रायगढ़. शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन गुरुवार को शहर सहित अंचल के देवी मंदिरों में धूमधाम से स्कंदमाता की पूजा की गई। साथ ही सुबह-शाम माता के आरती में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। साथ ही शहर में जगह-जगह गरबा का भी आयोजन हो रहा है, जिससे भक्त शाम होते ही गरवा कार्यक्रम में शामिल होकर आनंद उठा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को सुबह से ही माता के पांचवां रूप स्कंदमाता की भक्ती में श्रद्वालु लीन रहे। वहीं पूरे दिन देवी मंदिरों में बाहर से भी भक्त पहुंचते रहे, साथ ही शाम होते ही माता के आरती के समय भक्तों की संख्या काफी बढ़ जा रही है, हालांकि मंदिर समिति द्वारा पहले से ही विशेष तैयारी की गई है, जिसके चलते भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। वहीं जानकारों की मानें तो स्कंदमाता हिमालय की पुत्री पार्वती ही हैं, इन्हें गौरी भी कहा जाता है। भगवान स्कंद को कुमार कार्तिकेय के नाम से जाना जाता है और ये देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति थे, इनकी मां देवी दुर्गा थी और इसी वजह से मां दुर्गा के स्वरूप को स्कंदमाता भी कहा जाता है। मान्यता है कि जिस भी साधक पर स्कंदमाता की कृपा होती है उसके मन और मस्तिष्क में अपूर्व ज्ञान की उत्पत्ति होती है। इस कारण नवरात्र के पांचवें दिन देवी भक्त पूरे तन-मन से स्कंदमाता की पूजा करते हैं। ऐसे में गुरुवार को सुबह से ही शहर सहित ग्रामीण अंचल में भी भक्त स्कंद माता के रूपों की पूजा करने में लगे रहे। इस दौरान जिले के प्रसिद्ध बुढ़ी माई मंदिर, अनाथालय स्थित दुर्गा मंदिर, समलेश्वरी माता मंदिर व राजापारा स्थित समलाई माता के मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे हुए थे और अपने परिवार के सुख-समृद्धि के लिए माता की अराधना किया।
भक्तिमय हुआ माहौल
गौरतलब हो कि जब से नवरात्र पर्व शुरू हुआ है तब से देवी मंदिरों में मादर की थाप सुनाई दे रही है। साथ ही भक्त माता के जयकारे लगाते हुए मंदिर पहुंच रहे हैं। ऐसे में भक्तों का कहना है कि नवरात्र के नौ दिन बहुत खास होता है। इस समय जो भी भक्त तन-मन से माता का ध्यान करता है उसकी समस्या जरूर दूर होती है, यही कारण है कि इन दिनों पूरा माहौल भक्तिमय नजर है। साथ ही ज्यादातर लोग सुबह-शाम माता के दरबार में पहुंच कर आरती का लाभ उठा रहे हैं। इसके साथ ही भगवानपुर स्थित पूज्य मां अघोर शक्ति पीठ मंदिर में नवरात्र के दिनों में माता का संगीतमय आरती हो रही है, जहां आसपास के बड़ी संख्या में महिला-पुरुष व बच्चे पहुंच रहे हैं और पूजा-पाठ के बाद ज्योत दर्शन भी कर रहे हैं।
जगह-जगह गरबा का हो रहा आयोजन
उल्लेखनीय है कि शहर में जगह-जगह गरबा का भी कार्यक्रम चल रहा है,जिसमें रात होते ही महिला-पुरुष विशेष परिधान धारण कर माता के गरबा कर रहे हैं। इस संबंध में युवाओं का कहना था कि गरबा को लेकर इनमें विशेष उत्साह था, जिसके चलते नवरात्र के पहले से ही तैयारियों में जुट गए थे। इन दिनों शहर के गुजराती पारा, रामलीला मैदान सहित अन्य जगहों में आयोजन चल रहा है। जिससे शहरवासी मंदिर से लौटने के बाद सीधे गरबा कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं, जो देर रात करीब 11 बजे तक गरबा का अनंद उठा रहे हैं।
आज होगी मां कात्यानी देवी की पूजा
शुक्रवार को मां कात्यानी देवी की पूजा-अर्चना की जाएगी, जिसके लिए भी मंदिर समिति द्वारा तैयारी पूर्ण कर ली गई। मान्यता है कि महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया था, इसलिए उन्हें कात्यायनी देवी कहा जाता है। मां कात्यायनी को ब्रज की अधिष्ठात्री देवी भी माना जाता है। ऐसे में सुबह से ही लोग फुल प्रसाद लेकर माता के दर्शन करने पहुंचेंगे, जिसको देखते हुए विशेष तैयारी की गई है।
स्कंदमाता की पूजा करने देवी मंदिरों में भक्तों का लगा रहा तांता
आरती में शामिल होने सुबह-शाम पहुंच रहे श्रद्धालू, रात होते ही गरबा का ले रहे आनंद
