बिलासपुर। एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में आज दिनांक 18 अगस्त 2025 को केंद्रीय सतर्कता आयोग, नई दिल्ली के निर्देशानुसार तीन माह के निवारक सतर्कता (क्कह्म्द्ग1द्गठ्ठह्लद्ब1द्ग ङ्कद्बद्दद्बद्यड्डठ्ठष्द्ग) अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री पी दयानन्द, सचिव, माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़, खनिज साधन विभाग एवं जनसम्पर्क विभाग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसईसीएल सीएमडी श्री हरीश दुहन द्वारा की गई। इस अवसर पर श्री सुनील जैन, आयुक्त, बिलासपुर संभाग, एसईसीएल निदेशक तकनीकी (संचालन सह योजना/परियोजना) श्री एन फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (मानव संसाधन) श्री बिरंची दास, एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री हिमांशु जैन की विशिष्ट उपस्थिति रही। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। इसके पश्चात अतिथियों द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण कर उनको नमन किया गया। तत्पश्चात कोल इंडिया कॉर्पोरेट गीत बजाया गया। इसके उपरांत सीएमडी एसईसीएल श्री हरीश दुहन द्वारा सभी उपस्थितों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई गई।
अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि श्री पी दयानंद ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में पीएसयू हो या राज्य शासन, चीजों का पारदर्शी होना बेहद आवश्यक है। और इस प्रकार के आयोजन से निश्चित रूप से सतर्कता एवं पारदर्शी कार्यसंस्कृति को बढ़ावा मिलता है। उन्होने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एवं राज्य शासन दोनों ही एक दूसरे के पूरक है तथा क्षेत्र के विकास के लिए इन दोनों में परस्पर सहयोग एवं समन्वय बेहद आवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एसईसीएल सीएमडी श्री हरीश दुहन ने कहा कि मैं टीम एसईसीएल के हर सदस्य से यह आह्वान करना चाहूँगा कि हम जो भी करें नियम एवं नीति के दायरे में रहकर पूरी ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा के साथ करें।
राज्य शासन के प्रति आभार प्रकट करते हुए उन्होने कहा कि एसईसीएल को अपने कार्यसंचालन को बेहतर बनाने के लिए राज्य शासन से निरंतर मार्गदर्शन एवं सहयोग मिलता रहता है। इसी का परिणाम है कि इस वर्ष हम मेगाप्रोजेक्ट्स में भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेज़ी ला पाए हैं। इस दौरान उन्होने भू-अधिग्रहण एवं अन्य क्षेत्रों में राज्य शासन से वांछित सहयोग से जुड़े विषयों पर भी चर्चा की।
मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री हिमांशु जैन ने बताया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा इस वर्ष के अभियान की थीम सतर्कता : हमारी साझा जि़म्मेदारी निर्धारित की गई है। इस वर्ष के अभियान के पाँच प्रमुख बिंदुओं हैं लंबित शिकायतों का निपटान, लंबित केसों का निपटान, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का संचालन, संपत्तियों का प्रभावी प्रबंधन, और डिजिटल पहलों को बढ़ावा देकर कार्यप्रणाली को आधुनिक और पारदर्शी बनाना।
सतर्कता विभाग द्वारा एसईसीएल में कार्यसंचालन को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं जैसे कोयले की गुणवत्ता में सुधार के लिए थर्ड पार्टी टेस्टिंग, सीसीटीव्ही निगरानी और रियल टाइम सुपरविजन जैसे उपायों से पारदर्शी प्रणाली विकसित की गई है। खरीद प्रक्रियाओं में एसओपी आधारित बिल प्रोसेसिंग, एफआईएफओ क्लियरेंस और एसएपी आधारित ट्रैकिंग लागू की गई है। संपत्ति प्रबंधन को मजबूत करने के लिए मशीनों का सत्यापन और डिजिटल टैगिंग की गई है। जटायु डैशबोर्ड, डिजीकोल और इंटेग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से संचालन एवं निगरानी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया गया है। कार्यक्रम में महाप्रबंधक (सतर्कता) नागेश्वर राव सहित मुख्यालय के सभी विभागाध्यक्षगण, अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
सतर्कता की शुरुआत स्वयं से होती है : पी दयानन्द
सचिव, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़, खनिज साधन विभाग एवं जनसम्पर्क विभाग के करकमलों से एसईसीएल में तीन-माह के निवारक सतर्कता अभियान का हुआ शुभारंभ, सीएमडी एसईसीएल हरीश दुहन ने केंद्रीय सतर्कता आयोग के दिशानिर्देशों का पूर्ण रीति से पालन करने का किया आह्वान
