रायगढ़। दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रविवार को कर्मचारियों ने रैली निकाली और अपनी मांगों को लेकर जमकर नारे लगाए। मिनी स्टेडियम से काफी संख्या में कर्मचारी शहीद चौक, हेमू कालानी चौक, चक्रधर नगर चौक होते हुए कलेक्ट्रेट के लिए निकले। कलेक्ट्रेट के सामने कर्मचारियों ने विरोध जताया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की वर्तमान भाजपा सरकार जब विपक्ष में थी तो घोषणा की गई थी कि सरकार बनेगी तो दैनिक वेतनभेगी कर्मचारी और श्रमिकों का नियमितीकरण किया जाएगा। लेकिन अबतक नियमतिकरण को लेकर कोई प्रयास नहीं किया गया है। कर्मचारियों ने बताया कि कई बार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया है। इसके बाद भी सरकार का ध्यान नहीं है। ऐसे में सभी दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी 5 जुलाई से 3 अगस्त तक काली पट्टी लगाकर काम कर रहे थे।
हड़ताल की चेतावनी
बताया जा रहा है कि काली पट्टी लगाकर काम करने के बाद रविवार को मंत्री के बंगला घेराव करना था, लेकिन परमिशन नहीं मिलने से शहर में रैली निकाली गई। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर इसके बाद भी उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो 11 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
नहीं हुई एक भी बैठक
प्रांत अध्यक्ष रामकुमार सिन्हा का कहना है कि सरकार ने 100 दिन के भीतर कमेटी गठन करने का वादा किया गया था। कमेटी का गठन तो हो गया है, लेकिन छह माह हो गए एक भी बैठक नहीं हुई है। काफी संख्या में दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारियों को निकाला जा रहा है।
संघ की यह है प्रमुख मांगें
ीवन विभाग में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी, दैनिक श्रमिक, वाहन चालक, कम्प्यूटर ऑपरेटर, कार्यालय सहायक, भृत्य, तेन्दुपत्ता गोदाम सुरक्षा श्रमिक जिनकी सेवा अवधि 10 साल पूर्ण हो चुकी है। उसे नियमितीकरण किया जाए।
ी वन विभाग में 02 वर्ष पूर्ण करने वाले दैनिक वेतनभोगी को स्थायी कर्मी बनाकर स्थायीकरण किया जाए।
ी वन विभाग में कार्यभारित आकस्मिकता निधि सेवा नियम लागू किया जाए।
ी वन विभाग वन रक्षक, वाहन चालक, भारी वाहन चालक, सहायक ग्रेड 03 के रिक्त पदों की सीधी भर्ती पर तत्काल रोक लगाया जाए और उक्त रिक्त पदों में दैनिक वेतनभोगी लोंगो को समाहितीकरण किया जाए।
ी दैनिक वेतन भोगी, दैनिक श्रमिक, कार्यालय सहायक, वाहन चालक, डेटा एन्ट्री ऑपरेटर, कम्प्यूटर ऑपरेटरों को पिछले 04-05 माह का लंबित वेतन भुगतान किया जाए।
ी कुशल, अर्धकुशल, अकुशल श्रमिकों को 4000 रुपया श्रम सम्मान राशि दिया जाना है, लेकिन श्रमायुक्त दर पर कार्यरत अधिकतर लोगों को 4000 रुपया श्रम सम्मान राशि से वंचित किया जा रहा है। जिसे भुगतान किया जाए।
ी डिपो में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, श्रमिकों को 24 घंटा ड्यूटी करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है, जिस पर रोक लगाते हुए 08 घंटा किया जाए।
ी महासमुंद वन मंडल के लिए 178 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी दैनिक श्रमिकों की स्वीकृति की आवश्यकता है। जिसमें केवल 96 लोगों के लिए स्वीकृति प्रदान किया गया है और 82 लोगों को हटाया जा रहा है। जिन्हें फिर से वापस रखा जाए।
दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन
कहा-सरकार भूल गई नियमितीकरण का वादा, मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल की चेतावनी
