सारंगढ़-बिलाईगढ़। राज्य के कई कार्यालयों और विभागों द्वारा जीएसटी पंजीयन नहीं लिया गया है और जीएसटी पंजीयन लेने वाले प्राधिकारियों द्वारा सही प्रकार से जीएसटी की स्रोत पर कटौती संबंधी प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे राज्य शासन को जीएसटी से हो रही क्षति के मद्देनजर छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग ने राज्य सरकार के समस्त विभाग, संभागीय आयुक्त, कलेक्टर्स और अध्यक्ष राजस्व मंडल बिलासपुर को पत्र जारी किया है।
जारी पत्र में निर्देशित किया है कि शासकीय विभागों द्वारा किए जाने वाले क्रय पर विक्रेता एवं निर्माण कंपनी, ठेकेदारों को तथा सेवा प्रदाताओं को किए जाने वाले भुगतानों पर कटौती (जीएसटी-टीडीएस) के संबंध में कटौती के प्रावधानों का कड़ाई से पालन किया जाए। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी वस्तु अथवा सेवा प्रदाय कर्ता द्वारा एक वित्तीय वर्ष के दौरान एक ही क्रय अथवा सेवा आदेश के विरूद्ध पृथक-पृथक देयकों में राशि का विभाजन करते हुए जीएसटी की स्रोत पर कटौती हेतु निर्धारित 2.5 लाख रूपए की सीमा का उल्लंघन न हो।
वित्त विभाग के पत्र और ट्रेनिंग में जानकारी दी गई कि केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम 2017, छत्तीसगढ़ माल और सेवाकर अधिनियम 2017 की धारा 51 के प्रावधानों के अनुसार शासकीय विभागों द्वारा की जाने वाले सामग्री खरीदी एवं सेवा प्राप्ति पर प्रदायकर्ताओं को तथा ठेकेदारों को किए जाने वाले भुगतान पर शासकीय विभाग या स्थापना या स्थानीय प्राधिकारी या शासकीय अभिकरण (एजेंसी) या शासन के किसी भी आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डीडीओ) द्वारा (किसी कराधेय वस्तु या सेवा हेतु) 2.5 लाख (ढाई लाख) से अधिक रूपये के भुगतान होने पर 2 प्रतिशत जीएसटी (1 प्रतिशत सीजीएसटी और 1 प्रतिशत एसजीएसटी) की दर से स्रोत पर कटौती (जीएसटी-टीडीएस) किया जाना है।
ढाई लाख से अधिक के भुगतान पर सेवादाताओं का कटेगा टैक्स
वित्त विभाग ने जारी किया पत्र
