रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नई नियुक्ति दिवाली से पहले होनी है। कुल 41 पदों के लिए 5000 से ज्यादा दावेदारों ने आवेदन भेजे हैं। कांग्रेस का कहना है कि चयन पारदर्शी होगा, युवाओं और साफ छवि वाले नेताओं को तवज्जो दी जाएगी। इन सबके बीच चर्चा इस बात की भी है कि क्या इस बार प्रियंका गांधी के 40त्न महिला भागीदारी वाले फार्मूले को लागू किया जाएगा? कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने कई बार सार्वजनिक मंचों से कहा है कि संगठन में महिलाओं को बराबर भागीदारी मिलेगी। लेकिन जमीनी हालात अभी भी पुराने ढर्रे पर ही हैं। जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में साल 2023 तक 36 जिलाध्यक्षों में से 6 महिलाओं को मौका मिला था। 2025 में 41 में से महज 4 जिलाध्यक्ष महिलाएं हैं। यानी 2023 से 2025 के कार्यकाल में महज 9 प्रतिशत महिलाओं को मौका मिला है। क्या इस बार जिलाध्यक्षों की लिस्ट में 40 प्रतिशत महिलाओं को मौका मिलेगा? इस सवाल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक ने कहा कि अभी चयन प्रक्रिया चल रही है। ऑब्जर्वर सभी जिलों में आ चुके हैं। कार्यकर्ताओं से चर्चा का दौर जारी है। मजबूत महिला कार्यकर्ताओं की भी तलाश की जा रही है।
इस बार हर जिले से 6 नामों का पैनल भेजा जाना है। लेकिन इन पैनलों में महिलाओं की संख्या काफी कम है। कुछ जिले में महिला दावेदारों ने दमदारी से आवेदन किया है। धमतरी से डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, सूरजपुर से भगवती राजवाड़े और बिलासपुर शहर से सीमा पांडेय के नाम शामिल हैं। इसके अलावा ज्यादातर जिलों की सूची में पुरुषों का ही दबदबा है।
कांग्रेस के मुताबिक 35 से 55 साल के बीच की उम्र वाले, साफ-सुथरी छवि के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। जिन पर कोई आपराधिक प्रकरण नहीं है, वही चयन के पात्र होंगे। ब्लॉक स्तर पर 121 बैठक कर कार्यकर्ताओं की राय ली गई है। 20 अक्टूबर तक सभी जिलों से नामों के पैनल एआईसीसी को भेजे जाएंगे। अंतिम निर्णय दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान करेगा। 18 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं, जिनमें सुबोध कांत सहाय, अजय कुमार लल्लू, उमंग सिंगार, रेहाना रेयाज चिश्ती, सुहिना कावरे जैसे नाम शामिल हैं। पर्यवेक्षक प्रफुल्ल गुडाधे ने कहा है कि कार्यकर्ता किसी भी दबाव में आए और निष्पक्ष राय दें। कांग्रेस का कहना है कि वह संगठन में नए लोगों को मौका देना चाहती है। लेकिन जिन नामों पर चर्चा हो रही है, उनमें से कई पुराने चेहरे ही हैं। पार्टी के भीतर से भी आवाजें उठ रही हैं कि अगर हर बार की तरह पैनल सिर्फ गुटबाजी और सिफारिशों से बने, तो संगठन मजबूत नहीं होगा।
प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश चुनाव के समय कहा था कि कांग्रेस 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देगी और संगठन में भी उनका उचित प्रतिनिधित्व होगा। लेकिन छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में, जहां कांग्रेस का संगठन अपेक्षाकृत मजबूत है, वहां भी अगर महिलाएं सिर्फ नाम मात्र की भागीदार बनी रहेंगी, तो यह पूरे फार्मूले पर सवाल खड़े करेगा। महिलाओं की 40त्न भागीदारी के सवाल पर दीपक बैज ने कहा कि चयन प्रक्रिया चल रही है। ऑब्जर्वर अपने-अपने प्रभार जिलों में जा रहे हैं। वहां के वरिष्ठ नेता, जिला कांग्रेस के पदाधिकारी, ब्लॉक कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से चर्चा कर रहे हैं। दिवाली के पहले एआईसीसी को रिपोर्ट दी जाएगी। जिलों में मजबूत महिला कार्यकर्ताओं की भी तलाश की जा रही है। 50 साल से कम उम्र के लोगों को मौका दिया जाएगा
कांग्रेस जिलाध्यक्ष के 41 पदों के लिए 5 हजार आवेदन
प्रियंका गांधी के 40 प्रतिशत महिला फॉर्मूले पर होगी नियुक्ति
