रायगढ़। ऋ षि जमदग्नि और रेणुका के पुत्र श्री भगवान परशुराम जी का अवतरण दिवस अक्षय तृतीया के मनाया जाता हैं।वह पिता के परम आज्ञाकारी पुत्र थे जो हमें शिक्षा देते हैं कि पिता की आज्ञा पुत्र का सर्वोपरि धर्म है। इन्होंने 21 बार पृथ्वी को क्षत्रिय विहीन किया था और भगवान परशुराम जी परम शक्तिमान और कलयुग में भी एक जीवित देवता है । श्री भगवान परशुराम जी का जन्म वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ, यह हरि विष्णु के अवतार हैं भगवान शिव ने इन्हें अपना परशु नामक अस्त्र दिया था इसलिए इनका नाम परशुराम हुआ श्री भगवान परशुराम जी के अन्य नाम भी हैं जामदगनि के पुत्र, भृगुवंशी ,भृगु पति, भार्गव और रामभद्र। इनकी कर्तव्य परायणता और पिता की आज्ञाकारिता बहुत ही महान है। उनके गुरु स्वयं महादेव शंकर हैं भगवान शिव के वरदान से ही इन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त है , भगवान श्री परशुराम जी आज भी मंदराचल पर्वत पर तपस्या रत है। शास्त्रों के अनुसार भगवान परशुराम जी की साधना करने से मनुष्य धन-धान्य , ज्ञान का प्राप्त करने वाला , और सब प्रकार से संपन्न व्यक्ति और यश प्राप्त करने वाला होता है। इस परम पुण्य- मयी अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व भी अपनी जगह है ,आज ही के दिन भगवान केदारनाथ बद्रीनाथ के कपाट खुलते ,हैं गंगा मैया का अवतरण दिवस आज ही के दिन हुआ है , दान पुण्य आज के दिन यदि किसी के द्वारा किया जाता है तो वह अक्षय हो जाता है, आज ही के दिन भगवान शंकर जी को पानी के मिट्टी के पवित्र घड़े लगाए जाते हैं। ब्राह्मणों के यहां पानी के मिट्टी के घड़े दान दिए जाते हैं , और इसका बहुत ही महत्व है घडे दान देने के बाद ही हमे नए घडो का उपयोग अपने लिए करना चाहिए। आज के दिन किया गया पुण्य,तप तथा दान अक्षय पुण्य देने वाला होता है । आज के दिन हमें अपनी सामर्थता के अनुसार नई चीजें खरीद के घर लानी चाहिए। आज के दिन को लक्ष्मी का दिन भी माना गया है। लक्ष्मी मैया की साधना करने से लक्ष्मी मैया प्रसन्न होती है आज के दिन अनाज का दान करना चाहिए, ब्राह्मणों को भोजन करना चाहिए, दीपो का दान करना चाहिए , अपने घर के दरवाजे पर दिए लगाना चाहिए आज के दिन शुद्ध भाव और सात्विक भाव से भगवान का स्मरण करना चाहिए, भगवान की पूजा करनी चाहिए क्योंकि आज के दिन किया गया धार्मिक कार्य का कभी अंत नहीं होता, अक्षय तृतीया परम पुण्यमयी तिथिहै, यह अपने आप में बहुत सारे मुहूर्त का संगम है। अत: हमें इस तिथि पर अधिक से अधिक धार्मिक कार्य करने चाहिए जिससे हमें उसका फल सौ गुना होकर मिले। सभी को भगवान परशुराम के जन्मदिवस की हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं।
-श्रीमती मीरा शर्मा, रायगढ़
परम पुण्यमयी अक्षय तृतीया व पिता आज्ञाकारी और विष्णु अवतारी श्री भगवान परशुराम जन्म तिथि
