पखांजूर। जिला कांकेर, छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन ने ऐलान किया है कि 1 सितंबर 2025 को प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केंद्र में तालाबंदी की जाएगी, इसके साथ ही जिला स्तर ब्लॉक स्तर पर कार्यकर्ता सहायिका धरना रैली और प्रदर्शन कर अपनी मांगों के समर्थन में माननीय प्रधानमंत्री माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सपेगी। युनियान की प्रमुख मांग की कार्यकर्ता सहायिका को जीने लायक वेतन देना होगा सामाजिक सुरक्षा पेंशन, ग्रेयजुयटी, अनुकंपा,, सुपरवाइजर पद पर100त्न कार्यकर्ता को बिना परीक्षा के प्रोमोशन ओर सहायिका को कार्यकर्ता पद पर प्रोमोशन,बीमा, चिकित्सा सुविधा,और आंगनबाड़ी केंद्र का शासकीय कारण सुनिश्चित किया जाए।
महिला बाल विकास पर दमन आत्मक कार्यवाही का आरोप
संयुक्त मंच ने महिला एवं बाल विकास विभाग पर आरोप लगाया है, की समस्या और मांगों को उठाने वाले पदाधिकारी को झूठेऔर मानगढ़ आरोप लगाकर सेवा से बर्खास्त किया जा रहा है।वर्ष 2023 में रायपुर की 409 संगठन की प्रांतीय सचिव सुमन यादव को बर्खास्त किया गया है जिनका मामला अभी कलेक्टर न्यायालय रायपुर में लंबित है। हाल ही में पखांजूर की संघर्षशील आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन की अध्यक्ष श्रीमती कल्पना चांद को सेवा से पृथक किया गया है निराधार, झूठे मानगढ़ आरोप लगाकर जिनका मामला एसडीएम न्यायालय पखांजूर में लंबित है। छत्तीसगढ़ प्रदेश आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता सहायिका संघ की अध्यक्ष श्रीमती रुक्मणी सज्जन का भी बर्खास्त किया गया था। लेकिन उनके अपील से कलेक्टर जगदलपुर के आदेश से उन्हें सेवा में बहाल होना पड़ा संगठन का कहना है कि विभाग जानबूझकर नोटिस पर नोटिस भेज कर पदाधिकार को डराने धमकाने की रणनीति अपना रहा है। विभागीय आदेश पर करी नाराजगी जताई है संयुक्त मोर्चों ने हाल ही में संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से सभी कलेक्टरों को पत्र जारी किया गया है।जिसमें कहा गया है कि बार-बार धरना रैली करने वाले संगठनों के पदाधिकारी को बर्खास्त किया जा सकता है,संयुक्त मंच ने इस आदेश की करी निंदा करते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है, और संगठन का कहना है लोकतांत्रिक अधिकार को दबाने की कोशिश की जा रही है जो सरासर गलत है अमानवीय है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की 50 बरसों से जारी है संघर्ष
संगठनों ने कहा है कि आईसीडीएस की स्थापना 1974 में हुआ और 75 में पूरे देश भर में लागू हुआ है,50 वर्ष पूर्ण हो गए हैं लेकिन आज भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को ना मजदूर माना जाता है और ना ही सरकारी कर्मचारी, ’काम के बदले दाम,’ की नीति के बजाय उन्हें स्वयंसेवक, मानदेय बताकर नजरअंदाज किया जा रहा है,और बर्षा से लगातार उनके साथ शोषण हो रहा है।
1 सितंबर 2025 को बड़े आंदोलन की तैयारी प्रदेश भर में
संयुक्त मंच की बैनर तले 1 सितंबर को पूरे प्रदेश में एक लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सडक़ पर उतरेंगे और अपनी अधिकार अपनी हक की आवाज उठाएंगे संघर्षशील आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन की अध्यक्ष श्रीमती कल्पना चंद, अंन्जु मल्लिक,बासन्ती विस्वास,चायना मंडल,मनिषा बैरागी,सलमा बोगा, अंजलि पांडे इत्यादि क्या कहना है हम सरकार को आग्रह पत्र लिखे, उनसे भेंट मुलाकात किया, उन्हें अपनी मांग पत्र को पहुंचाएं परंतु अब तक हमें कोई ठोस निर्णय नहीं मिला और नहीं संयुक्त मंच को मिलने बुलाया,अब प्रदेश की समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाएं मजबूरन एक सितंबर को प्रदेश भर में अपना काम बंद रखेंगे। आंगनवाड़ी में ताला लटकायेगे और जबरदस्त अपनी मांग पर प्रदर्शन करेंगे,सोये हुए सरकार को जगायेंगे। संयुक्त मंच कई बार संचालनालय में जाकर संचालक,उपसंचालक, सचिव,मंत्री सभी से निवेदन किए हैं अपील किए हैं कि आप हमसे बैठकर समस्या का समाधान निकाले,परंतु आज तक नहीं होने के कारण यह आंदोलन का निर्णय लिया गया है अब 1 सितंबर 2025 को बहुत ही शानदार तरीके से प्रदेश भर की एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाएं सडक़ पर उतरकर आवाज बुलंद करेंगे।
तकनीकी और जमीनी समस्या पर नाराजगी
कार्यकर्ता सहायिका का कहना है कि विभागीय कार्य अब मोबाइल में फेस कैप्चर, ई केवाईसी,और पोषण ट्रैकर ऐप में आधारित हो गया है लेकिन जमीनी स्तर पर 5त्र मोबाइल,टैबलेट, और नेटवर्क की सुविधा नहीं है,नेटवर्क ना होने पर हितग्राही की एंट्री और फेस कैप्चर नहीं हो पाता जिसके चलते मानदेय काट लिया जा रहा है। कई बार लाभार्थियों के पास मोबाइल या ओटीपी सुविधा नहीं होती जिससे उन्हें शासन की योजना से वंचित होना पड़ता है।
1 सितंबर को प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्र में बंद रहेंगी ताला
जीने लायक वेतन व बर्खास्त पदाधिकारी की बहाली की मांग होगी तेज
