कोसीर। सारंगढ़ जिला मुख्यालय से 16 किमी दूर पश्चिम दिशा में महानदी किनारे सांस्कृतिक नगरी कोसीर का बसाहट है जहां कल्चुरीन कालीन सभ्यता से जुड़ी मां कौशलेशवरी देवी की ऐतिहासिक मंदिर है। कोसीर गांव का मेला मड़ई दिसंबर माह में भरता है जहां दूर दूर से लोग मेला में आनंद लेने आते हैं। यहां का मेला इस अंचल के लिए पर्व से कम नहीं है। इस मेला में गांव की बेटी बहु पहुनाही बनकर पूरे मेले भर रहते हैं। कोसीर गांव और आस पास के यादव समाज के बंधु राऊत नाच कर अपना शौर्य का प्रदर्शन करते है लोग राऊत नाचा को देखने दूर दूर से आते है। हालांकि पिछले दो दशक से राऊत नाचा की धमक में कमी देखी गई है।पर मेला का स्तर और बढ़ा है। बड़े बड़े झूले,सिनेमा मीना बाजार लगते हैं जो आकर्षण का केंद्र होता है। इस वर्ष मेला स्थल में परिवर्तन किया गया है और अटल बाजार व्यवसायिक परिसर द्वारिका नगर में 5 दिवसीय मेला का आयोजन किया जा रहा है।
मेला स्थल मुख्य बस्ती से 1 किलोमीटर दूर है। बाजार ठेकेदार राजेंद्र राव व उनके सहयोगियों ने मेला को आकर्षण बनाने के लिए कमरकस कर तैयारी की है।वर्तमान में इस मेला मड़ई को उत्सव महोत्सव में सहेजने की जरूरत है यह मेला 200 वर्ष से अधिक पुरानी है। वर्तमान में जिस स्थान पर मेला का आयोजन हो रहा है उस स्थल में बाजार भी लगती है आने वाले समय में इस स्थल में आमूलचूल व्यवस्था में परिवर्तन करते हुए पानी, बिजली, शौचालय की व्यवस्था ग्रापं स्तर से हो जाती है तो यह मेला अपनी इतिहास को समेट कर आगे बढ़ेगी। सोंच में परिवर्तन की जरूरत है। वही मेला में हजारों लोग आनंद लेने आते है उस हिसाब से यहां पुलिस और प्रशासन की कैंप भी प्रमुखता से होनी चाहिए। वही सामाजिक संगठनों को भी भाग लेने की जरूरत है।मेला को नए रूप में स्थापित करने की आज जरूरत है जो कोसीर गांव के इतिहास को समेट कर रखा है। इस चर्चित मेला मड़ई में लोग आनंद लें और यहां की इतिहास को समेट कर अपने जीवन में संजोए ऐसे पहल की आज जरूरत है। गांव के यादव समाज के बंधुओं को भी आज जागने की जरूरत है और अपने पारंपरिक नृत्य को संजोकर आगे बढऩे की जरूरत है। 20 दिसंबर से 24 दिसंबर तक मेला आयोजित हो रही है जिसकी तैयारी ग्रापं व बाजार ठेकेदार की सम्पूर्ण जिम्मेदारी होती है मेलास्थल में ग्रामीण संगठन की भी जरूरत है ? मेला स्थल पर झूले,मीना बाजार,बनज सिनेमा लग रही है, जो मनोरंजन के साधन हैं। यहां लोग व्यापार करने दूर दूर से आते हैं। मेला का एक अलग पहचान है।
आज से कोसीर गांव का चर्चित मड़ई मेला शुरू
