भिलाई नगर। छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे भारतवर्ष में लोक कला सहित हर सांस्कृतिक विरासत को संजोते संवारते अधिकांश कलाकार उम्रदराज होने के बाद घोर आर्थिक संकट से जूझते गुमनामी के अंधेरे में खोए मिलते हैं। दरअसल कला क्षेत्र ही ऐसा है कि इसकी सबसे बड़ी पूंजी मंच के सामने बैठे दर्शकों की तालियां, वाहवाही और हौसला आफ्जाई ही है जिसके समक्ष हर कला साधक नतमस्तक हो अपने आपको सबसे धनवान महसूस करता आया है और यही उसके कला जीवन की वास्तविक और अनमोल पूंजी भी होती है। मान-सम्मान और कला प्रेमियों के बीच अपनी प्रस्तुति के गुण-दोष का आंकलन कर हर कलाकार अपने जुनून और साधना के पैमाने को पैना करते हुए निखरता चला जाता है। यही वजह है जब नौकरीपेशा सेवानिवृत्त हो घर को सजाने, संवारने और विश्राम में समय व्यतीत करते हैं तब भी कलाकार दूर दराज हो रहे कार्यक्रम की टोह और निमंत्रण पर हर दु:ख दर्द परे रख फिर से स्टेज पर आ खड़ा होता है मानों प्रस्तुति के बाद तालियों की गडग़ड़ाहट से ही उसकी सभी परेशानियां ‘छू मंतर’ हो जाएगी। सच यह भी है कि कलाकार का यह जीवन मंच पर ही भव्य और विराट सा दिखाई पड़ता है क्योंकि मंच से ढेर सम्मान और तालियां बटोर घर पहुंचे कई कलाकारों के चूल्हें ठंडे इसलिए रहे क्योंकि आज की दिहाड़ी छोड़ वह अपनी कला के जुनून को रंग देने स्टेज पर था। कुछ ऐसा ही नरम गरम जीवन और फिर बड़ी उम्र का पड़ाव कलाकार के लिए काफी मुश्किलों भरा होता है और अब आर्थिक संकट उन पर हावी दिखाई पड़ता है। कला साधना की एक ऐसी ही मिसाल भिलाई सेक्टर-1 के नेहरू कल्चरल हाऊस में आयोजित कार्यक्रम में देखने को मिली और इस मर्म से विधायक रिकेश सेन भी अछूते नहीं रहे नतीजतन मंच पर तत्काल उन्होंने एक कलाकार को बुलवाया और 50 हजार उनके हाथ पर रख पैर छूकर आगे बढ़ गए। दरअसल इस कार्यक्रम में वैशाली नगर के विधायक रिकेश सेन चीफ गेस्ट थे। दिन भर के बिजी शेड्यूल के बाद कार्यक्रम शुरू होने के दौरान पहुंचे विधायक ने गीत संगीत के इस कार्यक्रम में कुछ गीतों को सुना। दर्जन भर उम्दा कलाकारों में रायपुर की 72 वर्षीय गायिका कमला राठौर भी शुमार थीं। उनकी आवाज और गीतों की प्रस्तुति देख विधायक भी हैरान हुए। स्टेज के समीप ही इस वयोवृद्ध कलाकार के पास पहुंच जब उनकी तारीफ कर हाल-चाल पूछा तो कमला राठौर की आंखें डबडबा आईं। विधायक रिकेश सेन फौरन समझ गए कि यह विधायक की तारीफ के आंसू कुछ और कहना चाह रहे हैं। कमला राठौर अपना दर्द बयां कर पाती इससे पहले ही विधायकजी का स्टेज पर बुलावा हो गया। अपने उद्गार व्यक्त करने के बाद विधायक रिकेश सेन ने कमला राठौर को मंच पर बुला उनकी कला साधना को नमन करते हुए उनके हाथ में 500 की गड्डी थमा दी। श्री सेन ने कहा कि आपकी आर्थिक तंगी कभी भी आपकी कला साधना पर हावी नहीं होने दूंगा। कमला राठौर के पैर छूकर विधायक ने आशिर्वाद लिया और सभी से विदा ले आगे बढ़ गए।