रायगढ़। एक बार फिर से हाथी ने बेबी एलीफेंट को जन्म दिया है। घरघोड़ा रेंज में शावक के जन्म की जानकारी होने पर ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। वहीं अब अधिकारी मौके पर पहुंचकर मादा हाथी और शावक की निगरानी में जुट गए हैं।
घरघोड़ा वन परिक्षेत्र में कटंगडीह परिसर के जंगल में हाथियों की मौजूदगी थी। जहां तडक़े करीब 3 बजे हाथी के चिंघाडऩे की आवाज ग्रामीणों ने सुनी। इसके बाद सुबह ग्रामीणों ने केराबहाल के राजस्व भूमि क्षेत्र में देखा कि एक मादा हाथी अपने नन्हें शावक के साथ है और उस शावक का जन्म सुबह ही हुआ है। धीरे-धीरे काफी संख्या में ग्रामीण यहां इक्_ा हो गए। इस दौरान मादा हाथी और शावक का वीडियो भी बनाया गया। ग्रामीणों ने मामले की जानकारी वन अमला को दी। जिसके बाद फौरन घरघोड़ा रेंजर समेत अन्य वनकर्मी मौके पर पहुंचे। मादा हाथी को उसके दल में मिलाने के लिए ड्रोन से निगरानी शुरू कर दी गई है। घरघोड़ा वन परिक्षेत्र में 47 हाथियों का दल मौजूद था, लेकिन रात में 11 हाथी दूसरे रेंज की ओर चले गए। इससे यहां वर्तमान में 36 हाथी 2 दल में बंटे हुए हैं। दोनों दलों की निगरानी वन अमला कर रहा है। ताकि किसी प्रकार का कोई नुकसान न हो।
इससे पहले बाकारूमा रेंज में शावक का जन्म
धरमजयगढ़ वनमंडल के बाकारूम रेंज के जंगल में 21 अगस्त को एक मादा हाथी ने बेबी एलीफेंट को जन्म दिया था। इस दौरान वहां 12 हाथियों का झुंड घूम रहा था। जब सुबह वन विभाग की ट्रैकिंग टीम जंगल में गश्त कर रही थी, तब उन्हें जंगल के कक्ष क्रमांक 107 में खून के निशान और बेबी एलीफेंट के जन्म के बाद शरीर पर लगने वाली झिल्ली दिखी। इससे ट्रेकरों को समझ में आ गया कि झुंड में किसी हाथी ने बच्चे को जन्म दिया है।
सुबह ग्रामीणों ने दी सूचना
घरघोड़ा रेंजर सीके राठिया ने बताया कि सुबह ग्रामीणों ने हाथी शावक को लेकर सूचना दी। इसके बाद टीम मौके पर पहुंच गई। मादा हाथी और उसका शावक दल से अलग है। ऐसे में उन्हें झुंड में मिलाने के लिए ड्रोन से निगरानी की जा रही है। घरघोड़ा रेंज के जंगल में 36 हाथी विचरण कर रहे हैं।
घरघोड़ा जंगल में बेबी एलीफेंट का जन्म, ड्रोन से हो रही निगरानी
अलग-अलग दल में 36 हाथियों की मौजूदगी
