NavinKadamNavinKadamNavinKadam
  • HOME
  • छत्तीसगढ़
    • रायगढ़
      • खरसिया
      • पुसौर
      • धरमजयगढ़
    • सारंगढ़
      • बरमकेला
      • बिलाईगढ़
      • भटगांव
    • शक्ति
    • जांजगीर चांपा
    • बिलासपुर
  • क्राइम
  • आम मुद्दे
  • टेक्नोलॉजी
  • देश-विदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • Uncategorized
Reading: निगम की अदूरदर्शिता से जर्जर हो रही दुकानें
Share
Font ResizerAa
NavinKadamNavinKadam
Font ResizerAa
  • HOME
  • छत्तीसगढ़
  • क्राइम
  • आम मुद्दे
  • टेक्नोलॉजी
  • देश-विदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • Uncategorized
  • HOME
  • छत्तीसगढ़
    • रायगढ़
    • सारंगढ़
    • शक्ति
    • जांजगीर चांपा
    • बिलासपुर
  • क्राइम
  • आम मुद्दे
  • टेक्नोलॉजी
  • देश-विदेश
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • Uncategorized
Follow US
  • Advertise
© 2022 Navin Kadam News Network. . All Rights Reserved.
NavinKadam > रायगढ़ > निगम की अदूरदर्शिता से जर्जर हो रही दुकानें
रायगढ़

निगम की अदूरदर्शिता से जर्जर हो रही दुकानें

सुविधाओं का अभाव, कई दुकानों का नहीं हो रहा संचालन, दुकानों का आबंटन नहीं होने से राजस्व का नुकसान

lochan Gupta
Last updated: December 1, 2023 1:36 am
By lochan Gupta December 1, 2023
Share
11 Min Read

रायगढ़। जिला मुख्यालय में नगर निगम प्रशासन की कार्यशैली से जहां आम नागरिकों को उपलब्ध सुविधाओं का लाभ लेने में बड़ी जद्दोजहद करना पड़ रहा है। वहीं निगम प्रशासन को भी उपलब्ध सेवाओं के एवज में मिलने वाली आर्थिक लाभ से वंचित रहने की स्थिति साफ नजर आ रही है। बात कर रहे हैं नगर निगम क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए स्वरोजगार के लिए दुकानों के आबंटन और उसके एवज में निगम को मिलने वाले राजस्व की। बताया जाता है कि निगम प्रशासन की शहर के अलग-अलग क्षेत्र में करीब 1700 दुकानें हैं, लेकिन अनेक क्षेत्रों की सैकड़ो दुकानों का निर्माण के बाद आबंटन नहीं हो पाना, यदि आबंटन की प्रक्रिया की भी गई तो उस क्षेत्र की दुकानों में व्यवसाय का संचालन नहीं हो पाना बेहद ही चिंताजनक स्थिति है।
खास बात यह है कि मौजूदा दौर में 1700 दुकानों में से महल 1000 दुकानों में से नियमित तौर पर किराए की राशि राजस्व के तौर पर निगम के खजाने तक पहुंच पा रहा है।
ज्यादातर दुकानों की हालत जर्जर होने के अलावा उनके आबंटन नहीं हो अपने से व्यवसाय का संचालन नहीं होने के चलते लोग किराए की राशि अदा नहीं कर पा रहे हैं। नगर निगम क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के साथ निगम को राजस्व की नियमित प्राप्ति होने की मंशा से अलग-अलग समय में शासन की योजनाओं के अलावा निगम मध्य से दुकानों का निर्माण कराया गया निगम सूत्रों के मुताबिक निगम प्रशासन की कई दुकानों का निर्माण नगर पालिका परिषद के कार्यकाल में कराया गया था। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात रायगढ़ नगर पालिका परिषद को निगम का दर्जा मिलने के बाद बड़ी संख्या में शहर के अलग-अलग क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए दुकानों और गोदामों का निर्माण कराया गया। बताया जाता है कि शहर के अंबेडकर कॉलोनी आईटीआई क्षेत्र में जहां बड़ी संख्या में दुकानों का निर्माण हुआ। वहीं जेल परिसर में बड़ी संख्या में अलग-अलग योजनाओं से दुकानों का निर्माण कराया गया। इसी तरह कोतरा रोड, चांदमारी, बेलादुला मरीन ड्राइव, जूटमिल क्षेत्र, ट्रांसपोर्ट नगर, रामलीला मैदान सहित गौशाला चौक, केवड़ाबाड़ी क्षेत्र में बड़ी संख्या में दुकानों के निर्माण कराए गए। लेकिन ज्यादातर क्षेत्रों की दुकानों में व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन नहीं हो पा रहा है। जिससे ज्यादातर क्षेत्र की दुकानों की हालत जर्जर हो गई है। खास कर अंबेडकर कॉलोनी आईटीआई क्षेत्र की दुकानों की बात करें तो यहां की ज्यादातर दुकानें पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए सुविधाओं का विस्तार नहीं किया गया। जिससे ज्यादातर दुकानें आबंटित नहीं हो पाई। वहीं आबंटित होने के बाद समुचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने की वजह से दुकानों में व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन नहीं हो पा रहा है। आईटीआई क्षेत्र की दुकानों के अलावा बेलादुला मरीन ड्राइव, जेल काम्प्लेक्स, स्टेशन रोड शॉपिंग मॉल की दुकानें है जहां सुविधाओं की कमी के चलते ज्यादातर दुकानें बंद पड़ी है। लोगों का कहना है कि निगम प्रशासन व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन को लेकर गंभीर नहीं रही। यही वजह है कि दुकानदारों एवं आम लोगों की जरूरत के हिसाब से सुविधा उपलब्ध कराने में ज्यादातर क्षेत्रों में नाकामयाब ही रही। यही वजह है कि रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में निगम के अधीन की 1700 दुकानों में से महज 1000 दुकानों से नियमित तौर पर राजस्व की प्राप्ति होती है। बताया जाता है की सबसे ज्यादा बद्तर स्थिति आईटीआई क्षेत्र की दुकानों के अलावा बेलादुला मरीन ड्राइव की दुकानों की हालत जर्जर है। जहां लंबे अरसे के बाद भी उन दुकानों को व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए बेहतर सुविधाएं मुहेया नहीं कराई जा सकी। इसके चलते लोग इन दुकानों को लेने और वहां व्यावसायिक गतिविधियों के संचालक को लेकर उत्साहित नहीं हो पाए। नगर निगम क्षेत्र में जिस गति से दुकानों का निर्माण कराया गया उस गति से उन क्षेत्रों में व्यवसाय गतिविधियों के संचालन के लिए बिजली, पानी, सफाई व्यवस्था के अलावा आवागमन के लिए सुगम सडक़ की व्यवस्था नहीं किया जा सका। जिसके चलते बड़ी संख्या में लोगों को स्वरोजगार के क्षेत्र में उपलब्ध कराई गई सेवाओं का लाभ लेने से महरूम रहने की स्थिति अब भी बनी हुई है।
नहीं मिला पट्टा, बन गई दुकानें
नगर निगम प्रशासन ने पिछले कई साल पहले शहर के गुमटी ठेला संचालित करने वाले फुटपाथ के छोटे-छोटे दुकानदारों को चौपाटी स्थल में व्यवस्थापित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए बेलादुला मरीन ड्राइव में सेड का निर्माण कराया गया। बताया जाता है कि सेड पूरी तरह से जर्जर हो गए, उसके बाद कुछ दिनों तक चौपाटी का संचालन शुरू करने निगम गंभीर दिखा। करीब साल भर तक कुछ दुकानों का संचालन यहां चाट, फुलकी वालों ने किया। फिर असुविधाओं के चलते लोगों का आना-जाना कम हुआ तो चौपाटी ठप्प पड़ गई। इसके बाद कई वर्षों तक इसे कोई झांकने नहीं आया। इस साल चुनाव से पहले इस मरीन ड्राइव की 24 दुकानों की रिपेयरिंग कराई गई, टाइल्स और शटर लगाए गए, और इसके बाद आबंटन की प्रक्रिया शुरू की गई। बताया जाता है कि अब तक इन दुकानों के आबंटन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकी है। जिससे इन दुकानों में से कई दुकानों के सटर टूट रहे हैं। ज्यादातर दुकानों के शटर बंद तो हैं लेकिन बड़े पैमाने पर यहां शराब खोरी शुरू हो गई है। समूचे क्षेत्र झाडिय़ां से घिरा है। इन दुकानों को लेकर खास बात यह भी सामने आ रही है कि निगम प्रशासन ने जिस स्थान पर दुकानों का निर्माण कराया है उसका निगम को पट्टा तक नहीं जारी किया जा सका है। नदी किनारे के इस क्षेत्र में दुकानों का निर्माण नजूल विभाग से पट्टा जारी नहीं होने के बाद भी करा लिया। इसकी जानकारी मिलने पर लोग ऐसी दुकानों को लेने से कतरा रहे हैं। ऐसी स्थिति में ऐसा लगता है कि निगम प्रशासन ने शहर की अलग-अलग क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए जिस तरह अदूरदर्शिता का परिचय दिया यह शहर में स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में बेहद अफसोस जनक कार्यशैली को दर्शाता है।
निगम प्रशासन की अदूरदर्शिता
शहर के हृदय स्थल स्टेशन रोड पर निर्मित नगर निगम का शॉपिंग काम्प्लेक्स भी नगर निगम की अदूरदर्शिता का एक बड़ा उदाहरण बन गया है। व्यावसायिक दृष्टि से क्रीम एरिया में ऐसे शॉपिंग काम्प्लेक्स का निर्माण करना जहां ज्यादातर दुकानों को फ्रंट और व्यवस्थित एरिया नहीं उपलब्ध कराया जा सका। बताया जाता है कि बहु मंजिला इस शॉपिंग काम्प्लेक्स में ऐसी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी जिससे ग्राउंड फ्लोर से आम लोगों को प्रथम द्वितीय तल तक पहुंचने में आसानी हो। बरसात के मौसम में बारिश के पानी से जल भराव, सीपेज की परेशानी तो है, वहीं आम दिनों में समुचित रोशनी पहुंचने तक के इंतजाम नहीं कराए गए। जिससे करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित इस शॉपिंग काम्प्लेक्स का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है। दूसरी तरफ जेल परिसर की दुकानों के प्रथम तल की ज्यादातर दुकानों में कई वर्षों बाद भी व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन नहीं हो पाना इस परिसर में सुविधाओं की कमी और निगम प्रशासन की अदूरदर्शित की कहानी बयां कर रही है।
तकनीकी खामियों के चलते लाभ से वंचित
रायगढ़ शहर के अलग-अलग कालखंड में निर्मित दुकानों के लिए निगम के तकनीकी अधिकारी इस तरह के दुकानों के निर्माण के लिए जिम्मेदार माने जा सकते हैं। लोगों का कहना है कि निगम प्रशासन किसी भी स्थल में दुकानों व काम्प्लेक्स निर्माण के लिए नक्शा का निर्माण करता है, परंतु मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की तरफ ज्यादातर निगम प्रशासन गंभीर नहीं रहा। हालांकि शासन के तकनीकी विभाग से नक्शा स्वीकृत भी कर लिया जाता है। परंतु निर्माण पूर्ण होने तक ऐसी सुविधाओं के विस्तार की दिशा में गंभीरता नहीं दिखाई जाती। जिससे दुकानों व शॉपिंग काम्प्लेक्स में सुविधाओं का अभाव बना रहता है। बताया जाता है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि इन तकनीकी पहलुओं की तरफ ध्यान नहीं रख पाते और आधिकारी कार्य पूर्णता का दावा कर निर्माण कार्य बंद कर लेते हैं। ऐसी स्थिति का नजारा नगर निगम क्षेत्र की ज्यादातर शॉपिंग काम्प्लेक्स व दुकान निर्माण कार्य में देखा जा सकता है। यही वजह है कि नगर निगम की इस सेवा का लाभ समुचित रूप से शहरवासियों एवं स्वरोजगार का संचालन करने वाले लोग नहीं ले पा रहे हैं। जिससे नगर निगम प्रशासन को जहां सेवा के एवज में मिलने वाले राजस्व से वंचित रहना पड़ रहा है। साथ ही शहर में व्यावसायिक गतिविधियों के बेहतर संचालन के समुचित माहौल से स्थानीय लोगों को महरूम होना पड़ रहा है।

You Might Also Like

ओपी जिंदल स्कूल, राबो में वार्षिकोत्सव ‘परिवर्तन’ का भव्य आयोजन

अवैध कबाड़ परिवहन पर छाल पुलिस की बड़ी कार्रवाई

प्रधानमंत्री द्वारा दिखाए मार्ग का अनुसरण करेंगे- गोपाल अग्रवाल

शहर के भव्य पंडालों में विराजी जगत जननी

38 अधिकारी-कर्मचारियों ने कर्तव्य मतपत्र का किया प्रयोग

Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram Email
Previous Article कांग्रेस-भाजपा दोनों कर रहे जीत का दावा
Next Article प्रधान कार्यालय, द.पू.म. बिलासपुर में क्षेत्रीय हिंदी प्रतियोगिता संपन्न

खबरें और भी है....

तोड़-फोड़ के प्रभावितों से मिले पीसीसी चीफ
दीपक बैज के आरोप गैर-जिम्मेदाराना व मनगढ़ंत
पिकअप की ठोकर से बाइक चालक की हुई मौत
कांग्रेस की सोच विकास विरोधी- विजय अग्रवाल
खुले स्कूलों के पट, पहले दिन तिलक लगाकर बच्चें का हुआ स्वागत

Popular Posts

तोड़-फोड़ के प्रभावितों से मिले पीसीसी चीफ
मेगा हेल्थ कैंप का मिला फायदा, गंभीर एनीमिया से पीड़ित निर्मला को तुरंत मिला इलाज
स्कूल व आंगनबाड़ी के बच्चों का शत-प्रतिशत जारी करें जाति प्रमाण पत्र,कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने बैठक लेकर राजस्व विभाग की कामकाज की समीक्षा
दृष्टिहीन मिथिला का मौके पर बना राशन कार्ड, शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना से लाभान्वित करने के दिए निर्देश
डेंगू से निपटने निगम और स्वास्थ्य की टीम फील्ड पर,पिछले 5 साल के मुकाबले इस साल केसेस कम, फिर भी सतर्कता जरूरी

OWNER/PUBLISHER-NAVIN SHARMA

OFFICE ADDRESS
Navin Kadam Office Mini Stadium Complex Shop No.42 Chakradhar Nagar Raigarh Chhattisgarh
CALL INFORMATION
+91 8770613603
+919399276827
Navin_kadam@yahoo.com
©NavinKadam@2022 All Rights Reserved. WEBSITE DESIGN BY ASHWANI SAHU 9770597735
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?