रायपुर। शारदीय नवरात्र के छठवें दिन षष्ठी तिथि से बंगाली दुर्गा पूजा की शुरुआत हो गई है। रायपुर के माना कैंप में इस साल अक्षरधाम की तर्ज पर 70 फीट ऊंचा पंडाल तैयार किया जा रहा है। इससे थोड़ी ही दूर पर माना बाजार में कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर की तर्ज पर 50 फीट का पंडाल बनाया गया है। गुढिय़ारी के खालबाड़ा में देवी शीतला जुड़वास को दर्शाते हुए पंडाल बनाया गया है। जबकि कालीबाड़ी में ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर पंडाल बनाया गया। राजेंद्र नगर में पूज्य सिंधी पंचायत ने गरबा आयोजन के दौरान लव जिहाद की झांकी प्रदर्शित की गई। वहीं, बिलासपुर के मसानगंज में 5 लाख गुपचुप से पंडाल सजाया गया है। चौकी-बेलन और कढ़ाई-झारा का उपयोग किया गया है।
रायपुर के माना कैंप में सार्वजनिक श्रीश्री दुर्गा पूजा समिति की ओर से 1964 से पूजा की शुरुआत हुई थी। इस साल आयोजन का 62 साल है। वहीं इस पंडाल को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। समिति के संरक्षक डॉ निमाई विश्वास ने बताया कि अक्षरधाम की थीम पर पंडाल तैयार करने कोलकाता के 30 कारीगर लगे रहे। 2 से ढाई महीने का समय लगा है। देवी की मूर्ति को भी कोलकाता के कारीगर ने यहां आकर निर्माण किया है। आयोजन के लिए समिति की ओर से 40 लाख का रुपए खर्च हुए हैं। हमारा उद्देश्य रहता है कि हर साल नई-नई थीम पर पंडाल सजाकर उत्सव धूमधाम से किया जाए। माना पंडाल की चर्चा प्रदेशभर में रहती है। रायपुर के माना बाजार में इस बार दक्षिणेश्वर काली मंदिर की तर्ज पर पंडाल बना है। डेढ़ महीने से कोलकाता के 20 कारीगर काम में लगे रहे। माना बाजार सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति के मणितोष विश्वास ने बताया कि इस साल 25 लाख के बजट से उत्सव मनाया जा रहा है। दक्षिणेश्वर मंदिर की थीम पर बने इस पंडाल में स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस और मां शारदा की तस्वीर लगाई गई है। पिछले साल यहां वृंदावनधाम प्रेम मंदिर की थीम में पंडाल तैयार किया गया था। रायपुर के गुढिय़ारी के खालबाड़ा में देवी शीतला जुड़वास को दर्शाते हुए पंडाल बनाया गया है। आदिशक्ति सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति के सदस्यों ने बताया कि गुढिय़ारी की प्राचीन ग्राम देवी शीतला माता है। समिति के आयोजन का 42वां साल है। पंडाल में दिखाया गया है कि शीतला माता की सेवा में लोकगीत गाते हुए और नृत्य करते हुए देवगुड़ी तक जा रहे हैं। शीतला देवी जिन्हें चेचक और अन्य बीमारियों से बचाने वाली देवी माना जाता है। पंडाल में एक बच्ची को चेचक से ठीक करने का दृश्य भी प्रदर्शित किया गया है।
राजधानी सहित पूरे प्रदेश में दुर्गा पूजा की धूम
