रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के 25 वें स्थापना दिवस के अवसर पर नया रायपुर में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में पुलिस विभाग द्वारा न्यू क्रिमिनल लॉ (नए आपराधिक कानून) पर आधारित एक ज्ञानवर्धक नाट्य प्रस्तुति का आयोजन आधे घंटे प्रतिदिन राज्योत्सव के पुलिस पंडाल में किया जा रहा है, जो रात्योत्सव में आये दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, और पूरे राज्योत्सव का मुख्य केंद्र बन गया है।
इस नाट्य प्रस्तुति का अवलोकन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वयं किया, उनके साथ कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने नाटक की विषय-वस्तु, प्रस्तुति शैली और पुलिस विभाग की रचनात्मक पहल की प्रशंसा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की प्रस्तुतियाँ न केवल जनजागरण का माध्यम बनती हैं, बल्कि लोगों को नए कानूनों की जानकारी सरल और रोचक तरीके से प्रदान करती हैं। पुलिस मुख्यालय के सीआईडी शाखा के द्वारा यह नाटक तैयार कराया गया है, पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ अरूण देव गौतम की परिकल्पना एवं आईजी श्री ध्रुव गुप्ता के द्वारा साकार किया गया है।
यह नाटक विशेष रूप से नए आपराधिक कानूनों, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर आधारित है, इन नए कानूनों के माध्यम से भारतीय न्याय व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, तकनीकी रूप से सशक्त और न्यायोन्मुख बनाया गया है। नाटक में कुल 10 सीन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, नाटक की शुरूआत एक परिवार में डकैती एवं मर्डर की घटित घटना से शुरू होता है, जिनमें एफआईआर दर्ज होने से लेकर अदालत में अंतिम फैसले तक की पूरी न्यायिक प्रक्रिया को बेहद प्रभावशाली ढंग से मंचित किया गया। इस प्रस्तुति की विशेषता यह रही कि इसमें अभिनय करने वाले सभी 30 पात्र वास्तविक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हैं। किसी ने थानेदार की भूमिका निभाई, तो कोई फॉरेंसिक अधिकारी, अधिवक्ता या न्यायाधीश के रूप में मंच पर नजर आया। नाटक के माध्यम से दर्शकों को यह समझाने का प्रयास किया गया कि आधुनिक तकनीकी साक्ष्य जैसे फिंगरप्रिंट, डीएनए टेस्ट और वॉइस सैंपल अब न्याय प्रक्रिया में कितनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। इन वैज्ञानिक विधियों के प्रयोग से अपराध की जांच और अधिक सटीक, तेज और निष्पक्ष हो गई है। पूरी प्रस्तुति के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि अब भारतीय कानून का उद्देश्य केवल ‘दंड’ देना नहीं, बल्कि ‘न्याय’ सुनिश्चित करना है। यह बदलाव भारत की न्याय व्यवस्था में एक नई सोच और आधुनिकता की दिशा में उठाया गया मजबूत कदम है। इस नाटक के माध्यम से छत्तीसगढ़ पुलिस ने यह साबित किया कि कानून की जानकारी केवल पुस्तकों या अदालतों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि समाज के हर वर्ग तक इसका प्रसार रचनात्मक माध्यमों से किया जा सकता है। ‘दंड से न्याय की ओर’ जैसी प्रस्तुति ने यह संदेश दृढ़ता से दिया कि नया भारत न्याय, पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ रहा है।
ई-एफआईआर से लेकर न्याय तक सब तय अवधि में नाटक की शुरूआत पुलिस कंट्रोल रूम में हत्या एवं डकैती की खबर मिलने से होती है, मिनटों में त्वरित कार्यवाही करते हुये एफआईआर दर्ज की जाती है, पुलिस दल मौके पर पहुंचता है, फारेंसिक विशेषज्ञों की मौजूदगी में वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाये जाते हैं और हर कदम की वीडियोग्राफी की जाती है, यह सब नये कानून के तहत् होता है। 70 दिनों में पुलिस जॉंच कर चालान प्रस्तुत कर देती है, 90 दिवस के भीतर न्यायालय फैसला करता है। अब पुलिस जांच को डिजिटल और वैज्ञानिक बनाने के लिए ई-साक्ष्य ऐप, सीसीटीएनएस सिस्टम, एनएएफआईएस और क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर जैसे आधुनिक तकनीकी साधनों का उपयोग कर रही है। इंस्पेक्टर किरण ठाकुर और एएसआई संतराम साहू के किरदारों के माध्यम से दिखाया गया कि तकनीक कैसे अपराध की जांच को पारदर्शी और न्याय प्रक्रिया को तेज बनाती है। इंस्पेक्टर किरण ठाकुर की भूमिका पुलिस मुख्यालय में पदस्थ ज्योति पाण्डेय, राजनादंगांव में पदस्थ स.उ.नि. संदीप देशमुख के द्वारा की गई भूमिका को दर्शकों का भरपूर स्नेह मिल रहा है।
कार्यक्रम के अंत में यह संदेश दिया गया कि नए कानूनों का उद्देश्य केवल दंड नहीं, बल्कि न्याय को तीव्र, पारदर्शी और जनहितैशी बनाना है। छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग की इस प्रस्तुति ने साबित किया कि जब कानून और संवेदना साथ चलते हैं, तो न्याय सशक्त और मानवीय बनता है। इस नाटक की पुस्तुति सीआईडी की डीआईजी श्री प्रखर पाण्डेय, एआईजी श्री विवेक शुक्ला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती वर्षा मिश्रा, डीएसपी डॉक्टर प्रमिला एवं अन्य का नाटक तैयार करने में विशेष योगदान रहा है। एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि हमारे नाटक दंड से न्याय की ओर को जनता का भरपूर प्यार मिल रहा है, पंडाल में आये हुये दर्शक न सिर्फ नाटक को पसंद कर रहे हैं, बल्कि नाटक को देखने के पश्चात् संवाद सेशन में यह बता रहे हैं कि नये कानून में हुये बदलाव को बहुत सरलता से समझाने में सहयोग कर रहा है, निष्चित् रूप से यह नये कानून में हुये बदलाव को सरलता से प्रदर्षित कर रहा है।
राज्योत्सव में ‘दंड से न्याय की ओर’ नाटक – नए आपराधिक कानूनों की जीवंत प्रस्तुति
सीएम साय ने किया नाट्य प्रस्तुति का अवलोकन, की प्रशंसा



