धरमजयगढ़। डीएवी विद्यालय में स्व निर्माण के लिए परिवर्तन के एजेंट के रूप में स्वदेशी युवा 2024 के तत्वावधान में विश्व आदिवासी दिवस प्राचार्य सुरेन्द्र सिंह के निर्देशानुसार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस थीम के तहत परिवर्तनकारी कार्यों को आगे बढ़ाने और अपने समुदायों के भीतर और बाहर आत्मनिर्णय के अपने अधिकार पर जोर देने में स्वदेशी युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है। हमारा छत्तीसगढ़ राज्य आदिवासी बहुल राज्य है। ये अपने जल, ज़मीन और जंगल को सहेजे हुए प्रकृति पूजक आदिवासी हमारे छत्तीसगढ़ की पहचान है। इस उपलक्ष्य में कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या की देवी मां सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके की गई। तत्पश्चात विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती दुलारी चौधरी द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के विषय में अवगत कराया गया। इस कार्यक्रम के दौरान छात्र छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। इसमें आदिवासियों की वेशभूषा, रहन – सहन, कला, संस्कृति एवं लोकनृत्यों से पूरा विद्यालय परिसर गुंजित हो उठा। इस तरह सभी छात्र छात्राओं को विश्व आदिवासी दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए छत्तीसगढ़ महतारी के जयघोष के साथ कार्यकम का समापन हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त छात्र छात्राओं व शिक्षक शिक्षिकाओं की विशेष भूमिका रही।