सारंगढ़। माइनिंग विभाग के तेज तर्रार खनिज निरीक्षक इन दिनों चर्चा में जोरों पर हैं। वैसे तो खनिज निरीक्षक गढ़पाले अपने फर्ज निभा रहे हैं और गाड़ी को पकडऩे के लिए शहंशाह बन रहे हैं। रात को अंधेरे में निकल रहे हैं लेकिन यह केवल दिखाने के लिए है, क्योंकि खनिज निरीक्षक केवल रात को ही निकलते हैं और कुछ गाडिय़ों पर कार्यवाही करते हैं और कई गाडिय़ों को छोड़ देते हैं। वैसे तो सूत्र बता रहे हैं कि हर महीने उन पर लक्ष्मी जी की चढ़ावा चढ़ाई जाती है, अगर महीने में एक दिन भी विलंब हो गया तो आपकी गाड़ी की खैर नहीं। लोग बाग में चर्चा बना हुआ है कि खनिज निरीक्षक गाड़ी पकड़ते हैं गाड़ी पकडऩे के बाद थाना भी ले जाते हैं और थाना लेने के बाद कहीं से फोन आता है तो गाड़ी को नौ दो ग्यारह कर देते हैं। हालांकि हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं, लेकिन लोगों के जुबान पर तो यही चर्चा बना हुआ है। अगर यह लोगों के जुबान पर चर्चा बना हुआ है तो 100 प्रतिशत सत्य ही होगा, अगर माइनिंग विभाग गाड़ी पकड़ी है और पकडऩे के बाद थाना से छोड़े है तो उसी दिनांक को सिटी होते हुए वह गाड़ी चक्रधर नगर थाने के मैदान पर उसी दिनांक को गया होगा। अगर इसकी जांच सीसीटीवी में होगा तो पता चल जाएगा की लोगों में जो चर्चा बना हुआ है वह कितना सत्य है। अगर ऐसा है तो खनिज विभाग के अधिकारी को भी सोच समझकर कार्यवाही करना चाहिए और जब कार्यवाही हो जाए तो उस गाड़ी को छोडऩा नहीं चाहिए, लेकिन यहां तो खनिज विभाग की किरकिरी हो रही है और साथ ही साथ रायगढ़ कलेक्टर व शासन प्रशासन की भी बदनामी हो रही है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है और ऐसे खनिज इंस्पेक्टर पर कब कार्यवाही होगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा या फिर कलेक्टर के निर्देश पर कब कार्यवाही होगी यह भी देखने वाली बात होगी।
रेत वाली अवैध परिवहन 1167 का क्या है मामला
वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही दिनों पहले ही एक गाड़ी को तेज तर्रार खनिज निरीक्षक ने सुबह-सुबह ही कार्यवाही करके चक्रधर नगर थाना ले जाया गया, लेकिन थाना भी जाने से क्या फायदा यहां तो सब लक्ष्मी जी की कृपा बरसा रहे हैं, तब गाड़ी थाना भी पहुंच जाए उसके बाद भी गाड़ी छूट जा रही है। वह भी ऐसा वैसा गाड़ी नहीं जहां सख्त निर्देश दिया गया है कि रेत की परिवहन एवं खनन पर सख्त कार्यवाही की जाए, उस गाड़ी को खनिज निरीक्षक ने थाना पहुंचने के बाद गाड़ी को 5 मिनट बाद नौ दो ग्यारह कर दिया गया। धन्य है! ऐसे अधिकारी जो अपने फर्ज नहीं निभा पा रहे हैं तो ऐसे अधिकारी को नौकरी ही नहीं करना चाहिए और साथ ही साथ शासन प्रशासन की भी बदनामी हो रही है और ऐसे अधिकारी की रायगढ़ जैसे जिले में थू-थू हो रही है, क्योंकि यह तो गाड़ी को पकडऩे के बाद थाना से ही छोड़ दे रहे हैं तो क्या यह अवैध रूप से वहां चल रहे क्रेशर या फिर रेत पर क्या कार्यवाही करेंगे। ऐसे अधिकारी पर शासन प्रशासन क्यों कार्यवाही नहीं कर रही है यह समझ से परे है।
ईडी का जांच हो तो दूध का दूध और पानी का पानी
रायगढ़ जिला में कई वर्षों से पदस्थ खनिज निरीक्षक के ऊपर ईडी जैसे अधिकारियों की जांच हो तो जन्म कुंडली निकल जाएगा और कई चौंकाने वाला खुलासा भी हो सकते हैं, क्योंकि इनकी जहां-जहां पोस्टिंग हुई है वह अच्छे जगहों पर ही हुई है जहाँ लक्ष्मी जी की बहुत भंडार रहता है। अगर उनकी संपत्ति की जांच होगा तो कई सारे खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि रायगढ़ जिले में बहुत सारे क्रेशर व बालू खदानें हैं और यहां पर कोयले भी निकल रहे हैं। यहाँ बड़े-बड़े कंपनियों से इनको चढ़ावा आता है तो उन पर कार्यवाही नहीं करते हैं। वैसे तो खनिज निरीक्षक बड़े-बड़े अवैध उत्खनन करने वालों पर रहम करते हैं और दिखावा के लिए एक कार्यवाही भी कर ले तो बहुत बड़ी बात है। ऐसे में अब आगे देखना होगा कि इन पर क्या कार्यवाही होगी, क्या संपत्ति की जांच होगी या फिर रायगढ़ कलेक्टर संज्ञान लेकर इन पर कुछ कार्यवाही करेंगे, क्योंकि वह तो अवैध रूप से परिवहन की गाडिय़ां पकड़ते हैं और गाडिय़ों को छोड़ देते हैं, ऐसा लोग बाग में चर्चा है।
अवैध परिवहन पर साय सरकार की सख्त आदेश उसके बाद भी इस आदेश को अपने जेब में रखते हैं खनिज निरीक्षक और छोड़ देते हैं गाड़ी वैसे तो खनिज निरीक्षक या फिर कोई भी विभाग की हो साय सरकार द्वारा सख्त हिदायत दिया गया है कि अवैध रूप से जो भी रेत का खनन हो रहा है या परिवहन हो रहा है उस पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी, लेकिन माजरा यहां तो उल्टा ही नजर आ रहा है। उस आदेश को अपने जेब में रखने वाले खनिज निरीक्षक गाड़ी को पकड़ते हैं और पकडऩे के बाद थाना भी ले जाया जाता है और थाना ले जाने के बाद कहीं से फोन आता है तो गाड़ी को छोड़ देते हैं। गजब का कारनामा करते हैं जी ! ऐसे ऑफीसरों पर सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए या फिर ऐसे अधिकारियों को बस्तर की ओर साय सरकार को करवाना चाहिए। अब देखते हैं आने वाले समय में इन पर क्या कार्यवाही होती है।
गाड़ी पकडक़र थाना पहुंचाकर कर किया नौ-दो-ग्यारह
खनिज निरीक्षक की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल° पकडऩे के बाद बगैर कार्यवाही के छोडऩे से शासन-प्रशासन की हो रही किरकिरी
