रायपुर। चर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाला केस में ईडी ने शनिवार को 5 जगहों पर 15 घंटे तक छापेमारी की। इसमें कवासी के साथ ही उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकाने पर रेड हुई। ईडी ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। वहीं, कवासी और उनके बेटे को समन जारी किया है। छापेमारी के दूसरे दिन कवासी लखमा ने कहा कि सोमवार को उन्हें और उनके बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। ईडी का छापा राजनीति से प्रेरित है। विधानसभा में सरकार के खिलाफ बोलने और बड़े घोटाले को उजागर करने पर छापा मारा गया है। भाजपा बदनाम करने की राजनीति कर रही है।
वहीं लखमा ने कहा कि मैं अनपढ़ हूं। अधिकारियों ने गड़बड़ी की है। अधिकारी जो दस्तखत लेकर आते थे, उस पर मैं सिर्फ दस्तखत करता था। अधिकारी ही कागज को पढ़ते लिखते थे। मेरे घर से एक कागज तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि मुझे इस घोटाले के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मुझसे संपत्ति की जानकारी मांगी गई है। समय मांगा हूं, पूरी जानकारी दूंगा। ईडी के अधिकारी बेटे और मेरा मोबाइल अपने साथ ले गए हैं। उन्होंने मेरे से घोटाले के बारे में भी पूछताछ की। दरअसल, 28 दिसंबर को ईडी की टीम ने पूर्व मंत्री कवासी के धरमपुरा स्थित विधायक बंगला और सुकमा स्थित उनके दो मकान में छापेमारी की है। एक मकान में उनका बेटा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी अपने परिवार के साथ रहता है। दूसरे मकान में भी उनके परिवार के सदस्य रहते हैं। बताया जा रहा है कि ईडी ने कैश, दस्तावेज, मोबाइल समेत इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किया है। साथ ही लखमा के करीबियों के घर से भी कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
सुकमा में ही ईडी ने नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू और ठेकेदार अभिषेक सिंह भदौरिया के ठिकानों में दबिश दी। दोनों ही कवासी के करीबी है। वहीं, रायपुर में कवासी के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित मकान में भी ईडी पहुंची, लेकिन ओझा घर पर नहीं थे। धमतरी में कांग्रेस नेता रामभुवन कुशवाहा के घर ईडी की टीम ने दबिश दी। टीम पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी कुशवाहा के घर सुबह पहुंची। बंद कमरे में कई घंटे जांच की। इस दौरान टीम ने रामभुवन कुशवाहा के घर से दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, हार्ड डिस्क सिस्टम को जब्त किया है। टीम कई जरूरी दस्तावेज लेकर लौट गई। छत्तीसगढ़ में शराब और कोयला घोटाले मामले में ईडी ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 100 लोगों के खिलाफ नामजद स्नढ्ढक्र दर्ज कराई थी। इनमें कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा, खाद्य मंत्री रहे अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो, शिशुपाल का नाम शामिल हैं। पहले भी ईडी ने राज्य सरकार को कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन लिखा था, जिसके बादएसीबी-ईबोडब्लू ने 37 से ज्यादा लोगों पर नामजद एफआईआर की थी। इसमें पूर्व मंत्री कवासी लखमा का भी नाम है। उन पर आरोप है कि उन्हें हर माह 50 लाख रुपए कमीशन दिया जाता था। चर्चा है कि अधिकांश दस्तावेज में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का हस्ताक्षर है। इस आधार पर उन्हें आरोपी बनाया गया है। इसमें उनके तत्कालीन ओएसडी का नाम है, जिनके यहां भी छापे की चर्चा है। वो अभी बस्तर प्राधिकरण में ओएसडी के पद पर पदस्थ है। जांच के दायरे में कई ठेकेदारों को भी रखा है। वहीं 2161 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ईडी ने ट्रिपल ए यानी आईएएस अफसर, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को घोटाले का मास्टर माइंड बताया था, जिसके बाद एसीबी इस मामले में अलग से कार्रवाई कर रही है।
लखमा बोले- मैं अनपढ़ आदमी, जहां बोले साइन कर दिया
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