रायगढ़। रात होते ही जिला अस्पताल के आपातकालीन परिसर अवैध बाइक स्टैंड में तब्दील हो जाता है, जिससे रात के समय अगर कोई गंभीर मरीज आता है तो उसके परिजनों को खुले आसमान के नीचे इंतजार करना पड़ता है। जिसको लोकर कई बाद विवाद की भी स्थिति निर्मित होती है। इसके बाद भी व्यवस्था में बदलाव नहीं हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि विगत कुछ दिनों से जिला अस्पताल के इमरजेंसी यूनिट के गेट के सामने रात होते ही अवैध पार्किंग बन जा रहा है। जिससे यहां भर्ती होने वाले मरीजों के परिजनों को बैठने में समस्या होती है तो वहीं उपचार के लिए भर्ती मरीजों में इंफेक्शन फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है। जिसको लेकर कई बार विवाद की भी स्थिति निर्मित हो जाती है। हालांकि जिला अस्पताल में वाहन पार्किंग भी बना हुआ है, जिससे आम लोगों को वाहन खड़े करने पर उनको पैसे देने पड़ते हैं, लेकिन अस्पताल के स्टाफ के लिए छुट है, इसके बाद भी रात के समय कर्मचारियों द्वारा अपने वाहन को आपातकालीन परिसर में खड़ा करना समझ से परे है। इसी बात को लेकर गुरुवार को रात में विवाद की स्थिति बन गई थी, और देखते ही देखते पुलिस बुलाने की नौबत बन आ गई, ऐसे में डाक्टरों की समझाईश के बाद गाडिय़ों को वहां से बाहर हटाया गया। वहीं बताया जा रहा है कि अस्पताल में रात के समय एक-दो गार्ड ही ड्यूटी करते हैं, लेकिन वे भी अपनी ड्यूटी पर न होकर कभी मरहम-पट्टी करने में लग जाते हैं तो कभी सुरक्षित जगह देखकर सोने चले जाते हैं, जिससे वाहन चोरी का खतरा बढ़ जाता है, जिसके चलते कर्मचारी आपातकालीन परिसर में वाहनों को खड़ी कर देते हैं, ताकि चोरी से बच सके। हालांकि इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को भी है, लेकिन इसके बाद भी व्यवस्था सुधारने कोई पहल नहीं होने के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है। इस संबंध में अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार रात में आपातकालीन परिसर दोपहिया वाहनों से भर गया था, जिससे यहां भर्ती होने वाले मरीजों के परिजनों को बैठने तक की जगह नहीं थी, ऐसे में जब पुलिस चौकी के स्टाफ द्वारा वाहनों को बाहर रखने के लिए कहा गया तो वहां ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों ने बहस करने लगे, इसी बात को लेकर दोनों में विवाद इस कदर बढ़ गई कि पुलिस बुलाने की नौबत आ गई, लेकिन डाक्टरों की समझाईश के बाद दोनों को शांत कराया गया।
रात में गार्ड बन जाते हैं कंपाउंडर
गौरतलब हो कि रात में आपातकालीन में कोई कंपाउंडर की नहीं रहते हैं, ऐसे में जब इमरजेंसी केस आता है तो ड्यूटी पर तैनात सिक्युरिटी गार्ड और वार्ड ब्याय ही मरहम-पट्टी और टांके लगाने का काम करते हैं। साथ ही कई बार वार्ड व्याय द्वारा इंजेक्शन भी लगाया जाता है। जिसको लेकर भी कई बार विवाद की स्थिति बन जाती है, लेकिन यहां ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों का कहना होता है कि अगर उपचार कराना है तो कराओ या दूसरे अस्पताल जा सकते हो। जिसको लेकर भी कई बार विवाद की स्थिति बन जाती है।
रात में इमरजेंसी वार्ड का गेट बन जाता है वाहन पार्किंग
मरीज आने पर उसके परिजनों को होती है समस्या, वाहन खड़े करने को लेकर हर दिन बनती है विवाद की स्थिति
