जशपुरनगर। जिले में विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता, तर्कशीलता, निर्णय कौशल तथा खेल भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चेकमेट एट जशपुर शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। स्कूल और विकासखंड स्तर के बाद आज पत्थलगांव के पीएम श्री स्कूल में जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का समापन उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। समापन समारोह में विधायक पत्थलगांव श्रीमती गोमती साय एवं कलेक्टर श्री रोहित व्यास सहित स्थानीय जनप्रतिनिधिगण शामिल हुए। प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में बच्चों ने हिस्सा लिया। अतिथियों ने फाइनल के आठ विजेताओं को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह तथा रैंक के अनुसार 2,000 से 5,000 रुपये तक के नगद पुरस्कार प्रदान गए। प्रथम स्थान पर बगीचा के प्रिंस ठाकुर रहे, जिन्हें 5,000 रुपये और विजेता कप प्रदान किया गया। द्वितीय स्थान पर प्रांजल शर्मा बगीचा को 3,000 रुपये और ट्रॉफी दी गई। तृतीय स्थान पर जशपुर के एलेन एफल लकड़ा रहे, जिन्हें 2,500 रुपये का पुरस्कार मिला। चौथे स्थान पर हर्ष साहू को 2,500 रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। पांचवें स्थान पर मनोरा के राज्य वर्धन सिंह, छठे स्थान पर पत्थलगांव के सतीश तिग्गा, सातवें स्थान पर सिद्धिविनायक एक्का और आठवें स्थान पर कांसाबेल के योगेश पैंकरा को 2,000 रुपये के नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले ऑर्बिटर को भी समारोह में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों, अभिभावकों, प्रशिक्षकों और शिक्षकों की उपस्थिति ने आयोजन को और गरिमामय बनाया। प्रतियोगिता सफलतापूर्वक संपन्न हुई और समापन कार्यक्रम में प्रतिभागियों के उत्साह तथा खेल भावना का विशेष रूप से प्रदर्शन देखने को मिला।
इस अवसर पर विधायक श्रीमती गोमती साय ने अपने संबोधन में कहा कि शतरंज जैसे बौद्धिक खेल बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि यह खेल जीवन की चुनौतियों का सामना करना सिखाता है और कठिन परिस्थितियों में भी संतुलित निर्णय लेने की क्षमता विकसित करता है। विधायक ने बच्चों से कहा कि वे खेलों के माध्यम से आत्मविश्वास बढ़ाएँ और निरंतर सीखने की जिज्ञासा बनाए रखें। समारोह को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने कहा कि शतरंज केवल खेल नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाता है। उन्होंने कहा कि यह खेल बच्चों में धैर्य, समय-प्रबंधन, त्वरित निर्णय क्षमता और रणनीतिक सोच विकसित करता है। कलेक्टर ने बच्चों को नियमित अभ्यास के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि आने वाले समय में जशपुर के खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी अलग पहचान बनाएँगे।
चेकमेट एट जशपुर कार्यक्रम के तहत जिले के सभी शासकीय, अशासकीय व अनुदान प्राप्त हाई तथा हायर सेकेंडरी विद्यालयों में शतरंज प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिताएँ चरणवार आयोजित की गई। पूरे आयोजन में बालक और बालिका दोनों एकसाथ भाग लिए तथा इसमें किसी भी प्रकार की आयु या कक्षा संबंधी बाध्यता नहीं रही। अभियान के दौरान जिले के विद्यालयों में उत्साह का माहौल रहा और विद्यार्थियों में शतरंज के प्रति बढ़ती रुचि स्पष्ट रूप से दिखाई दी। जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए चेकमेट एट जशपुर कार्यक्रम से जिले में कई प्रतिभावान शतरंज खिलाड़ी उभरकर सामने आए। विद्यालयों में शतरंज खेलने वाले विद्यार्थियों का चयन उपरांत चयनित विद्यार्थियों को 01 से 03 दिसम्बर तक खेल कालखंड में प्रतिदिन एक घंटे का प्रशिक्षण दिया गया। जिसका संचालन खेल प्रशिक्षक तथा शतरंज में दक्ष शिक्षक द्वारा किया गया। प्रशिक्षण उपरांत 04 एवं 05 दिसम्बर को विद्यालय स्तर पर नॉकआउट पद्धति से प्रतियोगिता कराई गई। इसमें प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को विद्यालय की असेंबली में प्राचार्य द्वारा पुरस्कृत किया गया।
इसके बाद 06 से 08 दिसम्बर तक विकासखंड स्तर की प्रतियोगिता सेजेस विद्यालयों में विकासखंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा आयोजित की गई। इस चरण में विद्यालय स्तरीय विजेता और उपविजेता खिलाड़ी शामिल हुए। प्रतियोगिता नॉकआउट पद्धति से हुई तथा क्वार्टर फाइनल तक पहुँचने वाले प्रतिभागियों को ट्रॉफी और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। अंतिम चरण में आज जिला स्तरीय प्रतियोगिता पत्थलगांव में आयोजित की गई। इसमें प्रत्येक विकासखंड से शीर्ष 08 खिलाड़ी जिला स्तर पर भाग लिए। प्रतियोगिता नॉकआउट प्रारूप में हुई तथा अंतिम आठ स्थान प्राप्त करने वाले सभी खिलाडिय़ों को नगद पुरस्कार, ट्रॉफी एवं प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
चेकमेट जशपुर: शतरंज की बिसात पर चमके जिले के विद्यार्थी, पत्थलगांव में जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का हुआ समापन
विजेताओं को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह एवं नगद पुरस्कार किए गए प्रदान, छात्रों में रणनीतिक कौशल और खेल भावना बढ़ाने पर दिया गया बल



