रायगढ़। सोमवार को अवकाश होने के बावजूद निगम की संयुक्त टीम द्वारा शहर के प्रमुख सडक़ों एवं चौक चौराहों पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान सडक़ बाधा वाले 20 व्यवसायियों पर 28100 रुपए चालानी कार्रवाई की गई।
सोमवार को अवकाश होने के बावजूद निगम की टीम द्वारा यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने शहर के प्रमुख सडक़ों एवं चौक चौराहों पर सफाई एवं अतिक्रमण के संबंध में कार्रवाई की गई। इसमें आलोक सिटी मॉल से बुजी भवन होते हुए श्याम टाकीज रोड, केएमटी कॉलेज होते हुए, सिविल लाइन सेवाकुंज से रूपेंद्र पटेल हॉस्पिटल के सामने तक करवाई किया गया। इस दौरान आलोक सिटी मॉल, विशाल मेगा मार्ट, जगतरामका द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाया गया। इसी तरह सडक़ बाधा एवं सडक़ किनारे अतिक्रमण करने वाले 20 दुकान संचालकों पर चालानी कार्रवाई की गई। सडक़ किनारे अतिक्रमण एवं सडक़ बाधा करने वाले दुकान संचालकों से 28100 रुपए जुर्माना वसूल किया गया। सडक़ के किनारे एवं नालों की सफाई करने और यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए यह कार्रवाई की गई।
निगम आयुक्त बृजेश सिंह क्षत्रिय के नेतृत्व में आलोक सिटी मॉल से कार्रवाई शुरू हुई, जहां से निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के टीम पैदल सुभाष चौक होते हुए बुजीभवन चौक पहुंची। यहां से श्याम टाकीज रोड, सिविल लाइन, केएमटी कॉलेज रोड में भी सडक़ बाधा एवं अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान आयुक्त श्री क्षत्रिय ने कहा कि यह शहर आप सभी का अपना शहर है, जहां की सफाई व्यवस्था, यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित एवं सुदृढ़ करने सभी का योगदान जरूरी है। इस दौरान कई व्यवसायियों के छज्जे रोड किनारे निकालने के साथ एवं नाले के ऊपर अतिक्रमण किया गया था, जिसे कार्रवाई के दौरान तत्काल हटाया गया।
कमिश्नर श्री क्षत्रिय ने व्यवसायियों एवं शहर वासियों से शहर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने, सडक़ किनारे एवं नालों की सफाई करने में योगदान करते हुए सडक़ों के किनारे अतिक्रमण नहीं करने और सूखा एवं गीला कचरा के लिए दो डस्टबिन रखने, कचरा कहीं पर भी नहीं फेंकने, निगम के चिन्हांकित वाहनों एवं स्वच्छता दीदीयो को ही सूखा एवं गीला कचरा अलग-अलग देने की अपील की। कार्रवाई में कार्यपालन अभियंता अमरेश लोहिया, सहायक अभियंता, उप अभियंता राजस्व की टीम शामिल थे।
आलोक सिटी मॉल, विशाल मेगा मार्ट की लापरवाही पर आयुक्त ने कसी नकेल
अतिक्रमण करने वाले 20 व्यवसायियों को लगा 28100 रुपए का फटका



