रायगढ़. विगत 18 दिनों से अपनी मांगों लेकर आंदोलन कर रहे एनएचएम कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से विगत दिनों बर्खास्तगी का नोटिस जारी किया गया था, जिसको लेकर गुरुवार को जिलेभर से 518 कर्मचारियों ने सामूहिक त्यागपत्र देकर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाएं तो प्रभावित हो ही रही है, साथ ही अब विभाग की मुश्किलें भी बढऩे लगी है।
उल्लेखनीय है कि अपनी मांगों को लेकर जिलेभर से 518 एनएचएम कर्मचारी विगत 18 दिनों से काम बंद आंदोलन कर रहे हैं, इस दौरान उन्होने हर दिन अलग-अलग तरीके से प्रर्दशन कर अपनी मांग मनवाने में लगे हैं, तो वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनको काम पर लौटने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जिसको लेकर विगत दिनों स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से काम लौटने की नोटिस जारी किया गया था, लेकिन इस नोटिस का इन पर कोई असर नहीं हुआ, जिससे विभाग द्वारा जिले के एनएचएम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शकुंतला एक्का और सचिव वैभव डियोडिया को बर्खास्तगी का नोटिस जारी कर कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से आंदोलन खत्म कर कार्य स्थल पर आएं, नहीं तो सेवा समाप्त कर दी जाएगी, जिसके बाद कर्मचारियों में और आक्रोश पनप गया और गुरुवार को सभी 518 कर्मचारियों ने शासन को त्यागपत्र सौंप दिया है। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि वे विगत कई साल से अपनी 10 सूत्रीय मांग को लेकर करीब 160 बार से अधिक ज्ञापन दे चुके हैं, लकिन इसके बाद भी शासन के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। जिससे अब दायरे में रहते हुए अपनी आंदोलन जारी रखे हैं। साथ ही प्रदर्शनकारियों का कहना था कि प्रशासन व्हाट्सएप के माध्यम से कभी बर्खास्तगी तो कभी काम पर लौटने का आदेश भेजने में तत्परता दिखा रहा है, उतनी ही तत्परता हमारी मांगों के समाधान में क्यों नहीं दिखा रही है। हालांकि इसको लेकर सीएम तक गुहार लगा चुके हंैं, लेकिन उसके बाद भी अभी तक कोई बात नहीं बन पाई है।
शासन की नितियों से आक्रोश
इस संबंध में प्रदर्शनकारियों का कहना था कि रायगढ़ में 518 कर्मचारियों का सामूहिक त्यागपत्र कोई आवेश में लिया गया निर्णय नहीं, बल्कि प्रशासन की दमनकारी नीतियों और ‘मोदी की गारंटी’ के खोखले वादों का परिणाम है। क्योंकि शासन की मंशा है कि स्वास्थ्य सेंवाएं पूरी तरह से ठप हो जाए, जिससे आम जनता परेशान हो। इसी के चलते कभी काम पर लौटने तो कभी बर्खास्तगी का नोटिस दिया जा रहा है।
ये हैं 10 सूत्रीय मांग
प्रदर्शन कर रहे एनएचएम कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें नियमितीकरण, स्थाईकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर, ग्रेड पे, और अनुकंपा नियुक्ति जैसी जायज मांगे पूरी की जाए, लेकिन विगत कई सालों से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है, जिसको लेकर अब कर्मचारी आर-पार की लड़ाई पर उतर आए हैं। साथ ही उनका कहना है कि मरीजों को परेशान करना उनका मकशद नहीं है, ऐसे में अगर उनकी मांग जैसे ही पूरी होती है वे तत्काल काम पर लौट आएंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में सीएचएमओ डॉ. अनिल जगत से बात की गई तो उनका कहना था कि कर्मचारियों के हड़ताल से स्वास्थ्य सेंवाए प्रभावित हो रही है, जिसको लेकर पहले काम पर लौटने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसके बाद भी आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है। इससे जिले के अध्यक्ष और सचिव को बर्खास्तगी की नोटिस जारी किया गया है। इसके बाद भी अगर आंदोलन समाप्त नहीं होता है तो शासन के निर्देशों के अनुसार कार्य किया जाएगा।
एनएचएम के दो पदाधिकारियों को विभाग ने जारी किया बर्खास्तगी का नोटिस
इधर 518 कर्मचारियों ने दिया सामूहिक त्यागपत्र, अपनी मांगों को लेकर विगत 18 दिनों से लगातार कर रहे आंदोलन
