीह की रहने वाली छात्रा प्रिया चंद्रा के रूप में हुई। प्रिया गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बायो टेक्नोलॉजी विभाग में बीएसएसी की पढ़ाई कर रही थी।
कमिश्नर ऑफ सेफ्टी ने घटना स्थल पहुंचकर शुरू की हादसे की जांच

रेल हादसे में अब तक 11 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 20 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। रेलवे ने घटना की जांच शुरू कर दी है। दक्षिण पूर्वी रेलवे सर्किल के कमिश्नर ऑफ सेफ्टी बीके मिश्रा घटना की जांच कर तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपेंगे।
कमिश्नर ऑफ सेफ्टी ने सहयोगी अफसरों के साथ गतौरा स्टेशन के पास घटना स्थल पहुंचकर ट्रैक और क्षतिग्रस्त ट्रेन की जांच की। जानकारी के मुताबिक, कमिश्नर ऑफ सेफ्टी बीके मिश्रा तीन दिनों तक बिलासपुर में रहकर ट्रेन हादसे की सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करेंगे। स्टेशन मास्टर, प्वाइंट्स मैन, की मैन, गार्ड शैलेश चंद्र, सेक्शन इंजीनियर, सिग्नल और इंजीनियरिंग सहित संबंधित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज करेंगे। इसके बाद कमिश्नर ऑफ सेफ्टी बीके मिश्रा अपनी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपेंगे।
रेल हादसे में अब तक 11 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 20 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। रेलवे ने घटना की जांच शुरू कर दी है। दक्षिण पूर्वी रेलवे सर्किल के कमिश्नर ऑफ सेफ्टी बीके मिश्रा घटना की जांच कर तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपेंगे।
कमिश्नर ऑफ सेफ्टी ने सहयोगी अफसरों के साथ गतौरा स्टेशन के पास घटना स्थल पहुंचकर ट्रैक और क्षतिग्रस्त ट्रेन की जांच की। जानकारी के मुताबिक, कमिश्नर ऑफ सेफ्टी बीके मिश्रा तीन दिनों तक बिलासपुर में रहकर ट्रेन हादसे की सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करेंगे। स्टेशन मास्टर, प्वाइंट्स मैन, की मैन, गार्ड शैलेश चंद्र, सेक्शन इंजीनियर, सिग्नल और इंजीनियरिंग सहित संबंधित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज करेंगे। इसके बाद कमिश्नर ऑफ सेफ्टी बीके मिश्रा अपनी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपेंगे।
11 यात्रियों की मौत, 5 की हुई पहचान
बता दें कि लाल खदान स्टेशन के पास गाड़ी संख्या 68733 गेवरारोड-बिलासपुर मेमू लोकल ट्रेन और मालगाड़ी की टक्कर में अब तक 11 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 20 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे में मृतकों की पहचान का सिलसिला जारी है और अब तक पांच यात्रियों के नाम और तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें लोको पायलट, छात्रा और अन्य यात्री शामिल हैं। हादसे में जिन यात्रियों की पहचान हुई है, उनमें लोको पायलट विद्या सागर, प्रमिला वस्त्रकार, अंकित अग्रवाल, प्रिया चंद्रा और शीला यादव शामिल हैं। मृतका शीला यादव देवरी खुर्द के बहनिया मंदिर के पास रहने वाली थीं, जबकि प्रिया चंद्रा गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय की बीएससी फाइनल ईयर की छात्रा थीं। वह सक्ती जिले के बहेराडीह की निवासी थीं। इनकी मौत की खबर सुनते ही परिजनों में मातम छा गया है।
तोरवा पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
वहीं बिलासपुर रेल हादसे में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। रेलवे से आए मेमो के आधार पर अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया है। धारा106(1), 125(ए), 153, 154, 175 व रेल्वे एक्ट के तहत तोरवा थाने में अपराध दर्ज किया गया है।



