खरसिया। छत्तीसगढ़ के खरसिया तहसील के छोटे से ग्राम दर्रामुड़ा के युवाओं ने एकता, उत्साह और धार्मिक भावना के साथ 13 जून से 22 जून 2025 तक उत्तराखंड, हरिद्वार और दिल्ली की एक यादगार यात्रा पूरी की। इस यात्रा में गांव के 20 युवा—मुकेश पटेल, लव पटेल, गिरीश राठिया, लेखराम पटेल, घनश्याम पटेल, हिन्दू पटेल, झकेश्वर पटेल, नील कुमार पटेल, भूषण निषाद, नरेंद्र पटेल, पंकज पटेल, देवप्रसाद पटेल, मुरलीधर पटेल, विजय पटेल, सुंदरलाल पटेल, टेकलाल पटेल, खीर नायक (मुरा), दिगंबर पटेल (नहरपाली) और इंद्रजीत डनसेना, गोलू पटेल, (बिंजकोट) शामिल थे। इन युवाओं ने न केवल धार्मिक स्थलों के दर्शन किए, बल्कि अपनी यात्रा से गांव का नाम भी रोशन किया। यह यात्रा ग्राम दर्रामुड़ा के लिए गर्व का विषय बन गई है, जो युवाओं की साहसिक और सकारात्मक सोच को दर्शाती है।
यात्रा की शुरुआत 13 जून को खरसिया रेलवे स्टेशन से हुई, जहां सभी युवा ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए। दिल्ली पहुंचकर उन्होंने बस के माध्यम से उत्तराखंड की पवित्र भूमि की ओर प्रस्थान किया। इस दौरान उन्होंने केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे चार धामों के प्रमुख मंदिरों में दर्शन किए। इसके अलावा, उन्होंने भारत के प्रथम गांव माणा की यात्रा की, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। इन युवाओं ने उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ों और हरे-भरे वादियों का भी भरपूर आनंद लिया, जो उनकी यात्रा को और भी खास बनाता है।
हरिद्वार पहुंचकर दर्रामुड़ा के युवाओं ने पवित्र गंगा नदी में स्नान किया और मंगल आरती में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने मां मनसा देवी मंदिर के दर्शन किए, जो ऊंचे पहाड़ों पर स्थित है। मंदिर की शांति और आध्यात्मिक वातावरण ने सभी को आत्मिक सुकून प्रदान किया। हरिद्वार की गंगा आरती और वहां की धार्मिक ऊर्जा ने युवाओं के मन में एक अमिट छाप छोड़ी। यह अनुभव उनके लिए न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण रहा।
यात्रा के अंतिम पड़ाव में युवा दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी की मशहूर जगहों का भ्रमण किया। दिल्ली के ऐतिहासिक और आधुनिक स्थलों को देखकर वे आनंदित हुए। 22 जून तक सभी युवा सुरक्षित और खुशी के साथ अपने गांव दर्रामुड़ा लौट आए। इस यात्रा ने न केवल उनके बीच आपसी भाईचारे को मजबूत किया, बल्कि उन्हें नई जगहों, संस्कृतियों और अनुभवों से जोड़ा। ग्राम दर्रामुड़ा के लिए यह यात्रा एक मिसाल बन गई है, जो अन्य युवाओं को भी ऐसी सकारात्मक पहल के लिए प्रेरित करेगी।
यात्रियों का उत्साहपूर्ण उद्बोधन:
यात्रियों ने एक स्वर में कहा, यह यात्रा हमारे जीवन का सबसे अनमोल अनुभव रहा। केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन, गंगा स्नान और माणा गांव की प्राकृतिक सुंदरता ने हमें आत्मिक शांति दी। हरिद्वार की मंगल आरती और दिल्ली की चमक ने हमारे दिलों को छू लिया। हमने एक-दूसरे के साथ मिलकर हर पल को जिया और अपने गांव दर्रामुड़ा का नाम गर्व से ऊंचा किया। ऐसी यात्राएं हमें नई ऊर्जा और प्रेरणा देती हैं। हम सभी को एकजुट होकर ऐसी सकारात्मक पहल करते रहना चाहिए।
दर्रामुड़ा के युवाओं की उत्तराखंड-दिल्ली यात्रा
