रायगढ़। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा, ट्रेनों की समयबद्धता तथा परिचालन क्षमता में वृद्धि के लिए बिलासपुर – झारसुगुड़ा रेल खंड पर चौथी रेल लाइन के अंतर्गत कोतरलिया स्टेशन में 11 से 24 अप्रैल तक नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य किया जा रहा है। यह कार्य लगभग 2100 करोड़ रुपये की लागत से की जा रही जो बिलासपुर – झारसुगुड़ा 206 किलोमीटर लंबी चौथी रेल लाइन परियोजना का हिस्सा है।
उल्लेखनीय है कि कोतरलिया स्टेशन में विगत 11 अप्रैल से चल रहे इंटरलाकिंग कार्य के लिए इस मार्ग से चलने वाली लोकल सहित 36 एक्सप्रेस यात्री ट्रेनों का परिचालन रद्द कर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस कार्य के पूर्ण होते ही ट्रेनों के परिचालन में भी तेजी आएगी। इस दौरान कोतरलिया स्टेशन को व्यापक मॉडिफिकेशन कार्य भी किया जा रहा है, जिसमें एक अतिरिक्त प्लेटफॉर्म का निर्माण, एडवांस इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली की स्थापना, सिग्नलिंग और ट्रैक कनेक्टिविटी का सुदृढ़ीकरण शामिल है। इससे स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही अधिक तेज, संरक्षित और सुगम हो सकेगी। वहीं रेलवे अधिकारियों की मानें तो इस कार्य के पूर्ण होने के बाद ट्रेनों की गति और समयपालन में सुधार होगा, लाइन की क्षमता भी बढ़ेगी और इस सेक्शन में रेल परिचालन में गतिशीलता वृद्धि होगी। यह परियोजना इस अंचल के यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएगी और व्यापार, उद्योग और परिवहन के क्षेत्र में नया आयाम जोड़ेगी। हालांकि जब तक यह कार्यपूर्ण नहीं हो जाता, तब तक यात्रियों को परेशान होना पड़ेगा। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे हमेशा से यात्रियों की सुविधा, संरक्षा और संरचना के आधुनिकीकरण को प्राथमिकता देता है। यह परियोजना उसी दिशा में एक बड़ा कदम है, जो न केवल तकनीकी उन्नयन को दर्शाता है बल्कि भविष्य के लिए एक मजबूत रेल नेटवर्क की नींव भी रखता है।
औद्योगिक शहरों से जोडऩे की तैयारी
वहीं बताया जा रहा है कि चौथी रेल लाइन का कार्य पूर्ण होने के बाद विशेष रूप से कोरबा, रायगढ़, चांपा, झारसुगुड़ा जैसे औद्योगिक शहरों से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों को तो लाभ मिलेगा ही साथ ही व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। यह रेल लाईन बिलासपुर-झारसुगुड़ा के बीच 206 किमी लंबी रेल लाइन होगी।
ट्रेनों की गति मे आएगी तेजी
चौथी रेल लाइन का कार्य पूर्ण होने के बाद जहां यात्री ट्रेनों की गति मे तेजी आएगी तो वहीं माल ढुलाई के लिए गुड्स ट्रेनों की भी संख्या बढ़ेगी, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यात्रियों का सफर भी सुगम होगा। इसके साथ ही रायगढ़ में भी चल रहे चौथी रेल लाइन का काम भ द्रुत गति से चल रहा है। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बहुत जल्द ही यह कार्य भी पूर्ण हो जाएगा। इससे बिलासपुर से झारसुगुगुड़ा तक ट्रेनों का परिचालन बगैर लेट किए ही गंतब्य तक पहुंचेगी।
500 से अधिक कर्मचारी दिन-रात कर रहे काम
कोतरलिया स्टेशन में चले कार्य को जल्द से पूर्ण करने के लिए विगत 11 अप्रैल से यहां करीब 500 से अधिक रेलवे अधिकारी, इंजीनियर और श्रमिक दिन-रात आधुनिक मशीनों के सहयोग से कार्य में जुटे हुए हैं, ताकि कार्य समयसीमा के भीतर पूर्ण किया जा सके। इसके साथ ही इस कार्य के मानिटरिंग भी पूरी गहनता से की जा रही है, ताकि आगे चल कर किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
कोतरलिया स्टेशन में चल रहा यार्ड मॉडिफिकेशन कार्य
यह कार्य पूर्ण होते ही रेल परिचालन में आएगी तेजी



