रायगढ़। नगर निगम क्षेत्र में टैक्स जमा करने की ऑनलाइन व्यवस्था शुरू होने के बाद भी ज्यादातर लोगों में टैक्स जमा करने को लेकर रुझान नहीं दिख रहा है। नगर निगम रायगढ़ में इस वित्तीय वर्ष में 31 दिसंबर 2023 की स्थिति में महज 40 फ़ीसदी राजस्व की वसूली हो पाई है। जिससे नगर निगम का खजाना अब भी खाली है। हालांकि महापौर जानकी काटजू वित्तीय वर्ष के अंत तक मांग के अनुरूप राजस्व की वसूली कर लिए जाने का दावा कर रही हैं। खास बात यह है कि इस वित्तीय वर्ष में राजस्व वूसली का लक्ष्य 2987.41 लाख है, लेकिन 31 दिसंबर 2023 की स्थिति में 1204.63 लाख राजस्व ही निगम के खजाने में आ पाए हैं। जिससे आने वाले दिनों में नगर निगम को राजस्व वसूली के लिए काफी माथा-पच्ची करनी पड़ सकती है।
दरअसल रायगढ़ नगर निगम के द्वारा इस वित्तीय वर्ष में टैक्स जमा करने के लिए ऑनलाइन की व्यवस्था शुरू की गई। घर-घर में इसके लिए कोड गृहस्वामी के नाम जारी कर उसे चश्पा कराया गया है। बावजूद इसके लोग नगर निगम में संपत्तिकर, समेकित कर, जलकर के अलावा दुकानों का किराया निर्यात कर और यूजर चार्ज अदा करने को लेकर जागरूक नहीं दिख रहे हैं। यही वजह है कि इस वित्तीय वर्ष में 31 दिसंबर 2023 तक की स्थिति में महज 40 फ़ीसदी राजस्व की वसूली की जा सकी है। नगर निगम के राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में 1124.15 लाख संपत्ति कर से राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य है। जबकि 205.50 लाख ही वसूल की जा सकी है। समेकित कर 194.30 लाख के मुकाबले 83.01, जलकर 479.99 लाख के एवज में 138.62 लाख और यूजर चार्ज 140.83 लाख के डिमांड पर 28.07 लाख का राजस्व प्राप्त हो सका है।
बताया जाता है की इस वित्तीय वर्ष और पिछले वित्तीय वर्ष के बकाया के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में 2987.41 लाख राजस्व वसूली की डिमांड है। जबकि इस वित्तीय वर्ष के 31 दिसंबर 2023 तक की स्थिति में 1204.63 लाख राजस्व की प्राप्ति हो पाई है। इस तरह मात्र 40 प्रतिशत राजस्व निगम के खजाने में जमा हो पाया है। ऐसी स्थिति में निगम प्रशासन के द्वारा राजस्व वसूली तेज करने वार्डों में सिरि लगाया जा रहा है। जिससे आने वाले दिनों में राजस्व प्राप्ति के आंकड़ों में वृद्धि होने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि शिविर से लोग टैक्स जमा करने के लिए कितने उत्सुकता दिखाएंगे यह तो आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा, लेकिन महापौर जानकी काटजू का कहना है कि वार्डो में सिविर लगाकर राजस्व अमले द्वारा घर-घर दस्तक दी जा रही है और लोगों को सभी तरह के टैक्स का भुगतान नियत समय पर करने प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिससे वित्तीय वर्ष के अंत तक लक्ष्य के अनुरूप राजस्व की प्राप्ति होने की संभावना है।
दूर की जाएगी ऑनलाइन की दिक्कत : जानकी काटजू
नगर निगम की ऑनलाइन सेवा से टैक्स अदा करने में आ रही दिक्कतों को लेकर महापौर जानकी काटजू का कहना है कि शहर में करीब 20 फ़ीसदी टैक्स दाता लोगों के पास ऑनलाइन की सुविधा नहीं है। जिससे ऐसे वर्ग के लोग अपनी समस्या बता रहे हैं, ऐसी स्थिति में आवश्यकता अनुसार टैक्स जमा कराने ऑफ लाइन की सुविधा प्रदान कराई जा सकती है। आने वाले दिनों में लोगों की समस्याओं को देखते हुए इस तरह की व्यवस्था शुरू की जा सकती है। जिससे लोग बकाया टैक्स का आसानी से भुगतान कर सकें।
अलग-अलग वजह भी है!
राजस्व वसूली में काफी पीछे रहने के अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं। निगम सूत्रों की माने तो इस वित्तीय वर्ष के दौरान विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगे होने की वजह से राजस्व अमला चुनाव ड्यूटी में व्यस्त रहा। जिससे टैक्स वसूली का काम प्रभावित हुआ। हालांकि अब वार्डों में टैक्स वसूली के लिए सिविर लगाए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में वित्तीय वर्ष के अंत तक लक्ष्य के अनुरूप वसूली होने की संभावना जताई जा रही है। दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि नगर निगम में संपत्तिकर, समेकितकर, जलकर लोग तो अदा करना चाहते हैं, लेकिन यूजर चार्ज देने में गुरेज करते दिख रहे हैं। इसकी वजह यह बताई जाती है कि यूजर चार्ज तो वसूल किया जा रहा है, लेकिन घर-घर में कचरा लेने के लिए रिक्शा नहीं पहुंच रहा है। लोगों को घरेलू डस्टबिन उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिससे लोग यूजर चार्ज देने में आना-कानी करते नजर आते हैं। यदि डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की सुविधा शुरू की गई है तो प्रत्येक घरों को इस सुविधा के लाभ से जोड़ा जाना आवश्यक लगता है।
यूजर चार्ज अदा करने में दिक्कत
नगर निगम द्वारा टैक्स अदा करने के लिए शुरू की गई ऑनलाइन सेवा से ज्यादातर लोग इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। बताया जाता है कि शहर की कमजोर आय वर्ग के लोग बकाया टैक्स का भुगतान अपनी सहोलियत के अनुरूप किस्तों में अदा करना चाहते हैं। लेकिन ऑनलाइन सेवा में इस तरह की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग टैक्स अदा नहीं कर पा रहे हैं। बताया जाता है कि यूजर चार्ज को लेकर इस तरह की ज्यादा दिक्कत आ रही है। लोगों का कहना है कि सॉफ्टवेयर में 3 साल का यूजर चार्ज जोड़ा गया है, जबकि कई लोग इसका पूर्व में भुगतान कर चुके हैं, लेकिन रसीद उपलब्ध नहीं है। अथवा 3 साल का यूजर चार्ज एक मुस्त अदा कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। जिससे ऑनलाइन सेवा से यूजर चार्ज अदा करने में दिक्कत आ रही है।