खरसिया। राष्ट्रीय राजमार्ग 49 स्थित ग्राम उल्दा के मां वैष्णो देवी के प्रांगण में चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर श्रीराम कथा आयोजंन किया गया। नौ दिवसीय श्रीराम कथा के अंतिम दिन में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। कथावाचिका जया मिश्रा ने लंका दहन, राम-रावण युद्ध, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के प्रसंग का वर्णन किया।
व्यास पीठ से जया मिश्रा ने कहा कि रामायण हमें जीने का तरीका सिखाती है। रामायण हमें आदर्श, सेवा भाव, त्याग व बलिदान के साथ दूसरों की संपत्ति पर हमारा कोई अधिकार नहीं होता, इस बात की सीख देती है। भगवान श्रीराम ने दीन-दुखियों, वनवासियों के कष्ट दूर करते हुए उन्हें संगठित करने का कार्य किया एवं उस संगठन शक्ति के द्वारा ही समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया। इसलिए हर रामभक्त का दायित्व है कि हम सभी अपने धर्म के प्रति निष्ठावान तथा संगठित रहें। कथावाचिका के द्वारा भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक का वर्णन व राम दरबार की आकर्षक झांकी प्रस्तुत करने पर पूरा पंडाल राजा रामचंद्र के जय-जयकारों से गूंज उठा। जया मिश्रा ने कहा कि बुराई और असत्य ज्यादा समय तक नहीं चलता, अंतत: अधर्म पर धर्म की जीत होती ही है। वहीं कहा कि श्रीराम कथा सुनकर व्यक्ति को अपनी बुरी आदतों को बदलने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि रामकथा भक्त को भगवान से जोडऩे की कथा है। भगवान की कथा हमें बताती है कि संकट में भी सत्य से विमुख न होते हुए व अपने धर्म का पालन करना चाहिये। वहीं बताया कि गौ माता की सेवा तथा ईश्वर का स्मरण जिस घर परिवार में होता है, वह स्वर्ग के समान होता है।
श्री राम से सीखें आदर्श जीवन जीने की कला : जया मिश्रा
