जशपुर। साइबर अपराधियों को बैंक खाते किराए पर देने वालों के खिलाफ पहली बार कार्रवाई हुई है। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने अपने बैंक खाते साइबर ठगों को किराए पर दिए थे।
पुलिस ने तीन अलग-अलग थानों में मामले दर्ज किए हैं। एसएसपी शशि मोहन सिंह के अनुसार, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया दुलदुला से 57,498 रुपये, इंडियन बैंक कुनकुरी से 50,000 रुपये और आईडीएफसी बैंक पत्थलगांव से 3 लाख रुपये की संदिग्ध लेनदेन सामने आई है।
गिरफ्तार आरोपियों में मकरिबंधा, चौकी करडेगा निवासी 20 वर्षीय खगेश्वर राम और जामचूवा, थाना नारायणपुर निवासी 45 वर्षीय मंजीत नायक शामिल हैं। दोनों ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने पैसों के बदले अपने बैंक खाते साइबर ठगों को दिए थे। अपराधियों ने उनके एटीएम कार्ड और मोबाइल नंबर भी अपने पास रख लिए थे।
पुलिस कुछ अन्य संदिग्ध खातों की भी जांच कर रही है। दो और आरोपियों की पहचान हो चुकी है, जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। गिरफ्तार आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 317(2), 317(4), 318(4) एवं 61(2)(ड्ड) के तहत मामला दर्ज किया गया है। म्यूल अकाउंट वह बैंक खाता होता है, जिसे मालिक किराए पर अपराधियों को देता है। इन खातों का इस्तेमाल ठगी की रकम या अन्य अवैध राशि के लेनदेन के लिए किया जाता है।
बैंक खाता किसी को न सौंपे वरना होगी कार्रवाई
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने कहा कि साइबर ठगी के मामलों में अपराधी सीधे-सादे लोगों को लालच देकर उनके बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह बेहद गंभीर मामला है। म्यूल अकाउंट्स पर हमारी नजर बनी हुई है और ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी के कहने पर अपना बैंक खाता, एटीएम या उससे जुड़ा मोबाइल नंबर किसी को न सौंपे। ऐसा करना अपराध है और इसमें कठोर सजा हो सकती है। यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी चेतावनी है, न केवल अपराधियों के लिए, बल्कि उनके सहयोगियों के लिए भी।
साइबर ठगों को किराए पर बैंक अकाउंट्स देने वाले दो गिरफ्तार
खातों से लाखों की अवैध लेनदेन का खुलासा
