रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने में 15 अगस्त को पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का ऐलान किया था। अब सरकार से आदेश मिलने के बाद डीजीपी अरुण देव गौतम ने 7 आईपीएस अफसरों की टीम बनाई है। इसमें ्रष्ठत्र प्रदीप गुप्ता को ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा नारकोटिक्स आईजी अजय यादव, रायपुर रेंज आईजी अमरेश मिश्रा, आईजी ध्रुव गुप्ता, डीआईजी अभिषेक मीणा, डीआईजी संतोष सिंह और एसपी प्रभात कुमार को मेंबर बनाया गया है। आईपीएस अफसरों की ये टीम पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लागू करने के लिए ड्राफ्ट बनाकर डीजीपी को अरुण देव को सौपेंगी।
रायपुर छत्तीसगढ़ का पहला जिला होगा, जहां पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होगी। साय सरकार कमिश्नर प्रणाली सबसे पहले रायपुर में शुरू कर रही है। पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा, तो इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। रायपुर के बाद बिलासपुर, दुर्ग, समेत अन्य जिलों में इसे शुरू किया जा सकता है।
पुलिस कमिश्नर प्रणाली में कमिश्नर को कलेक्टर जैसे कुछ अधिकार मिलते हैं। वे मजिस्ट्रेट की तरह प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर सकते हैं। कानून के नियमों के तहत दिए गए अधिकार उन्हें और भी प्रभावी बनाते हैं। इससे कलेक्टर के पास लंबित फाइलें कम होती हैं। फौरन कार्रवाई संभव होती है। इस प्रणाली में पुलिस को शांति भंग की आशंका में हिरासत, गुंडा एक्ट, या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) जैसी धाराएं लगाने का अधिकार मिलता है। होटल, बार और हथियारों के लाइसेंस जारी करने, धरना-प्रदर्शन की अनुमति, दंगे में बल प्रयोग और जमीन विवाद सुलझाने तक के निर्णय पुलिस स्तर पर लिए जा सकते हैं।
पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने से कमिश्नर का मुख्यालय बनाया जाता है। ्रष्ठत्र स्तर के सीनियर आईपीएस को पुलिस कमिश्नर बनाकर तैनात किया जाता है। भोपाल जैसे शहरों पर ढ्ढत्र रैंक के अधिकारी को पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही महानगर को कई जोन में बांटा जाता है। हर जोन में डीसीपी की तैनाती होती है, जो एसएसपी की तरह उस जोन में काम करते हैं, वो उस पूरे जोन के लिए जिम्मेदार होता है। इसके साथ ही सीओ की तरह एसीपी तैनात होते हैं। ये 2 से 4 थानों को देखते हैं।
रायपुर जिले में क्राइम रेट में लगातार इजाफा हुआ है। जिले में जनवरी से लेकर अब तक लगभग 6 हजार से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं। जनवरी 2025 से अब तक 50 से ज्यादा मर्डर हुए हैं। इनमें 95 फीसदी मामलों में आरोपी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। चाकूबाजी के 65 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। इसके अलावा नशीली सामग्रियों के बिक्री, मारपीट, चोरी और लूट की घटनाएं भी बढ़ी है। पिछले 6 महीने में रायपुर में धार्मिक विवाद (मसीही–हिंदू संगठन) के बीच भी इजाफा हुआ है। इन सब स्थिति को देखते हुए कमिश्नर प्रणाली लागू करने की घोषणा सीएम साय ने की है।
पुलिस कमिश्नर-सिस्टम लागू करने 7 आईपीएस बनाएंगे ड्राफ्ट
कमेटी अध्यक्ष बने प्रदीप, अमरेश-अजय समेत 6 मेंबर, मजिस्ट्रेट जैसी पावर, गुंडा एक्ट-रासुका लगाने का भी अधिकार
