रायगढ़। शहर के सुप्रसिद्ध गौरीशंकर मंदिर में विगत 72 वर्षों से भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महापर्व को ऐतिहासिक एवं यादगार ढंग से मनाने की परंपरा रही है। जिसकी प्रसिद्ध राज्य के साथ पूरे देश में है और शहर के गौरीशंकर मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाने राज्य के अतिरिक्त अन्य राज्यों के श्रद्धालुगण पहुंचते हैं साथ ही पूजा में शामिल होते हैं। वहीं मंदिर परिसर में भगवान श्रीकृष्ण की अर्द्ध रात्रि में बेहद ही श्रद्धा व भक्ति माहौल में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है। इस धार्मिक परंपरा को बरकरार रखते हुए श्रद्धालुओं ने विगत 26 अगस्त की अर्द्ध रात्रि को पं स्वामी शर्मा, पं हरिमोहन मिश्रा, पं कमल शर्मा व पं नंदा के सानिध्य में भगवान कान्हा की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना व महाआरती की गई। इसके पश्चात उनको माखन मिश्री व खीरे पंजरी का भोग लगाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को भक्तों में बांटा गया। वहीं मंदिर परिसर हाथी घोडा पालकी जय कन्हैया लाल की व जय श्री राधे के जयघोष से गुंजायमान हो गया।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के पहले दिन विगत 24 अगस्त से श्री गौरीशंकर मंदिर चैरिटी ट्रस्ट की पहल से भव्यता के साथ आयोजन किया जा रहा है। वहीं रायगढ़ जिले के अतिरिक्त अन्य जिलों व राज्यों से भी श्रद्धालु मंदिर आकर दर्शन कर मनभावन झांकी को देखकर अत्यंत खुश हो रहे हैं। इसी तरह श्रद्धालुओं के दर्शन – पूजन के लिए पुरुषों व महिलाओं के लिए अलग – अलग बेरीकेट्स की व्यवस्था की गई है। वहीं मंदिर परिसर के पास भव्य मेला लगा है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी महापर्व को मद्देनजर रखते हुए यातायात को सुगम बनाने व श्रद्धालुओं को सुविधा देने के उद्देश्य से शहर के हर चौक चौराहे में यातायात मार्ग व पुलिस जवानों की व्यवस्था की गई है जहां जवान सजग रहकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
आज झांकी व उत्सव का अंतिम दिन
श्री गौरीशंकर मंदिर चैरिटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित पांच दिवसीय भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी झूला उत्सव का आज 28 अगस्त को समापन दिवस है। परिसर में लगी झांकी का श्रद्धालुगण सुबह सात बजे से रात को निर्धारित समय तक झांकी का अवलोकन करेंगे। इसके पश्चात समापन होगा। वहीं पांच दिवसीय झूला उत्सव के आयोजन को भव्यता देने श्री गौरीशंकर मंदिर चैरिटी ट्रस्ट के सभी श्रद्धालुगण जुटे हैं।
गौरीशंकर मंदिर की झांकी व खूबसूरती मन को कर रही हर्षित
धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव
