सारंगढ़। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अजा व अजजा वर्ग के कोटे के अंदर कोटा व कोटे के कोटे के अंदर क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले को पलटने संविधान संशोधन लाने भारत बंद किया गया। कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में यह बात टंकित की गई है कि – हजारों वर्षों से अजा एवं अजजा वर्गों के साथ हुए भेद भाव, छुआछूत, अत्याचार की वजह से पिछड़ेपन के कारण इन वर्गों को समाज के मुख्यधारा में लाने के लिए भारत के संविधान निर्माता ने संविधान में अनुच्छेद 12,14,15,16,17,46,330,332,335,341 एवं 342 इत्यादि का प्रावधान कर इन वर्गों को राज्य के सेवाओं में व शैक्षिक संस्था में आरक्षण का अधिकार दिया है लेकिन इन अधिकारों को समय – समय पर न्यायालय के माध्यम से निष्प्रभावी करने की कोशिश की है। जिससे संविधान में 77 वां 81वां, 82 वां और 85 वा संविधान संशोधन हुए इसका नवीनतम उदाहरण मा उच्च. न्यायालय के 7 न्यायधीशो की पीठ के द्वारा 1 अगस्त 24 को दिया गया निर्णय है। इसके द्वारा अजा व जजा के संवैधानिक प्रावधानों में हस्तक्षेप किया गया है। उपरोक्त निर्णय का अजा अजजा एवं संयुक्त समाज सारंगढ़, छग विरोध करता है।
विदित हो कि- अनुच्छेद 341 में राष्ट्रपति, सांसद के अलावा अजा की सूची में किसी तरह के परिवर्तन हेतु कोई भी अधिकृत नहीं है। अजा व अजजा संविधान के अनुच्छेद 341(2), 342(2) के तहत किसी अजा एवं अजजा को सूची में जोड़ा या उसे हटाया तभी जा सकता है। जब इस प्रक्रिया में राज्य सरकार ने पूर्ण अध्ययन कर आंकड़े के साथ अपनी सिफारिश केंद्र को भेजती है। संबंधित मंत्रालय राज्य सरकार के प्रस्ताव को भारत के रजिस्ट्रार जनरल गृह मंत्रालय को भेजता है। यदि सिफारिश आती है तो फिर इसको संबंधित आयोग के अनुशंसा के प्रस्ताव हेतु भेजा जाता है। समस्त दस्तावेजों के साथ यदि आयोग भी अपनी सहमति देता है तो फिर मंत्रालय द्वारा कैबिनेट में रखा जाता है। यदि कहीं एक से भी असहमति आने पर प्रस्ताव आगे कार्रवाई नहीं होती है। कैबिनेट की अनुमति के बाद ही सूची में संशोधन के लिए संसद में बिल रखा जाता है संसद से पारित होने पर राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात भारत के राजपत्र में अधिसूचना जाने के बाद ही संशोधन प्रभावित होता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 अगस्त को दिए गए फैसले अजा व अजजा वर्ग के कोटे के अंदर कोटा और कोटा के अंदर क्रीमीलेयर निर्धारित करने का अधिकार राज्यों को देने निर्णय पारित किया है।इस निर्णय से देश भर के अजा व अजजा वर्ग प्रभावित हो रहे हैं।
भविष्य में बगैर भरी रिक्त सीट सामान्य कोटे में अघोषित रूप से तब्दील हो जायेगी। एससी एसटी के भीतर ओबीसी की तरह क्रीमी लेयर लागू होने से यह वर्ग दो भागों में बंट जाएगा, जो मुख्यधारा की ओर थोड़ा आगे बढ़ रहे है, वे क्रिमिलेयर के दायरे में आ जाएंगे। यह वर्ग प्रतियोगिता में शामिल होने के पहले ही अघोषित रूप से बाहर हो जायेगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद देश के 100 सांसदों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। अगले दिन अखबार में आया कि- पीएम एससी, एसटी के भीतर क्रीमी लेयर लागू नहीं करेंगे, लेकिन उपवर्गीकरण पर चुप्पी साधे है। यह केवल कोरा आश्वासन है। देशभर के एससी, एसटी वर्ग कोरे आश्वासन में विश्वास नही रखते। यदि भारत सरकार वास्तव में एससी, एसटी हितैषी है तो तत्काल संसद सत्र बुलाकर पंजाब राज्य बनाम दविंदर सिंह मामले दिनांक 1 अगस्त 2024 के आए फैसले को पलटते हुए संविधान संशोधन लाए।एससी, एसटी वर्ग जो मुख्य धारा में अब तक नहीं जुड़ पाए है. उनके लिए राज्य के नीति निदेशक तत्व अनुच्छेद 38 (2) में आर्थिक असमानताओं को दूर करने विशेष प्रावधान राज्यों को करने कहा है। इसी के परि पालन में एससी, एसटी के लिए 1980 से पृथक स्ष्टक्क, ञ्जस्क्क बजट का प्रावधान किया गया है। लेकिन यह बजट केवल कागजों तक सीमित हो रही है।
नगर के पुष्प वाटिका में लगभग 3 हजार लोगों की भीड़ थी। जिनका नेतृत्व कांग्रेस नेता , भाजपा नेता , आप और बसपा के नेता के साथ ही साथ भीम आर्मी के नेता गण कर रहे थे। शासन के निर्देशानुसार हड़ताल करने वाले लोग शहर के भीतर प्रवेश नहीं कियें। इस लिए उनकी रैली पुष्पवाटिका से जनपद पंचायत कार्यालय तक गई, वहां से भारत माता चौक पर खत्म हुई। यहां पर अजजा वर्ग , अजा वर्ग और पिछड़ा वर्ग के नेताओं के द्वारा भाषण भी दिया गया।यहां से यह रैली कलेक्ट्रेट पहुंची जहां उनके द्वारा ज्ञापन दिया गया। इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अरुण मालाकार , विधायक उत्तरी गनपत जांगड़े , नगर पालिका अध्यक्ष सोनी अजय बंजारे , जिला पंचायत सभापति अनिका विनोद भारद्वाज के साथ अधिकारी, कर्मचारी और अजजा और अजा वर्ग के साथ पिछड़े वर्ग के लोग भारत बंद में शामिल थे। सभी दुकानें बंद थी , स्कूल बंद रही। सारंगढ़ ने 2 अप्रैल 2018 का जो हादसा देखा था उसके चलते सारंगढ़ बंद पूरी तरह से सफल मानी जाएगी। वही चक्का जाम कहीं पर इनके द्वारा नहीं किया गया। उत्तरी गनपत जांगड़े ने कहा कि – भविष्य में बगैर भरी रिक्त सीट सामान्य कोटे में अघोषित रूप से तब्दील हो जाएगी।एसी , एसटी के भीतर ओबीसी की तरह क्रीमी लेयर लागू होने से यह वर्ग दो भागों में बंट जाएगा। जो मुख्य धारा की ओर थोड़ा आगे बढ़ रहे हैं वह क्रीमी लेयर के दायरे में आ जाएंगे। यह वर्ग प्रतियोगिता में शामिल होने के पहले ही अघोषित रूप से बाहर हो जाएगा।
क्रीमीलेयर के विरोध में सारंगढ़ बंद पूरी तरह से रहा सफल



