धरमजयगढ़। शासकीय महाविद्यालय धरमजयगढ़ में 13 नवंबर को जनजातीय गौरव स्मृति का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जनक राम राठिया जी सेवानिवृत्ति सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग एवं समाजसेवी उपस्थित रहे। राठिया जी ने बताया की जनजातीय समाज निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है और स्वतंत्रता आंदोलन में इनकी महत्वपूर्ण भागीदार रही है। आज जल, जंगल, जमीन इस समाज के कारण संरक्षित है एवं मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित श्री मुकेश साव जी अधिवक्ता जिला कार्यवाहक रायगढ़ ने बताया की समाज की प्रगति में जनजातीय समाज ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुगल काल से लेकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में यह समाज बढ़चढकर हिस्सा लिया है। जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार पांडे जी ने बताया की जनजातीय समाज शिक्षा,खेल, राजनीति, आदि सभी क्षेत्रों में निरंतर प्रगति कर रहे हैं। गोकुल नारायण यादव जी ने बताया कि जब छत्तीसगढ़ बंगाल प्रांत का हिस्सा था उस समय शहीद वीर नारायण सिंह और सुरेंद्र सिंह ने अंग्रेजों की व्यवस्था के खिलाफ में जो क्रांति की थी वह आज भी लोगों के द्वारा याद की जाती है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार पाणिग्रही जी ने बताया की बिरसा मुंडा, वीरों नारायण सिंह, रानी दुर्गावती जैसे महान वीरों ने भारत भूमि को गौरवान्वित किया है। कार्यक्रम संयोजक प्रो.अक्षय कुमार सिदार ने बताया है कि स्वतंत्रता आंदोलन में जनजातीय पुरूषों के साथ- साथ महिलाओं की भागीदारी रही है। अतिथियों में नरेश राठिया अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग धरमजयगढ़ एवं मोहम्मद रफीक खान ने जनजातीय समाज के संदर्भ में अपने विचार रखे। उक्त अवसर पर डॉ. एस बी लकडा, डॉ. विजय कुमार नायडू, प्रो. आर एस बिंझवार, प्रो. निरंजन कुजूर, डॉ. सतीश कुमार राणा, प्रो. संगीता तिर्की, प्रो. पूजा साव उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. श्रीमती मार्ग्रेट कुजूर के द्वारा किया गया। इस दौरान महाविद्यालय के छात्र, छात्राओं ने जनजातीय समाज पर आधारित सुआ नृत्य एवं करमा नृत्य की मनोरम प्रस्तुति भी दी गई। आयोजन में में राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों ने अपना सराहनीय योगदान दिया। सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम समापन की घोषणा सह संयोजक प्रो.डी डी सिंह के द्वारा की गई।