रायगढ़. जिला अस्पताल में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अब लगातार बदलाव होना शुरू हो गया है, जिसके चलते अब अन्य बीमारियों के साथ जोड़ प्रत्यारोपण की सुविधा चालू हो गई, जिससे जिले के मरीजों को बगैर खर्च के बेहतर उपचार व सर्जरी की सुविधा उपलब्ध हो रही है।
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल के भवन से मेडिकल कालेज अस्पताल अलग होने के बाद यह अस्पताल सिर्फ सर्दी-बुखार के लिए ही बन गया था, जिससे मरीजोंं को काफी दिक्कत होती थी, लेकिन अब धीरे-धीरे यहां काफी सुधार होने लगा है। ऐसे में अब जिला अस्पताल में अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज के साथ जोड़ प्रत्यारोपण का भी कार्य शुरू हो गया, जिससे लोगों को काफी राहत मिल रही है। ऐसे में इस साल अभी तक यहां के विशेषज्ञों द्वारा करीब 10 मरीजों का सर्जरी के माध्यम से जोड़ प्रत्यारोपण किया गया है, जो अब पूरी तरह स्वस्थ होकर अपनी जीवन जी रहे हैं। वहीं वर्तमान में सारंगढ़ जिला के ग्राम कोटरी निवासी लता देवांगन पति शत्रुधन देवांगन पिछले एक साल से पैरों में दर्द और कूल्हे में दर्द से परेशान थी, जो अपने नित्य कर्म के लिए भी बेबस थी, जिससे उसके परिजन उसके उपचार के लिए कई प्रायवेट अस्पतालों में चक्कर लगाया, लेकिन दो से तीन लाख रुपए खर्च सुनते ही वापस लौट जा रहे थे, ऐसे में जब उन्हें पता चला कि अब रायगढ़ जिला अस्पताल में इसका बेहतर उपचार की सुविधा मिल रही है तो विगत 15 दिन पहले यहां पहुंचे जहां डाक्टरों द्वारा जांच किया गया तो पता चला कि मरीज के हड्डियों में रक्त की आपूर्ति नहीं हो रही है, जिसके चलते हमेशा कमर व घुटनेां में दर्द रहता है, साथ ही अगर और कुछ दिनों तक इसका सर्जरी नहीं होता है तो हड्डियां पूरी तरह से कमजोर जाएगी और उठना-बैठना भी मुश्किल हो जाएगा। जिससे डाक्टरेां की टीम ने आवश्यक जांच कराते हुए उसका सर्जरी किया गया जो अब धीरे-धीरे बेहतर महसुश करने लगी है। इस संंबंध में जब मरीज से बात की गई तो उसका कहना था कि पहले 24 घंटे दर्द से कराहते रहती थी, जिससे जिना मुश्किल हो गया था, लेकिन अब सर्जरी होने के बाद काफी राहत मिली है, ऐसे में अंदाजा है कि बहुत जल्द सामान्य जीवन जीएगी।
अपंगता का बनता है कारण
इस संंबंध में जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ व सर्जन डॉ. दिनेश पटेल ने बताया कि जोड़ों में दर्द की बीमारी को डाक्टरी भाषा में एवैस्कूलर नेक्रोसिस कहते हैं, जो धीरे-धीरे विकसित होता है, जो शुरुआती लक्षण अविशिष्ट होता और आगे चलकर गंभीर रूप लेने लगता है, जिसके चलते लोगों को चलना, उठना, बैठना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जब इस तरह की समस्या हो तो तत्काल इसकी जांच करानी चाहिए ताकि समय रहते इसका उपचार हो सके, साथ ही लंबे समय तक इसका उपचार नहीं होने से लंगड़ापन होना शुरू हो जाता है, जिससे काफी परेशानी होती है।
इन डाक्टरों की टीम कर रही सर्जरी
जिला अस्पताल में जोड़ प्रत्यारोपहण के सर्जरी सीएमएचओ डॉ. अनिज जगत के निर्दशन सिलिल सर्जन व हड़ी रोग विशेषज्ञ डॉ दिनेश पटेल के साथ सर्जन डॉक्टर राजकुमार गुप्ता और फिजियोथेरेपी डॉक्टर सिद्धार्थ सिंह की टीम लगातार जोड प्रत्यारोपण कर रही है। जिससे अभी तक यहां 10 मरीजों का सफल सर्जरी हो चुकी है जो अब सामान्य जीवन जी रहे हैं। वहीं बताया जा रहा है कि यह सर्जरी अगर प्रायवेट अस्पतालों में कराया जाता है तो दो से ढाई लाख का खर्च आता है, लेकिन जिला अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है।
जिला अस्पताल में जोड़ प्रत्यारोपण की सुविधा हुई शुरू
सालों से परेशान मरीजों को सर्जरी की मिल रही सुविधा



