रायगढ़। भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार कर चुकी नगर पंचायत घरघोड़ा की कार्यप्रणाली अब पूरी तरह से जनता के लिए खतरा बन गई है। वार्ड क्रमांक 5 में 6 लाख से अधिक कि राशि से बनवाई गई गुणवत्ता विहीन सीसी सडक़ पर सवाल उठते रहे, जब नगर पंचायत के उच्चाधिकारियों ने ठेकेदार को गुणवत्ता सुनिश्चित करने के बजाय आधे-अधूरे काम का आदेश जारी किया। जब शिकायतें उठीं, तब जाकर ष्टरूह्र ने सडक़ तोडऩे का आदेश जारी किया, लेकिन आदेश की धज्जियाँ उड़ा कर ठेकेदार ने सडक़ नहीं तोड़ी। परिणामस्वरूप वार्डवासी धूल और गंदगी के बीच जीने को मजबूर हैं, जबकि प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। लेकिन यह बस शुरुआत मात्र थी। अब भ्रष्टाचार की एक और पोल खुल चुकी है। वार्ड क्रमांक 6 में नगर पंचायत ने एक नए प्रतीक्षालय का निर्माण 214 छोटे झाड के जंगल मद के 214 / 1छ / 1 जिसमे किसान राइस मिल को आवंटित किया गया है मे निर्माण कार्य शुरू किया है, जबकि पहले से ही ठीक 50 मीटर की दूरी पर एक प्रतीक्षालय मौजूद था। सवाल उठता है — क्या यह प्रतीक्षालय जनता की सेवा के लिए बना है या फिर अधिकारी-पडौसी मिलकर भ्रष्टाचार की गंगा बहा रहे हैं?
स्थानीय लोग सख्त आरोप लगा रहे हैं कि यह प्रतीक्षालय एक अडानी घोटाले जैसी योजनाबद्ध डाका है, जिससे बड़े पैमाने पर सरकारी धन की बर्बादी हो रही है। वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर निर्माण कार्य किया गया, जबकि कुछ महीने पहले ही कब्ज़ा हटाने की कार्रवाई की गई थी।
नगर पंचायत की जिम्मेदारियाँ अब सवालों के घेरे में। जनता पूछ रही है कब तक यह लूट और धांधली जारी रहेगी? कब तक घरघोड़ा के गरीब नागरिक भ्रष्टाचार के बोझ तले दम तोड़ते रहेंगे? प्रशासनिक अनदेखी और खुलेआम नियमों की अवहेलना ने घरघोड़ा को भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया है। जनता का आक्रोश तेज हो रहा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन दृष्टराष्ट्र की तरह आंखें मूंदे खड़ा है। बहरहाल अब सबसे बड़ा सवाल बस एक ही बचता है कि इन भ्रष्टाचारियों पर क्या कार्रवाई होगी या फिर जनता को खुद ही अपनी ताकत से संघर्ष करना पड़ेगा?
इस सम्बंध में मैं दिखवाता हूं और जांच के बाद विधि समस्त कार्रवाई की जाएगी।
दुर्गा प्रसाद अधिकारी, एसडीएम घरघोड़ा (आइएएस)
प्रतीक्षालय के बगल में प्रतीक्षालय
