एक महिने में वसूले 60 लाख, 16 सौ से अधिक मामले दर्ज
बिना परमिट, नो पार्किंग ओव्हर लोड मालवाहनों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई
बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र वालों की भी खैर नहीं
रायगढ़। जिले में औद्योगिक इकाइयों की बढ़ती संख्या के साथ जहां वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा है। वहीं बिना परमिट मालवाहन और ओव्हर लोड मालवाहन चलाने वाले भी तेजी से बढ़ रहें हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि परिवहन विभाग की सख्ती भी दिखाई दे रही है। जिससे परिवहन संबंधी अपराध के मामले भी लगातार दर्ज हो रहे हैं। बीते मई महीने के मामलों की बात करें तो रायगढ़ परिवहन उडऩदस्ता ने एक महीने में 16 सौ से भी अधिक मामले दर्ज किए हैं। जिससे विभाग के राजस्व में बढ़ोतरी भी हो रही है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक मई 2025 में समझौता शुल्क, टैक्स और ई-चालान से खजाने में 59लाख 77 हजार की वृद्धि हुई है।
परिवहन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो बीते मई महीने में रायगढ़ परिवहन उडऩदस्ता द्वारा परिवहन संबंधी मामलों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की गई। बताया जाता है कि एक मई से 31मई तक की स्थिति में 1642 मामले दर्ज किए गए। जिनमें ओव्हर लोड मालवाहन,रेत, गिट्टी,मुरूम, छड़ के अवैध और ओव्हर लोड के मामले हैं। इस तरह ओव्हर लोड मालवाहन से एक लाख 70 हजार राजस्व की प्राप्ति हुई। साथ ही बिना परमिट मालवाहन के 74 मामले में 3 लाख 70 हजार प्राप्त हुए। जबकि बिना पंजीयन पुस्तिका के 58 मामलों में 2 लाख 90 हजार, बिना परमिट यात्री वाहन से 2 लाख 4 हजार आए। नो पार्किंग के 78 मामलों में 2 लाख 15हजार का चालान काटा गया। इसी तरह प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं होने पर 82 वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई की गई, जिससे 1लाख 64 हजार राजस्व की प्राप्ति हुई। प्रेशर वाहन का उपयोग करने के 41 मामले में 82 हजार प्राप्त हुए। बिना तिरपाल वाले 88 वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई में साढ़े 62 हजार और खतरनाक संचालन के 51 मामलों में एक लाख दो हजार राजस्व की प्राप्ति हुई। इसी तरह 807अन्य अपराध पर चालानी कार्रवाई में 17लाख 68हजार 800 प्राप्त हुए। इस तरह 1642 मामले में 38 लाख 20हजार 300 रूपए का राजस्व विभाग के खजाने में आया।
बकाया टैक्स और ई-चालान से भी भरा खजाना
सिर्फ एक महीने में रायगढ़ परिवहन उडऩदस्ता ने कुल 59लाख 77 हजार 314 का राजस्व अर्जित किया। जिसमें समझौता शुल्क के 38लाख 20 हजार 300 रूपए शामिल हैं। बताया जाता है कि मोटरयान टैक्स से जहां साढ़े 32 हजार की प्राप्ति हुई। वहीं आन लाईन बकाया टैक्स के रूप में 29 मामले में 20लाख 20 हजार 914 रूपए खजाने में जमा हुए। जबकि 8 ई -चालान से 1लाख तीन हजार राजस्व की प्राप्ति हुई।



