सारंगढ़। कलेक्टर धर्मेश साहू के निर्देशानुसार जिले में आमजन को लू (हिट स्ट्रोक) के बचाव के संबंध में एक एडवाइजरी जारी की जा रही है। संपूर्ण विश्व में जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक तापमान में औसत रूप में वृद्धि हुई है। जिसके कारण प्रदेश के साथ हमारे जिले में भी भीषण गर्मी पडऩे एवं लू चलने की संभावना है। गर्मी के कारण सामान्य जनमानस प्रभावित होता है। जिससे लू लगना एवं अन्य जलजनित बीमारियों होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्मी के कारण लू से बचाव तथा जलजनित संक्रामक बीमारियों से बचाव रोकथाम एवं उपचार हेतु पूर्व से तैयारी करना आवश्यक है। उक्त परिस्थितियों को दृष्टि गत रखते हुए दिशा निर्देश जारी किए जाते है।
लू के लक्षण
सिर में भारीपन एवं दर्द होना, तेज बुखार के साथ मुंह सुखाना, चक्कर व उल्टियां होना, कमजोरी के साथ शरीर में अत्यधिक दर्द होना, पसीना नहीं आना, अधिक प्यास लगना लेकिन पेशाब का कम होना, भूख कम लगना घबराहट लगाना, बेचैनी होना, बेहोश हो जाना
लू से बचाव के उपाय
लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और लवण मुख्यत नमक की कमी हो जाना होता है अत: इससे बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर न जाए। घर से बाहर जाना ही हो तो खाली पेट न जाए। धूप में निकलने से पहले सर व कान को मुलायम कपड़ों में अच्छी तरह से बांध ले तथा आंख में भी रंगीन चश्मा लगा लें। पानी साथ लेकर घर से निकले एवं बीच बीच में पानी पीते रहे। अधिक समय तक धूप में न रहे। गर्मी के दौरान नरम, मुलायम, सूती कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहे। अधिक पसीना आने की स्थिति में ह्रक्रस् की घोल पिए चक्कर आने, मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करे तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस,लस्सी, मठा, का सेवन करे। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केंद्र से भी नि:शुल्क परामर्श लिया जा सकता है। उल्टी, सर दर्द,तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केंद्र में जरूरी सलाह लिया जा सकता है।
लू लगने पर किये जाने वाला उपचार
बुखार पीडि़त के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगावे, अधिक पानी व पेय पदार्थ जैसे कच्चे आम का पाना जलजीरा आदि। पीडि़त व्यक्ति को पंखे व कुलर नीचे हवा में लिटा देवे, शरीर पर ठंडे पानी का छिडक़ाव करते रहे, पीडि़त व्यक्ति को शीघ्र ही पास के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाए। मितानिन, ड्डठ्ठद्व से शह्म्ह्य की पैकेट हेतु संपर्क करे।
अस्पतालों में व्यवस्था
जिले के सभी शासकीय अस्पतालों में लू प्रबंधन के लिए पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई। वाह्य रोग विभाग में बुखार आने पर लू के लक्षण की जांच करावे। अस्पताल में कम से कम दो बिस्तर लू प्रभावितों के लिए आरक्षित रखे,वार्डो में कूलर की व्यवस्था हो, पीने के लिए ठंडे पेयजल की व्यवस्था हो लू से बचाव की पंपलेट पोस्टर वितरित करे ,अस्पतालों में ह्रक्रञ्ज कॉर्नर बनावे, अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस एवं आईव्ही फ्ल्यूड कि व्यवस्था रि ली गई थी, आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध रखने के निर्देश दिए जा चुके है ,जिले में एक कंट्रोल रूप की व्यवस्था बनाई जा रही है।
लू से बचने स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया एडवाइजरी
