रायगढ़। धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की लगातार तीसरी बार पराजय से कार्यकर्ताओं के मन में हताशा साफ दिख रही है। हालांकि बीते 2018 के चुनाव में भाजपा को इस सीट से बेहद कम वोट मिले थे। और कांग्रेस करीब 40 हजार मतों के अंतर से चुनाव जीत गई थी। इस बार भाजपा ने कांग्रेस के उस बढ़त को रोकने में सफलता तो अर्जित की लेकिन इस चुनाव में भी भाजपा को 9637 मतों के अंतर से पराजय का सामना करना पड़ा। राजनीतिक सूत्रों की माने तो कांग्रेस की लगातार तीसरी जीत को नहीं रोक पाने का भाजपा कार्यकर्ताओं को बेहद मलाल है। बताया जाता है कि जिला संगठन की ओर से बेहतर मार्गदर्शन और चुनावी रणनीति की कमी इस चुनाव में भी कार्यकर्ताओं को खलती रही, लेकिन कार्यकर्ता अपने दम पर चुनावी नैया पार लगाने की जुगत में रहे। हालांकि 40 हजार से अधिक की कांग्रेस की लीड को पाटने में बड़ी सफलता मिली, परंतु थोड़ी कसर रह गई और जीत हाथ से फिसल गई। चुनाव खत्म होने के बाद पार्टी समीक्षा में जुटी है, कि आखिर कहां चूक रह गई। राजनीति के जानकार इस चुनाव में भी पार्टी में हुई भितरघात की आशंका जता रहे हैं। कार्यकर्ता भी पार्टी के कुछ इलाके में भितरघात को लेकर दबी जुबान में चर्चा कर रहे हैं। अब देखना है कि पार्टी धरमजयगढ़ क्षेत्र में हुई हार की समीक्षा किस रूप में करती है। रायगढ़ जिले की तीन सीटों पर भाजपा को मिली पराजय में धरमजयगढ़ की सीट भी शामिल है। खास बात यह है कि इस बार भाजपा ने धरमजयगढ़ सीट पर जीत के लिए नए सिरे से रणनीति तैयार की थी। बताया जाता है कि इस चुनाव में भाजपा ने जहां नए चेहरे पर दाव लगाया इस सीट से प्रत्याशियों की पहली सूची में हरिश्चंद्र राठिया को प्रत्याशी घोषित कर दिया था। जिससे हरिश्चंद्र राठिया चुनाव की घोषणा से पहले ही क्षेत्र में जनसंपर्क में जुट चुके थे, लेकिन अंत में पराजय का सामना करना पड़ा। हालांकि इस चुनाव में भाजपा के पक्ष वोट की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज हुई। जबकि पिछले 2018 के चुनाव में भाजपा के हिस्से में महज 54838 वोट ही आए थे और कांग्रेस प्रत्याशी लालजीत सिंह राठिया के खाते में 95173 वोट आए। इस तरह कांग्रेस ने 40335 मतों के अंतर से भाजपा को पराजित किया था। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हरिश्चंद्र राठिया को 80856 वोट हासिल हुए। जबकि कांग्रेस के लालजीत सिंह राठिया पिछले चुनाव से करीब 5000 कम वोट पाकर 90493 के आंकड़े पर थे। हालांकि कांग्रेस ने 9637 वोटों के अंतर से भाजपा को पराजित करने में सफलता पा लिया। परंतु भाजपा 40 हजार की बड़ी लीड को कम करने सफल जरूर हुई। बताया जाता है कि भाजपा को इस बार जीत मिलने की बड़ी उम्मीद थी, लेकिन उम्मीद पर पानी फिर गया। कांग्रेस की लगातार तीसरी जीत से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। भाजपा इस चुनाव में एड़ी चोटी का जोर लगाने की रणनीति पर काम कर रही थी, लेकिन भाजपा के कापू, बांकारूमा और छाल मंडल के ज्यादातर बूथों में कांग्रेस से पीछड़ गई। जिसका असर चुनाव परिणाम पर सीधा पड़ा और भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में खास बात यह रही कि कांग्रेस को कुल 281 बूथों में से जहां 163 बूथों पर भाजपा से बढ़त बनाने में सफलता मिली। वहीं भाजपा को 118 बूथों पर ही कांग्रेस को बढ़त बनाने में सफलता मिल पाई। इस तरह कांग्रेस के मतों का अंतर भाजपा को पछाडऩे में सफल हो गया। अलग-अलग बूथों पर मिले वोटों को गौर करें तो भाजपा को क्रिन्धा, छुही पहाड़, रूवांफूल, कुमा, इंचपारा, चाल्हा, बताती, जमरगा, बकालो, कुमरता, गिद्धकालो, परसा जैसे बूथों में बढ़त मिली। इसी तरह बैरागी, कुंभीचुआं, रतनपुर, सोनपुर, कापू-1, इन्दकालो, गोढ़ीखुर्द, बालकपोड़ी, ससकोबा, भालूपखना, खम्हार-1, जमरगीडी, जबगा, सेमरा, पोटिया, बोरो, उदउदा, फतेहपुर के बूथों में भाजपा बढ़त बनाने में सफल रही। इसके अलावा कुछ अन्य बूथों पर कांग्रेस से बढ़त बनाने में कामयाब हो पाई। परंतु ज्यादातर बूथों पर कांग्रेस का बढ़त बरकरार रहा और कांग्रेस की जीत का प्रमुख कारण बना।
भाजपा को नगरीय क्षेत्र में मिली थी बढ़त
धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र के नगरीय ईलाकों में इस बार भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा। बताया जाता है कि धरमजयगढ़ नगर पंचायत क्षेत्र में भाजपा इस चुनाव में बढ़त बनाने में सफल रही। बायसी से लेकर दुर्गापुर, शाहपुर, अमली टिकरा, धरमजयगढ़ के 14 बूथों में भाजपा की बढ़त रही। इसके अलावा गनपतपुर, रैरूमा खुर्द, बाकारूमा-1, सीसरिंगा-3, बायसी कॉलोनी, सेमीपाली, खडगांव-1, कया-1, तिलाईपाली, रायकेरा, पोर्डा, कुड़ुमकेला-1, ,4,5,6 सहित पुरी, धसकामुड़ा, चंद्रशेखरपुर, नवापारा-1, बांधापाली के अलावा घरघोड़ा के चार बूथों और नवापारा, कसैया, अमलीडीह, छर्राटांगर, डेहरीडीह, डोकरबूढ़ा जैसे बूथों पर भाजपा को बढ़त मिली। खास बात यह रही की नगरी क्षेत्र में कांग्रेस पिछड़ी हुई नजर आई। जबकि भाजपा पिछले चुनाव से बढ़त बनाने में बहुत हद तक सफल रही। लेकिन ज्यादातर बूथों में कांग्रेस को मिली बढ़त से भाजपा इस चुनाव में भी हार गई।
कांग्रेस का गिरा वोटो का आंकड़ा चिंताजनक
धरमजयगढ़ सीट से कांग्रेस के लालजीत सिंह राठिया की लगातार तीसरी जीत है। हालांकि कांग्रेस के लिए इस बार के चुनाव में मिली जीत ज्यादा सुकून देने वाली नहीं है। कांग्रेस के लालजीत सिंह राठिया को 2018 के चुनाव में 40 हजार से अधिक की लीड मिली थी। लेकिन इस चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले प्राप्त मतों का आंकड़ा भी करीब 5 हजार कम हो गया। यह कांग्रेस के लिए चिंताजनक स्थिति मानी जा सकती है। राजनीति के जानकारों की माने तो इस चुनाव में भाजपा ने अपने हिस्से के वोट में बढ़ोतरी कर कांग्रेस को चिंता में डाल दिया है। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस अपना गढ़ बचाने में कामयाब रही, लेकिन वोट के गिरते आंकड़े आने वाले चुनाव के लिए खतरे के संकेत हैं।
धरमजयगढ़ में चूक से हताशा में भाजपा!
हार की समीक्षा में जुटी पार्टी, भितरघात के आशंका की तलाश, कांग्रेस की बड़ी लीड पाटने में हुई सफल, पर चुनाव नहीं जीत पाने का मलाल
