बलौदाबाजार/रायपुर। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा में सरकार के आरोप के बाद पूर्व मंत्री गुरु रूद्र कुमार ने कहा कि, तीन-तीन मंत्रियों ने मुझ पर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है, इसलिए मैं खुद गिरफ्तारी देने आया हूं। उन्होंने कहा कि, मंत्री माफी मांगे, नहीं तो मानहानि का केस करूंगा। रुद्र गुरु बुधवार को गिरफ्तारी देने के लिए रायपुर एसएसपी दफ्तर पहुंचे थे। गुरु रुद्र कुमार ने कहा कि, इतनी बड़ी घटना सतनामी समाज नहीं कर सकता है। सतनामी समाज को बदनाम करने के लिए भाजपा की साजिश होने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि, आंदोलन शांतिपूर्ण था, लेकिन घटना समाज को तोडऩे की साजिश थी। हम खुद सच्चाई जानना चाहते हैं। सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई। इस दौरान अंग्रेजों के जमाने का 120 साल का रिकॉर्ड भी जल गया। हिंसा के पीछे सरकार ने कांग्रेस की राजनीतिक साजिश बताया और आरोप लगाया था कि कांग्रेस के विधायकों, पूर्व मंत्रियों और नेताओं ने लोगों को भडक़ाने का काम किया। साथ ही हिंसा करने वालों से नुकसान की वसूली की बात कही थी।
मामले में एक्शन लेते हुए राज्य सरकार ने जिले के कलेक्टर और स्क्क को हटा दिया गया है। मंगलवार देर रात आदेश जारी किया गया। आईएएस अधिकारी दीपक सोनी को बलौदाबाजार जिले का नया कलेक्टर बनाया गया है। विजय अग्रवाल नए एसपी होंगे। हटाए गए कलेक्टर केएल चौहान को मंत्रालय में विशेष सचिव और एसपी सदानंद कुमार को रायपुर पुलिस मुख्यालय में भेज दिया गया है। इस मामले में 7 अलग-अलग स्नढ्ढक्र दर्ज की गई है। अब तक 73 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, जबकि 200 हिरासत में हैं। उपद्रवियों की तलाश के लिए पुलिस की 12 टीमें और जांच के लिए 22 पुलिस अफसरों की टीम बनाई गई है। दूसरी ओर कांग्रेस ने इसे राज्य सरकार का फेलियर बताते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। 14 जून को कांग्रेस नेता घटना स्थल पर जाएंगे। घटना के विरोध में चैंबर ऑफ कॉमर्स ने 13 जून को बलौदाबाजार बंद बुलाया है।
हिंसा के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने डिप्टी सीएम, मंत्रियों और विधायकों के साथ सतनामी समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की। हिंसा के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने डिप्टी सीएम, मंत्रियों और विधायकों के साथ सतनामी समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की।
जानकारी के मुताबिक, 15 मई की देर रात सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान लोग इसी बात को लेकर उग्र हो गए। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए।
बलौदाबाजार हिंसा : 120 साल पुराने राजस्व रिकॉर्ड जलकर खाक
साय सरकार ने कहा था- साजिश में कांग्रेस के पूर्व मंत्री-विधायक शामिल
