NavinKadamNavinKadamNavinKadam
  • HOME
  • छत्तीसगढ़
    • रायगढ़
      • खरसिया
      • पुसौर
      • धरमजयगढ़
    • सारंगढ़
      • बरमकेला
      • बिलाईगढ़
      • भटगांव
    • शक्ति
    • जांजगीर चांपा
    • बिलासपुर
  • क्राइम
  • आम मुद्दे
  • टेक्नोलॉजी
  • देश-विदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • Uncategorized
Reading: दिल्ली-मुंबई मार्ग के मथुरा-कोटा रेलखंड पर कवच 4.0 स्थापित
Share
Font ResizerAa
NavinKadamNavinKadam
Font ResizerAa
  • HOME
  • छत्तीसगढ़
  • क्राइम
  • आम मुद्दे
  • टेक्नोलॉजी
  • देश-विदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • Uncategorized
  • HOME
  • छत्तीसगढ़
    • रायगढ़
    • सारंगढ़
    • शक्ति
    • जांजगीर चांपा
    • बिलासपुर
  • क्राइम
  • आम मुद्दे
  • टेक्नोलॉजी
  • देश-विदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • Uncategorized
Follow US
  • Advertise
© 2022 Navin Kadam News Network. . All Rights Reserved.
NavinKadam > बिलासपुर > दिल्ली-मुंबई मार्ग के मथुरा-कोटा रेलखंड पर कवच 4.0 स्थापित
बिलासपुर

दिल्ली-मुंबई मार्ग के मथुरा-कोटा रेलखंड पर कवच 4.0 स्थापित

दिल्ली-मुंबई मार्ग के मथुरा-कोटा रेलखंड पर कवच 4.0 स्थापित

lochan Gupta
Last updated: July 30, 2025 11:35 pm
By lochan Gupta July 30, 2025
Share
6 Min Read

बिलासपुर। भारतीय रेल द्वारा स्वदेशी रेल सुरक्षा प्रणाली कवच 4.0 को उच्च घनत्व( हाई डेंसिटी) वाले दिल्ली-मुंबई मार्ग के मथुरा-कोटा रेलखंड पर स्थापित कर दिया गया है। यह देश में रेलवे सुरक्षा प्रणालियों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ दृष्टिकोण से प्रेरित होकर कवच ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया है। कवच 4.0 एक अत्याधुनिक तकनीकी प्रणाली है। इसे जुलाई 2024 में क्रष्ठस्ह्र (रिसर्च डिज़ाइंस एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइज़ेशन) द्वारा स्वीकृति दी गई थी। कई विकसित देशों को ऐसी ट्रेन सुरक्षा प्रणाली को विकसित और स्थापित करने में 20 से 30 वर्ष लग गए। कोटा-मथुरा रेलखंड पर कवच 4.0 बहुत कम समय में स्थापित किया गया है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। स्वतंत्रता के बाद 60 वर्षों तक देश में अंतरराष्ट्रीय मानकों की उन्नत ट्रेन सुरक्षा प्रणालियों को स्थापित नहीं किया गया। अब कवच प्रणाली को हाल ही में चालू किया गया है, ताकि ट्रेन और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
भारतीय रेल अगले 6 वर्षों के भीतर देशभर के विभिन्न रेल मार्गों पर कवच 4.0 को स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। अब तक 30,000 से अधिक लोगों को कवच प्रणाली पर प्रशिक्षित किया जा चुका है। ढ्ढक्रढ्ढस्श्वञ्ज (भारतीय रेल सिग्नल इंजीनियरिंग एवं दूरसंचार संस्थान) ने ्रढ्ढष्टञ्जश्व से मान्यता प्राप्त 17 इंजीनियरिंग कॉलेजों, संस्थानों, विश्वविद्यालयों के साथ समझौता किया है, ताकि बी. टेक पाठ्यक्रम में कवच को शामिल किया जा सके। कवच से लोको पायलटों को मदद मिलेगी: ब्रेक प्रभावी रूप से लगाने में और कोहरे जैसी कम दृश्यता की स्थिति में सिग्नल देखने के लिए बाहर देखने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें सारी जानकारी केबिन के अंदर लगे डैशबोर्ड पर दिखाई देगी।
क्या है कवच?
कवच एक स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है, जिसे ट्रेनों की गति की निगरानी और नियंत्रण करके दुर्घटनाओं को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे सेफ्टी इंटिग्रिटी लेवल 4 (स्ढ्ढरु-4) पर डिजाइन किया गया है, जो सुरक्षा का सर्वोच्च स्तर है। वच का विकास 2015 में शुरू हुआ। इसे 3 वर्षों तक परीक्षण किया गया। तकनीकी सुधारों के बाद इसे पहले दक्षिण मध्य रेलवे (स्ष्टक्र) में स्थापित किया गया और 2018 में पहला संचालन प्रमाणपत्र मिला। एससीआर में अनुभवों के आधार पर एक उन्नत संस्करण ‘कवच 4.0’ विकसित किया गया, जिसे मई 2025 में 160 किमी/घंटा तक की गति के लिए मंजूरी दी गई। कवच के सभी उपकरण स्वदेशी रूप से निर्मित किए जा रहे हैं।
कवच की जटिलता:
कवच एक अत्यंत जटिल प्रणाली है। इसे कमीशन करना किसी टेलीकॉम कंपनी को खड़ा करने के समान है। इसमें निम्नलिखित उप-प्रणालियां शामिल हैं- क्रस्नढ्ढष्ठ टैग्स: प्रत्येक 1 किमी पर और प्रत्येक सिग्नल पर लगाए जाते हैं। ये ट्रेन की सटीक स्थिति बताते हैं। टेलीकॉम टावर्स: हर कुछ किलोमीटर पर ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी और पावर सप्लाई सहित टावर्स लगाए जाते हैं। लोको कवच और स्टेशन कवच लगातार इन टावर्स के जरिए संचार करते हैं। लोको कवच: ट्रैक पर लगे क्रस्नढ्ढष्ठ टैग्स से जानकारी प्राप्त करता है, उसे टेलीकॉम टावरों तक पहुंचाता है और स्टेशन कवच से रेडियो सूचना प्राप्त करता है। इसे लोको के ब्रेकिंग सिस्टम से भी जोड़ा गया है, ताकि आपात स्थिति में स्वत: ब्रेक लगे। स्टेशन कवच: प्रत्येक स्टेशन और ब्लॉक सेक्शन पर लगाया जाता है। यह लोको कवच और सिग्नल प्रणाली से जानकारी लेकर सुरक्षित गति के लिए निर्देश देता है। ऑप्टिकल फाइबर केबल (ह्रस्नष्ट): पूरी प्रणाली को जोडऩे के लिए ट्रैक के साथ-साथ ह्रस्नष्ट बिछाई जाती है, जिससे हाई-स्पीड डेटा कम्युनिकेशन संभव होता है।
सिग्नलिंग सिस्टम: इसे लोको कवच, स्टेशन कवच, टेलीकॉम टावर आदि से जोड़ा गया है।
इन सभी प्रणालियों को बिना किसी रेल संचालन में व्यवधान के भारी पैसेंजर और माल गाडिय़ों की आवाजाही के दौरान स्थापित, जांच और प्रमाणित किया जाता है।
भारतीय रेलवे हर साल सुरक्षा संबंधी गतिविधियों पर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश करता है। कवच ऐसी कई पहलों में से एक है जो ट्रेनों और यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई हैं। कवच की त्वरित प्रगति और तैनाती का स्तर रेलवे की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
किसानों की आय और ज्ञान दोनों में वृद्धि
निर्यात से किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही, नई तकनीकों, गुणवत्ता नियंत्रण, आधुनिक पैकेजिंग और अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग की जानकारी और प्रशिक्षण उन्हें स्थानीय स्तर पर मिल सकेगा।

You Might Also Like

पीएम मोदी ने स्टेशन परिसर में जन औषधि केंद्र का किया शुभारंभ

एसईसीएल की गेवरा बनेगी एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान

संरक्षा के सजग प्रहरी को महाप्रबंधक, सुश्री नीनु इटियेरा ने सम्मानित किया

मंडल रेल परिवार के 32 सदस्य हुये सेवानिवृत्त

उसलापुर से छुलहा स्टेशनों के मध्य स्वच्छता सेवा में अग्रणी प्रयास!

Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram Email
Previous Article धरमजयगढ़ जंगल में बाघ की दस्तक
Next Article सीएम साय से किक बॉक्सिंग पदक विजेता खिलाडिय़ों ने की सौजन्य मुलाकात

खबरें और भी है....

रजत जयंती वर्ष में प्रदेश को मिलेगा नया विधानसभा भवन-सीएम साय
छत्तीसगढ़ के शिवभक्तों के लिए आस्था का केंद्र है उड़ीसा का केदारनाथ शिव मंदिर
चोरी के मामले में नाबालिग समेत 6 गिरफ्तार
भारतमाला परियोजना में लगे उपकरणों की चोरी करने वाले दो सगे भाई गिरफ्तार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ‘ज्ञान धारा-शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम में हुए शामिल

Popular Posts

रजत जयंती वर्ष में प्रदेश को मिलेगा नया विधानसभा भवन-सीएम साय
मेगा हेल्थ कैंप का मिला फायदा, गंभीर एनीमिया से पीड़ित निर्मला को तुरंत मिला इलाज
स्कूल व आंगनबाड़ी के बच्चों का शत-प्रतिशत जारी करें जाति प्रमाण पत्र,कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने बैठक लेकर राजस्व विभाग की कामकाज की समीक्षा
दृष्टिहीन मिथिला का मौके पर बना राशन कार्ड, शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना से लाभान्वित करने के दिए निर्देश
डेंगू से निपटने निगम और स्वास्थ्य की टीम फील्ड पर,पिछले 5 साल के मुकाबले इस साल केसेस कम, फिर भी सतर्कता जरूरी

OWNER/PUBLISHER-NAVIN SHARMA

OFFICE ADDRESS
Navin Kadam Office Mini Stadium Complex Shop No.42 Chakradhar Nagar Raigarh Chhattisgarh
CALL INFORMATION
+91 8770613603
+919399276827
Navin_kadam@yahoo.com
©NavinKadam@2022 All Rights Reserved. WEBSITE DESIGN BY ASHWANI SAHU 9770597735
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?